यरूशलम,16 सितंबर (युआईटीवी)- मध्य पूर्व में जारी गाजा संघर्ष को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर से इजरायल के प्रति अपने मजबूत समर्थन का संदेश दिया है। सोमवार को यरुशलम पहुँचे अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट कहा कि वॉशिंगटन गाजा में चल रहे सैन्य अभियान के साथ खड़ा है और उसका मानना है कि क्षेत्र में स्थायी शांति तभी संभव होगी जब हमास का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
रुबियो ने कहा, “गाजा के लोगों का बेहतर भविष्य बन सकता है,लेकिन यह भविष्य तभी संभव होगा,जब हमास का अंत हो जाएगा। आप हमारे अटूट समर्थन और प्रतिबद्धता पर भरोसा कर सकते हैं।” उनकी इस टिप्पणी ने साफ कर दिया कि अमेरिका की विदेश नीति फिलहाल इजरायल की सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप ही आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी इस अवसर पर कहा कि विदेश मंत्री रुबियो की यह यात्रा वॉशिंगटन की ओर से इजरायल के लिए स्पष्ट समर्थन का संकेत है। नेतन्याहू ने इसे ऐसे समय में आई अहम कूटनीतिक पहल करार दिया,जब इजरायल गाजा सिटी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए व्यापक सैन्य अभियान चला रहा है।
रुबियो ने उन पश्चिमी देशों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी,जिन्होंने हाल के दिनों में फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम केवल प्रतीकात्मक हैं और इनका जमीनी स्तर पर कोई सकारात्मक असर नहीं होता। उल्टा,यह हमास जैसे संगठनों को और अधिक प्रोत्साहित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीन की मान्यता का फैसला गाजा की जटिल वास्तविकताओं को बदलने में असमर्थ है और इस तरह के कदम संघर्ष को और गहरा सकते हैं।
संयुक्त प्रेस वार्ता से पहले रुबियो ने संकेत दिया था कि उनकी नेतन्याहू के साथ चर्चा का केंद्र गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान के लक्ष्य और उद्देश्यों पर रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री का कहना था कि यह जरूरी है कि अभियान का अंतिम लक्ष्य क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करना हो,ताकि गाजा के नागरिक हिंसा और आतंक के बिना जीवन जी सकें।
इस बीच,गाजा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इजरायली सेना ने रविवार और सोमवार को गाजा सिटी पर अपने हमले तेज कर दिए। सेना रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार,अब तक करीब तीन लाख लोग गाजा सिटी से पलायन कर चुके हैं। यह आँकड़ा वहाँ की मानवीय स्थिति की भयावहता को दिखाता है। लगातार बमबारी और बढ़ती हिंसा ने लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर जाने को मजबूर कर दिया है।
सोमवार को इजरायली सेना ने गाजा सिटी की एक और ऊँची इमारत को निशाना बनाया। सेना का दावा है कि इन बहुमंजिला इमारतों का इस्तेमाल हमास खुफिया गतिविधियों और संचालन केंद्रों के रूप में कर रहा था। इजरायल का कहना है कि उसकी मौजूदा सैन्य रणनीति का मकसद केवल हमास के ठिकानों को ध्वस्त करना ही नहीं है,बल्कि उन लगभग 50 लोगों को छुड़ाना भी है,जिन्हें यह संगठन बंधक बनाए हुए है।
इजरायल का अभियान ऐसे समय में और तेज किया गया है,जब पिछले हफ्ते दोहा में हुए एक इजरायली हवाई हमले के चलते खाड़ी देशों ने नाराजगी जताई थी। उस हमले में छह लोगों की मौत हुई थी। यह हमला कथित तौर पर हमास की वार्ता टीम को निशाना बनाने के लिए किया गया था,जो गाजा युद्धविराम से जुड़ी चर्चाओं में शामिल थी। हालाँकि,हमला अपने प्राथमिक लक्ष्य तक नहीं पहुँच सका। इस पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने कहा, “हमारा ध्यान इस बात पर है कि आगे क्या होना चाहिए।” उनके इस बयान ने संकेत दिया कि अमेरिका अतीत की घटनाओं से ज्यादा भविष्य की रणनीति पर जोर देना चाहता है।
गाजा में मानवीय संकट की स्थिति दिन-ब-दिन गहराती जा रही है। लगातार पलायन और बमबारी ने वहाँ की बुनियादी सेवाओं को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने पहले ही चेतावनी दी है कि गाजा में पानी,भोजन और दवाओं की गंभीर कमी हो रही है,लेकिन इजरायल का कहना है कि उसकी प्राथमिकता हमास के नेटवर्क को पूरी तरह नष्ट करना है,ताकि भविष्य में उसके द्वारा कोई भी आतंकी हमला न किया जा सके।
रुबियो की इस यात्रा और बयानबाजी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका इस मामले में पूरी तरह इजरायल के पक्ष में खड़ा है। अमेरिका का मानना है कि गाजा की राजनीतिक स्थिरता और वहाँ के नागरिकों की सुरक्षा हमास की मौजूदगी में संभव नहीं है। वहीं,आलोचकों का कहना है कि इस नीति के चलते गाजा में मानवीय संकट और गहरा सकता है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की तटस्थता पर भी सवाल उठेंगे।
गाजा संघर्ष एक ऐसे मोड़ पर पहुँच चुका है,जहाँ हर कदम न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर रहा है। इजरायल अपने सैन्य अभियान को निर्णायक बनाने की कोशिश कर रहा है,वहीं अमेरिका उसके साथ खड़ा होकर यह संदेश दे रहा है कि वॉशिंगटन की प्राथमिकता सुरक्षा और आतंकवाद के खात्मे पर है। हालाँकि,इस पूरे घटनाक्रम का गाजा के आम नागरिकों पर क्या असर होगा और क्षेत्र में शांति कब लौटेगी,यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।

