वॉशिंगटन,4 फरवरी (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद, अमेरिका ने अवैध आप्रवासियों के खिलाफ एक बड़े निर्वासन अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत, 3 फरवरी को एक अमेरिकी सैन्य विमान अवैध प्रवासियों को लेकर भारत के लिए रवाना हुआ। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिकी अधिकारियों ने इस विमान के 24 घंटे के भीतर भारत पहुँचने की पुष्टि की। यह भारत के लिए पहला निर्वासन अभियान है,जो ट्रंप की वॉइट हाउस में वापसी के बाद हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अमेरिका में भारतीय अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी। इस बातचीत के दौरान,भारत ने अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति जताई थी और लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी की बात की थी। भारत द्वारा सहमति देने के बाद,यह पहला बड़ा कदम था, जहाँ अमेरिका ने एक सैन्य विमान के जरिए अवैध प्रवासियों को भारत भेजने का कदम उठाया।
अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ इस अभियान में अपनी सैन्य ताकत का भी सहारा लिया है। अमेरिकी प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए अमेरिकी सेना से मदद माँगी है। इसके तहत,अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं और सैन्य अड्डों का इस्तेमाल अवैध प्रवासियों को रखने के लिए किया जा रहा है। अमेरिका ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया जाए।
यह अभियान सिर्फ भारत के लिए नहीं,बल्कि अन्य देशों के लिए भी है। ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों में भी अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया गया है। हालाँकि, भारत के लिए यह सबसे दूर का स्थान है, जहाँ अवैध प्रवासियों का निर्वासन किया जा रहा है। अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजने का यह प्रयास एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है,जिसके तहत ट्रंप प्रशासन अवैध आप्रवासन को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
अमेरिकी प्रशासन ने अवैध प्रवासियों की संख्या को लेकर चिंता जताई है और इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा है। इसके अलावा,अवैध प्रवासियों की वापसी को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का उद्देश्य भविष्य में दोनों देशों के बीच अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना है।
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि भारत अवैध आप्रवासियों को वापस लेने के मामले में सही कदम उठाएगा। वॉइट हाउस के अनुसार,दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई और उन्होंने अवैध प्रवासियों की वापसी के मुद्दे पर सहयोग को लेकर चर्चा की। यह बातचीत दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल को दर्शाती है और भविष्य में इससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई दिशा मिल सकती है।
ट्रंप प्रशासन की यह पहल अमेरिकी सरकार के अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त रवैये का हिस्सा है। अमेरिकी सरकार ने इस नीति को लागू करने के लिए सैन्य और सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया है,ताकि अवैध प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा जा सके। इससे यह भी संकेत मिलता है कि अमेरिका अब अपनी आंतरिक सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है और अवैध प्रवासियों के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता।
भारत के लिए यह कदम एक नया अध्याय है, जहाँ अमेरिका के साथ मिलकर अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सहयोग बढ़ाया गया है। यह भारत के लिए एक चुनौती भी हो सकती है, क्योंकि यह मुद्दा भारतीय प्रवासियों और उनके परिवारों के लिए संवेदनशील हो सकता है। हालाँकि,यह कदम दोनों देशों के बीच अवैध प्रवासियों के मामले में सहयोग को नया आयाम दे सकता है और भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर सकता है।
यह कदम यह दर्शाता है कि अमेरिका अपनी आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है,वहीं भारत भी इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई मजबूती आ सकती है।
