अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी,एरिक मेयर (तस्वीर क्रेडिट@PammaBoldaJee)

अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर जोर देने के लिए करेंगे पाकिस्तान का दौरा

न्यूयॉर्क,6 अप्रैल (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन पाकिस्तान के साथ अपने आतंकवाद विरोधी सहयोग और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी,एरिक मेयर,इस्लामाबाद के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी सहयोग और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रगति देना है।

विदेश विभाग ने एक बयान जारी किया,जिसमें बताया गया कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी एरिक मेयर इस्लामाबाद में एक इंटर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग के महत्व को रेखांकित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेगा। इसके अलावा,एरिक मेयर पाकिस्तान में अमेरिकी व्यवसायों के लिए नए अवसर उत्पन्न करने की दिशा में भी काम करेंगे,ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूती मिले।

बयान में यह भी बताया गया कि प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के खनिज निवेश मंच में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए भी काम करेगा। इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान में खनिज क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। यह दौरा दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दूसरी ओर,दक्षिण एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री का पद अभी भी खाली है और ट्रंप प्रशासन के द्वारा नामित उम्मीदवार पॉल कपूर इस समय सीनेट की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। यह स्थिति अमेरिकी प्रशासन के आंतरिक कामकाज को प्रभावित कर सकती है,लेकिन इस दौरे के जरिए पाकिस्तान के साथ संबंधों को और गहरा करने की कोशिश की जा रही है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के समय में पाकिस्तान की सैन्य समर्थित सरकारों के साथ रिश्ते उतने अच्छे नहीं थे। बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान की सरकारों से दूरी बना ली थी और इसके किसी भी प्रधानमंत्री को वाशिंगटन आमंत्रित नहीं किया था,न ही उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था। हालाँकि,ट्रंप प्रशासन का दृष्टिकोण पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग और व्यापारिक रिश्तों को प्रगति देने की ओर है।

साल 2023 में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के समय काबुल हवाई अड्डे के पास आत्मघाती बम विस्फोट के मास्टरमाइंड,आईएसआईएस-खोरहासन के नेता मोहम्मद शरीफुल्लाह को पकड़कर अमेरिका को सौंपने की कोशिश की थी। इस घटना में 13 अमेरिकी सैन्य कर्मियों की मौत हुई थी। शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी और उसे अमेरिका को सौंपना पाकिस्तान का यह संकेत था कि वह आतंकवाद विरोधी मामलों में अमेरिका के साथ सहयोग करने को तैयार है।

ट्रंप ने पाकिस्तान की इस मदद के लिए पिछले महीने कांग्रेस को धन्यवाद भी दिया था। यह अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में एक सकारात्मक कदम था। हालाँकि,पाकिस्तान के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय था,क्योंकि अमेरिका से अच्छा संबंध बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को अपनी आतंकवाद विरोधी नीति और घरेलू सुरक्षा पर पुनर्विचार करना पड़ा।

इस दौरे से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूती देने के लिए कई पहलुओं पर काम कर रहा है,जैसे कि व्यापार,आतंकवाद विरोधी सहयोग और खनिज निवेश। यह भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है,क्योंकि पाकिस्तान और भारत के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद,अमेरिका का रुख पाकिस्तान के साथ सकारात्मक संवाद और सहयोग को प्राथमिकता देना है।

इस प्रकार,ट्रंप प्रशासन के इस कदम से यह उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच के रिश्ते मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच आपसी लाभकारी सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा। यह दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम हो सकता है,जो न केवल आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है,बल्कि आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में भी नए अवसर उत्पन्न कर सकता है।