गुरुग्राम,12 अगस्त (युआईटीवी)- भारत की प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन,एयर इंडिया ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि वह 1 सितंबर 2025 से दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी के बीच सीधी उड़ान सेवा को अस्थायी रूप से बंद करने जा रही है। यह निर्णय कंपनी ने अपने बेड़े में विमान की अस्थायी कमी और संचालन से जुड़ी चुनौतियों के कारण लिया है। हालाँकि,यह कदम यात्रियों के लिए कुछ समय के लिए असुविधाजनक हो सकता है,लेकिन एयर इंडिया का कहना है कि यह उसकी पूरी रूट नेटवर्क की विश्वसनीयता और सेवा गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
एयर इंडिया के अनुसार,इस सेवा को रोकने का सबसे बड़ा कारण बेड़े में विमान की उपलब्धता में कमी है। कंपनी ने हाल ही में 26 बोइंग 787-8 विमानों के लिए बड़े पैमाने पर रीफिटिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस रीफिटिंग प्रक्रिया में विमानों के इंटीरियर को नया रूप देना,नई और उन्नत सुविधाएँ जोड़ना और यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना शामिल है। एयर इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, “यह परिवर्तन हमारे यात्रियों को एक विश्वस्तरीय अनुभव देने के लिए है,लेकिन इसके लिए हमें अपने कुछ विमानों को लंबे समय तक सेवा से बाहर रखना पड़ रहा है।” इस कार्यक्रम के 2026 के अंत तक जारी रहने की संभावना है।
इस अस्थायी उड़ान रोक के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का अब भी बंद रहना है। पाकिस्तान के एयरस्पेस पर प्रतिबंध के चलते भारत से अमेरिका और यूरोप के लिए जाने वाली लंबी दूरी की उड़ानों को अधिक लंबा और जटिल रूट अपनाना पड़ रहा है। इससे उड़ानों का संचालन समय बढ़ जाता है,ईंधन की खपत अधिक होती है और विमान की उपलब्धता पर असर पड़ता है। एयर इंडिया के अनुसार,इस वजह से संसाधनों का प्रबंधन और चुनौतीपूर्ण हो गया है,जिसके चलते उन्हें कुछ रूट्स को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला करना पड़ा।
जिन यात्रियों ने 1 सितंबर 2025 के बाद वॉशिंगटन डीसी के लिए एयर इंडिया से टिकट बुक किए हैं,उन्हें एयर इंडिया की तरफ से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जाएगा। एयरलाइन यात्रियों को दो प्रमुख विकल्प देगी—पहला,किसी अन्य उपलब्ध उड़ान पर पुनः बुकिंग और दूसरा, टिकट का पूरा रिफंड। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि इन विकल्पों को यात्रियों की सुविधा के अनुसार जल्द-से-जल्द लागू किया जाएगा,ताकि किसी को भी अनावश्यक परेशानी न हो।
हालाँकि,वॉशिंगटन डीसी के लिए सीधी उड़ान बंद की जा रही है,लेकिन एयर इंडिया यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगी। यात्री अब भी एयर इंडिया के चार प्रमुख अमेरिकी गेटवे—न्यूयॉर्क,नेवार्क,शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के माध्यम से एक स्टॉप के साथ वॉशिंगटन डीसी तक पहुँच सकते हैं। इन रूट्स पर एयर इंडिया ने अलास्का एयरलाइंस,यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयर लाइंस के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत यात्रियों को एक ही टिकट पर यात्रा करने और अपना बैगेज सीधे अंतिम गंतव्य तक चेक-इन कराने की सुविधा मिलेगी,जिससे उनकी यात्रा अपेक्षाकृत सहज बनी रहेगी।
एयर इंडिया अब भी भारत और उत्तरी अमेरिका के छह शहरों के बीच सीधी उड़ानें जारी रखेगी। इनमें कनाडा के टोरंटो और वैंकूवर के साथ-साथ अमेरिका के अन्य प्रमुख शहर शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि फिलहाल वह अपने मौजूदा रूट्स पर सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगी और संसाधनों का कुशल प्रबंधन करेगी,ताकि भविष्य में अधिक स्थिरता के साथ अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं का विस्तार किया जा सके।
एयर इंडिया की यह रणनीतिक चाल उसकी दीर्घकालिक योजनाओं का हिस्सा है। एयरलाइन इस समय व्यापक बदलावों और आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। 1932 में जेआरडी टाटा द्वारा शुरू की गई एयर इंडिया,आज टाटा समूह के अधीन है और भारतीय व वैश्विक विमानन उद्योग में एक मजबूत पहचान रखती है। कंपनी न केवल अपने फुल-सर्विस इंटरनेशनल ब्रांड के लिए जानी जाती है,बल्कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के जरिए लो-कॉस्ट रीजनल मार्केट में भी सक्रिय है।
पिछले कुछ वर्षों में एयर इंडिया ने अपने अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं। नए विमान,उन्नत इन-फ्लाइट सेवाएँ और बेहतर समयबद्धता इसके प्रमुख लक्ष्यों में रहे हैं। हालाँकि,विमानन उद्योग में प्रतिस्पर्धा के बीच संचालन से जुड़ी चुनौतियाँ,तकनीकी अपग्रेड और बाहरी कारक जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र पर लगाए गए प्रतिबंध,अक्सर एयरलाइंस को अपने शेड्यूल में बदलाव करने के लिए मजबूर करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एयर इंडिया का यह निर्णय अल्पकालिक असुविधा के बावजूद दीर्घकाल में कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। विमान रीफिटिंग के पूरा होने के बाद यात्रियों को अधिक आरामदायक सीटें,बेहतर मनोरंजन प्रणाली और उन्नत कैबिन सुविधाएँ मिलेंगी,जो कंपनी की ब्रांड छवि को मजबूत करेंगी और प्रतिस्पर्धा में उसे बढ़त देंगी।
यात्रियों के लिए,यह अस्थायी बदलाव भले ही यात्रा योजनाओं में हलचल पैदा करे,लेकिन एयर इंडिया द्वारा दिए जा रहे वैकल्पिक विकल्प और रिफंड सुविधा उनके लिए राहत की बात होगी। कंपनी का स्पष्ट संदेश है कि यह कदम सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने और भविष्य में बेहतर अनुभव देने के लिए है,न कि बाजार से पीछे हटने के लिए।
अंतर्राष्ट्रीय विमानन बाजार में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच,एयर इंडिया का यह फैसला इस बात का संकेत है कि वह भविष्य की तैयारी में कोई समझौता नहीं करना चाहती। 2026 के अंत तक जब रीफिटिंग कार्यक्रम पूरा होगा,तब कंपनी नए उत्साह और अधिक आधुनिक बेड़े के साथ अपने यात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार होगी। तब तक,यात्रियों को थोड़ा धैर्य और योजना में लचीलापन रखना होगा,ताकि उनकी यात्रा अनुभव में अनावश्यक तनाव न हो।