एडिलेड,17 दिसंबर (युआईटीवी)- एडिलेड ओवल में बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत हुई और पहले ही दिन मुकाबले ने रोमांचक मोड़ ले लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत बेहद खराब रही,लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी के शानदार शतक और अनुभवी उस्मान ख्वाजा के अर्धशतक ने मेजबान टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट के नुकसान पर 326 रन बना लिए,जिससे उसने मैच में मजबूत स्थिति बनाने की नींव रख दी।
टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया,लेकिन यह निर्णय शुरुआती ओवरों में भारी पड़ता नजर आया। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने नई गेंद से जबरदस्त अनुशासन दिखाया और मेजबान टीम को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। सिर्फ 33 रन के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया ने अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों को खो दिया। ट्रेविस हेड और जैक वेदरलैंड इंग्लैंड की सटीक लाइन-लेंथ के सामने ज्यादा देर टिक नहीं सके और पवेलियन लौट गए। शुरुआती झटकों ने एडिलेड ओवल में मौजूद घरेलू दर्शकों को भी कुछ देर के लिए खामोश कर दिया।
इसके बाद क्रीज पर आए मार्नस लाबुशेन और कैमरन ग्रीन से पारी को सँभालने की उम्मीद थी,लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा। लाबुशेन और ग्रीन दोनों ही बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे और लगातार अंतराल में आउट हो गए। 94 रन के कुल स्कोर पर चार विकेट गिरने के बाद ऑस्ट्रेलिया गंभीर संकट में दिख रहा था। इंग्लैंड की टीम इस समय मैच पर पूरी तरह हावी नजर आ रही थी और लग रहा था कि मेजबान टीम को पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
ऐसे कठिन समय में चौथे नंबर पर उतरे उस्मान ख्वाजा और छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने पारी को सँभालने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। दोनों बल्लेबाजों ने हालात को भांपते हुए धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और खराब शुरुआत के बाद टीम को स्थिरता दी। ख्वाजा ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल किया और ढीली गेंदों पर रन बटोरते रहे,जबकि कैरी ने शुरुआत में संभलकर खेलते हुए धीरे-धीरे रन गति बढ़ाई।
पाँचवें विकेट के लिए ख्वाजा और कैरी के बीच 91 रन की अहम साझेदारी हुई,जिसने ऑस्ट्रेलिया को फिर से मुकाबले में ला खड़ा किया। ख्वाजा ने अपनी पारी में संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाया। वह शतक के बेहद करीब पहुँच गए थे,लेकिन दुर्भाग्यवश 126 गेंदों पर 82 रन बनाकर आउट हो गए। उनकी पारी में आत्मविश्वास साफ झलक रहा था और उन्होंने यह साबित किया कि दबाव के क्षणों में वह टीम के लिए कितने अहम खिलाड़ी हैं।
ख्वाजा के आउट होने के बाद भी एलेक्स कैरी क्रीज पर डटे रहे और उन्होंने पारी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी निभाई। कैरी ने जोश इंग्लिस के साथ छठे विकेट के लिए 59 रन जोड़े और फिर निचले क्रम में मिचेल स्टार्क के साथ आठवें विकेट के लिए 50 रन की उपयोगी साझेदारी की। इस दौरान कैरी ने अपना पहला एशेज शतक पूरा किया,जो उनके करियर के यादगार पलों में से एक बन गया। उन्होंने 143 गेंदों पर 1 छक्के और 8 चौकों की मदद से 106 रन बनाए। कैरी का यह शतक न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि था,बल्कि टीम के लिए भी बेहद अहम साबित हुआ।
दिन का खेल समाप्त होने से ठीक पहले कैरी आठवें विकेट के रूप में आउट हुए। इसके बाद मिचेल स्टार्क और नाथन लियोन ने बिना कोई जोखिम लिए दिन का खेल समाप्त कराया। स्टार्क 63 गेंदों पर 33 रन बनाकर नाबाद लौटे,जबकि लियोन खाता खोले बिना क्रीज पर मौजूद रहे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 326 रन तक पहुँचना इस बात का संकेत है कि टीम ने शुरुआती झटकों के बावजूद शानदार वापसी की है।
इस मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम में एक अहम बदलाव भी देखने को मिला। स्टीव स्मिथ अस्वस्थ होने के कारण टेस्ट शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गए,जिसके चलते उस्मान ख्वाजा को अंतिम समय में टीम में शामिल किया गया। ख्वाजा ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अर्धशतक जड़ दिया और चयनकर्ताओं के फैसले को सही साबित किया।
इंग्लैंड की ओर से गेंदबाजी में जोफ्रा आर्चर सबसे सफल रहे,जिन्होंने 3 विकेट झटके। ब्रायडन कार्स और विल जैक्स ने 2-2 विकेट लिए,जबकि जोश टंग को 1 सफलता मिली। इंग्लिश गेंदबाजों ने शुरुआती सत्रों में शानदार प्रदर्शन किया,लेकिन मध्य और अंतिम सत्र में कैरी और ख्वाजा की साझेदारियों ने उनका असर कुछ हद तक कम कर दिया।
पहले दिन के खेल के बाद मुकाबला संतुलित नजर आ रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर लिया है,जबकि इंग्लैंड को दूसरे दिन जल्दी विकेट निकालकर बढ़त बनाने की कोशिश करनी होगी। एशेज सीरीज के लिहाज से यह टेस्ट बेहद अहम है और पहले ही दिन मिले उतार-चढ़ाव ने संकेत दे दिया है कि आगे भी रोमांच की कोई कमी नहीं रहने वाली।
