नई दिल्ली,19 जनवरी (युआईटीवी)- रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म ‘एनिमल’ की ओटीटी रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने समन जारी किया है। सिने1 स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय में ‘एनिमल’ की ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी,जिसके जवाब में ‘एनिमल’ की ओटीटी रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने समन जारी किया है।
फिल्म के एक प्रमुख निर्माता ने आरोप लगाया है कि उनके समझौते का सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (टी-सीरीज़) ने उल्लंघन किया है और जो लाभ शेयर और बौद्धिक संपदा सिने1 को दिया जाना था,वह नहीं दिया गया है।
इस मुक़दमे को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने प्रतिवादियों को समन जारी कर,लिखित बयान जमा करने का समय दिया है।
प्रतिवादियों को अदालत ने निर्देश दिया है कि लिखित बयान के साथ वादी के दस्तावेजों को स्वीकार/अस्वीकार करने का शपथपत्र भी दाखिल किया जाना चाहिए। यदि शपथपत्र दाखिल नहीं किया जाएगा तो लिखित बयान को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
वादी को अदालत ने निर्देश दिया है कि लिखित बयान मिलने के 15 दिनों के अंदर प्रतिकृति दाखिल करें। अदालत ने निर्देश दिया है कि वादी जब भी कोई प्रतिकृति दाखिल करता है,तो उसके साथ प्रतिवादी के दस्तावेजों को स्वीकार/अस्वीकार करने का एक शपथपत्र दाखिल करना अनिवार्य है। शपथपत्र के बिना प्रतिकृति पर विचार नहीं किया जाएगा।
अब इस मामले को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष 15 मार्च को भेजा जाएगा।

वरिष्ठ वकील संदीप सेठी सिने1 का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं,उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वित्तीय विवरण को उचित तरीके से साझा करने में टी-सीरीज विफल रही है। सिने1 की अनुमति के बिना टी-सीरीज ने फिल्म के प्रचार /रिलीज,खर्च उठाने का काम किया।
उन्होंने पहले अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया था कि, ” उनके साथ मेरा लंबा रिश्ता है,किन्तु उनके मन में समझौते के प्रति कोई सम्मान नहीं है। मैं अदालत में जल्दबाजी नहीं करता। क्योंकि मैं रिश्ते और अनुबंध की पवित्रता का सम्मान करता हूँ।”
इस मामले को न्यायमूर्ति नरूला ने गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। न्यायमूर्ति नरूला ने यह फैसला सोमवार को इस मामले में अनुबंध में कथित रूप से छुपाए गए संशोधन का पता चलने पर लिया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल टी-सीरीज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं,उन्होंने तर्क दिया कि 2 अगस्त, 2022 के संशोधन के माध्यम से सिने1 ने 2.6 करोड़ रुपये लेकर बौद्धिक संपदा के अधिकारों को त्याग दिया था।
आगे उन्होंने कहा कि, ” इस संशोधन और 2.6 करोड़ रुपये मिलने की बात को छुपाया गया है। एक रूपया भी उन्होंने फिल्म में नहीं लगाई है और 2.6 करोड़ रुपये भी उन्हें मिले।”
इन सब तर्कों को सुनते हुए अदालत ने अपना फैसला लिया और इस मामले को स्थगित कर दिया। ताकि इस संशोधन के संबंध में जानकारी मिल सकें। सिने1 ने टी-सीरीज द्वारा क्रेडिट और प्रचार समझौतों का पालन न किए जाने की बात पर जोर दिया और शर्तें पूरी होने तक “एनिमल” को ओटीटी पर रिलीज करने से रोकने की माँग की।