एशेज सीरीज की धमाकेदार शुरुआत (तस्वीर क्रेडिट@JournoHemraj)

एशेज सीरीज की धमाकेदार शुरुआत: इंग्लैंड 172 पर ढेर,मिचेल स्टार्क की घातक गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया हावी

पर्थ,21 नवंबर (युआईटीवी)- एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पर्थ स्टेडियम में खेले जा रहे मुकाबले की पहली पारी में पूरी टीम मात्र 172 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मैच शानदार आगाज़ लेकर आया,खासकर तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के शानदार स्पेल ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर पूरी तरह तोड़ दी। स्टार्क ने अपनी तेज रफ्तार,सटीकता और स्विंग की धार से इंग्लिश बल्लेबाजों को चारों खाने चित कर दिया। उन्होंने अकेले 7 विकेट झटककर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया।

मुकाबले की शुरुआत से ही इंग्लैंड का दिन खराब रहा। कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला तो किया,लेकिन यह निर्णय इंग्लिश टीम के लिए उलटा साबित हुआ। मैच की छठी गेंद पर ही सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। मिचेल स्टार्क के पहले ही ओवर से यह साफ हो गया कि आज उनका दिन है। इंग्लैंड का स्कोर तब तक शून्य ही था और शुरुआती झटका टीम को दबाव में डालने के लिए काफी था।

ओली पोप और बेन डकेट ने हालाँकि पारी को संभालने का प्रयास किया और 34 गेंदों में 33 रन जोड़कर तेजी से रन बनाने की कोशिश की,लेकिन यह ‘बैजबॉल’ शैली का हमला ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। डकेट 20 गेंदों में 21 रन बनाकर आउट हो गए। उनकी पारी में अच्छी शुरुआत जरूर दिखी,मगर टेस्ट मैच में टी20 जैसा खेलना असरदार नहीं रहा। इसके तुरंत बाद जो रूट बिना खाता खोले चलते बने। इंग्लैंड की टीम 39 रन के भीतर अपने तीन अहम बल्लेबाजों से हाथ धो चुकी थी और इन तीनों ही विकेटों का श्रेय गया मिचेल स्टार्क को,जिन्होंने लगातार गेंदबाजी से इंग्लिश कैंप में खौफ भर दिया था।

इसके बाद ओली पोप और हैरी ब्रूक ने मिलकर संघर्ष करने की कोशिश की। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 67 गेंदों में 55 रन जोड़े और कुछ समय के लिए साझेदारी ने राहत का अहसास कराया। ओली पोप 58 गेंदों पर 46 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने चार बेहतरीन चौके लगाए और अच्छी फॉर्म में दिखे,लेकिन स्टार्क और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की योजनाबद्ध रणनीति ने उन्हें ज्यादा देर टिकने नहीं दिया।

ओली पोप के आउट होने के बाद इंग्लैंड की पारी में फिर से गिरावट शुरू हो गई। कप्तान बेन स्टोक्स ने हैरी ब्रूक के साथ कुछ रन जरूर जोड़े,लेकिन वह भी लंबी पारी नहीं खेल सके। इंग्लैंड की बल्लेबाजी बार-बार अपनी आक्रामक शैली को बचाने की कोशिश करती दिखी,लेकिन हर बार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उन्हें गलतियों का एहसास करवाया।

हैरी ब्रूक ने हालाँकि एक शानदार पारी खेली और संकट की घड़ी में टीम के लिए 52 रन बनाए। उन्होंने 61 गेंदों पर 1 छक्का और 5 चौके लगाए। यह स्कोर इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा योगदान साबित हुआ। वहीं,जेमी स्मिथ ने भी 33 रन बनाकर टीम की उम्मीदों को कुछ देर तक जिंदा रखा। उन्होंने ब्रूक के साथ मिलकर 30 गेंदों में 45 रन जोड़े और आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की,लेकिन यह साझेदारी भी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाने के लिए पर्याप्त नहीं रही।

ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिचेल स्टार्क दिन के नायक रहे। उन्होंने 12.5 ओवरों में 58 रन देकर 7 विकेट हासिल किए,जिनमें 4 मेडन ओवर भी शामिल थे। उनकी गेंदबाजी का हर स्पेल इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए चुनौती बनकर आया। स्टार्क की तेज गेंदों पर स्विंग और उछाल ने इंग्लिश मध्यक्रम को बुरी तरह परेशान किया। उनके अलावा,टेस्ट डेब्यू कर रहे ब्रेंडन डोगेट ने भी 2 अहम विकेट चटकाए और अपनी उपयोगिता साबित की। कैमरून ग्रीन ने भी एक महत्वपूर्ण विकेट लिया और इंग्लैंड को 172 के छोटे स्कोर पर रोकने में अहम भूमिका निभाई।

इंग्लैंड की बल्लेबाजी का बैजबॉल अंदाज इस मैच में बुरी तरह विफल रहा। लगातार तेजी से रन बनाने के प्रयास में उन्होंने विकेट भी उतनी ही तेजी से गंवाए। टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और संतुलन की जरूरत होती है और इंग्लिश बल्लेबाजों की जल्दबाजी ने टीम को मुश्किल स्थिति में ला दिया। दूसरी ओर,ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी यूनिट ने योजनाबद्ध रणनीति के साथ इंग्लैंड की कमजोरी का बखूबी फायदा उठाया।

पर्थ की उछालभरी और तेज पिच पर इंग्लैंड का यह स्कोर बेहद कम माना जा रहा है और अब ऑस्ट्रेलिया के पास पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने और मैच पर अपनी पकड़ मजबूत करने का सुनहरा मौका है। एशेज सीरीज की धमाकेदार शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में हुई है और इंग्लैंड को अब दूसरी पारी में या आगामी मैचों में वापसी के लिए बेहद मजबूत मनोवैज्ञानिक तैयारी की जरूरत होगी।