नई दिल्ली,3 जून (युआईटीवी)- 2 जून 2025 को, चेन्नई महिला अदालत ने 37 वर्षीय बिरयानी विक्रेता ए. ज्ञानशेखरन को दिसंबर 2024 में 19 वर्षीय अन्ना विश्वविद्यालय की छात्रा के यौन उत्पीड़न के लिए बिना किसी छूट के न्यूनतम 30 साल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह घटना 23 दिसंबर, 2024 को हुई,जब ज्ञानसेकरन ने विश्वविद्यालय परिसर में जबरन प्रवेश किया। छात्रा और उसके पुरुष मित्र को धमकाया और एक सुनसान इलाके में उसका यौन उत्पीड़न किया। उसने इस हमले को रिकॉर्ड भी किया और फुटेज का इस्तेमाल पीड़ितों को ब्लैकमेल करने के लिए किया।
इस मामले ने तमिलनाडु में व्यापक विरोध और राजनीतिक बहस को जन्म दिया। एआईएडीएमके और भाजपा सहित विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि दोषी का डीएमके से राजनीतिक संबंध है।
जवाब में, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने त्वरित जाँच और सजा की सराहना की और महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
बिना किसी छूट के आजीवन कारावास की सज़ा देने के न्यायालय के फ़ैसले को परिसरों में यौन हिंसा के ख़िलाफ़ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।पीड़िता ने अपनी पढ़ाई जारी रखी है, तथा अदालती आदेशों के तहत उसकी पहचान सुरक्षित है।