भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव (तस्वीर क्रेडिट@ShivrajXind)

एशिया कप 2025: पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत,कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पहलगाम हमले के पीड़ितों और सेना के जवानों को समर्पित की जीत

दुबई,15 सितंबर (युआईटीवी)- एशिया कप 2025 में रविवार को खेले गए भारत-पाकिस्तान मुकाबले ने न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित किया,बल्कि यह मैच भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के लिए भी बेहद यादगार साबित हुआ। जन्मदिन के अवसर पर खेले गए इस मुकाबले में सूर्यकुमार ने अपने बल्ले से वह करिश्मा दिखाया,जिसकी उम्मीद हर भारतीय दर्शक कर रहा था। टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 7 विकेट से मात देकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की,लेकिन इस जीत की सबसे बड़ी बात यह रही कि कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इसे कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहादुरी दिखाने वाले सैनिकों को समर्पित किया।

मैच की शुरुआत पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करके की,लेकिन भारतीय गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाज बड़ी साझेदारी नहीं कर पाए। साहिबजादा फरहान ने 40 रनों की जुझारू पारी खेली,जबकि तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी ने अंत में नाबाद 33 रन जोड़कर स्कोर को थोड़ा सम्मानजनक बनाया। निर्धारित 20 ओवरों में पाकिस्तान की टीम 9 विकेट खोकर केवल 127 रन ही बना सकी।

भारत की ओर से बाएँ हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपने 4 ओवर में मात्र 18 रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट झटके और पाकिस्तान की पारी को झकझोर दिया। उनके अलावा अक्षर पटेल ने 2 विकेट लिए,जबकि जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या ने भी अहम मौके पर पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। वरुण चक्रवर्ती ने एक विकेट झटका। गेंदबाजी में टीम इंडिया का सामूहिक प्रदर्शन काबिले-तारीफ रहा और उन्होंने विपक्षी टीम को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया।

128 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। युवा बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने पारी की पहली ही गेंद से शाहीन अफरीदी पर दबाव बना दिया। उन्होंने पहली दो गेंदों पर चौका और छक्का जड़कर स्टेडियम में बैठी भीड़ को उत्साहित कर दिया। शर्मा ने मात्र 13 गेंदों में 31 रन ठोक दिए,जिसमें 4 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। हालाँकि,वह अपनी तेज पारी को ज्यादा लंबा खींच नहीं पाए और आउट हो गए।

इसके बाद शुभमन गिल और तिलक वर्मा ने पारी को संभालने की कोशिश की। गिल 10 रन बनाकर जल्दी आउट हो गए,लेकिन तिलक वर्मा ने 31 गेंदों पर 31 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। इस दौरान टीम इंडिया को जिस स्थिरता और आत्मविश्वास की जरूरत थी,वह उनके योगदान से मिला। हालाँकि,असली आकर्षण कप्तान सूर्यकुमार यादव की पारी रही।

सूर्यकुमार यादव ने अपने जन्मदिन पर शानदार अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने 37 गेंदों पर नाबाद 47 रन बनाए और टीम को जीत की दहलीज तक पहुँचाया। उनकी पारी में एक से बढ़कर एक शॉट देखने को मिले। खासकर मैच को छक्के के साथ खत्म करना उनकी फिनिशर वाली भूमिका को परिभाषित करता है। अंत में शिवम दुबे 10 रन बनाकर नाबाद रहे और भारतीय टीम ने मात्र 15.5 ओवर में 3 विकेट खोकर 131 रन बनाते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया।

मैच के बाद पुरस्कार समारोह में जब संजय मांजरेकर ने कप्तान का स्वागत करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं,तो पूरा स्टेडियम “हैप्पी बर्थडे” के नारों से गूँज उठा। इस मौके पर सूर्यकुमार ने भावुक होकर कहा, “भारत को इस तरह का रिटर्न गिफ्ट देकर बहुत अच्छा लग रहा है। हमारी यही मानसिकता रही है कि हर मैच को एक समान तरीके से खेलना है। यही सोच हमें चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में भी काम आई थी।”

इसके बाद उन्होंने अपने बयान से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा, “मैं यह जीत अपने सभी सशस्त्र बलों को समर्पित करना चाहता हूँ,जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण बहादुरी दिखाई। हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं और उनकी तकलीफ को साझा करते हैं। हमारी कोशिश यही रहेगी कि मैदान पर अपने प्रदर्शन से हम उन्हें मुस्कुराने की वजह दें।”

सूर्यकुमार का यह समर्पण भाव भारतीय क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा। यह सिर्फ एक कप्तान की जिम्मेदारी नहीं थी,बल्कि यह उस भावना का प्रतीक था,जो खेल और देशभक्ति को जोड़ती है। उनकी यह संवेदनशीलता दर्शाती है कि खेल केवल मनोरंजन नहीं है,बल्कि यह समाज और राष्ट्र की भावनाओं को भी जोड़ने का माध्यम है।

इस जीत ने भारतीय टीम का आत्मविश्वास और भी मजबूत किया है। पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम को मात देना हमेशा खास माना जाता है और इस बार तो मौका और भी खास था क्योंकि कप्तान ने अपने जन्मदिन को इस यादगार जीत के साथ मनाया। साथ ही,भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों ने मिलकर ऐसा प्रदर्शन किया जिसने टीम के संतुलन और ताकत को स्पष्ट कर दिया।

मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार कुलदीप यादव को दिया गया। उनकी गेंदबाजी ने पाकिस्तान की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी और भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि टीम में उनकी भूमिका कितनी अहम है।

आखिरकार,यह मुकाबला केवल एक जीत नहीं था,बल्कि एक संदेश भी था कि मैदान पर जीत से बड़ी जीत वह होती है,जब खिलाड़ी अपनी सफलता को देश की सुरक्षा और बलिदान से जोड़ते हैं। सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने यह दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट केवल खेल तक सीमित नहीं है,बल्कि यह राष्ट्र की भावना और एकजुटता का प्रतीक है।