न्यूयॉर्क,11 जून (युआईटीवी)- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के चलते एक बड़ी आतंकी साजिश को विफल कर दिया गया है। कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक मुहम्मद शाहजेब खान को अमेरिका आईएसआईएस से जुड़े आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और ब्रुकलिन (न्यूयॉर्क) में एक यहूदी केंद्र पर सामूहिक गोलीबारी की योजना बनाने के आरोप में प्रत्यर्पित किया गया है। यह घटनाक्रम वैश्विक सुरक्षा नेटवर्क के तेज़ समन्वय और सतर्कता का उदाहरण है, जिसने संभावित खूनखराबे को समय रहते टाल दिया।
4 सितंबर 2024 को पाकिस्तानी नागरिक शाहजेब खान को कनाडा में गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप था कि वह आईएसआईएस से प्रेरित होकर न्यूयॉर्क के एक यहूदी समुदाय केंद्र पर आतंकी हमला करने की योजना बना रहा था। यह हमला 7 अक्टूबर 2024 को, हमास द्वारा इजरायल पर किए गए आतंकी हमले की पहली बरसी पर किया जाना था। सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते साजिश को नाकाम कर दिया।
अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का मानना है कि शाहजेब खान ने जानबूझकर यह प्रतीकात्मक तारीख चुनी ताकि हमले को एक आतंकी संदेश के रूप में दुनिया के सामने पेश किया जा सके। वह कनाडा से अमेरिका की सीमा पार कर न्यूयॉर्क में इस हमले को अंजाम देना चाहता था।
एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में दी। उन्होंने लिखा, “बड़ी खबर… आज दोपहर मुहम्मद शाहजेब खान को आईएसआईएस को मदद करने और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की कोशिश के आरोप में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया।”
आगे उन्होंने बताया कि एफबीआई और अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया और साझा खुफिया जानकारी के कारण इस गंभीर खतरे को रोका जा सका।
एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार,शाहजेब खान लंबे समय से कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में था और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आतंकी विचारधारा से प्रभावित हुआ था। वह आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित होकर एक ‘लोन वुल्फ अटैक’ (एकल हमला) की योजना बना रहा था।
उसे उम्मीद थी कि हमला यहूदी समुदाय पर होगा,जिससे न सिर्फ इजरायल विरोधी संदेश जाएगा,बल्कि यह ग्लोबल मीडिया अटेंशन भी बटोरेगा। उसका इरादा था कि यह हमला दुनिया भर में एक प्रेरणादायक उदाहरण बने,जैसा कि आईएसआईएस और हमास जैसी आतंकी संस्थाएँ करती रही हैं।
इस मामले में सबसे अहम बात रही कनाडा और अमेरिका के बीच खुफिया सूचना साझा करने की तत्परता। जैसे ही एफबीआई को शाहजेब खान की गतिविधियों की जानकारी मिली,उन्होंने कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया। कनाडाई एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खान को गिरफ्तार किया और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करके अमेरिका को प्रत्यर्पण सौंप दिया।
काश पटेल ने इस सहयोग के लिए एजेंसियों की सराहना करते हुए लिखा, “शुक्र है कि एफबीआई टीमों और हमारे सहयोगियों के शानदार काम ने उन योजनाओं का समय रहते खुलासा किया।”
एफबीआई डायरेक्टर ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए यह भी कहा कि यह घटना इस बात की चेतावनी है कि दुनिया भर में यहूदी समुदायों के प्रति खतरे बढ़ते जा रहे हैं। हाल के वर्षों में,विशेषकर मध्य पूर्व में इजरायल-हमास संघर्ष के बाद,कई कट्टरपंथी संगठन यहूदी विरोधी हिंसा को एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा,”यह मामला दुनिया के हर कोने में आतंकवाद के निरंतर खतरे की याद दिलाता है।”
फिलहाल, शाहजेब खान अमेरिकी हिरासत में है और न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में उसके खिलाफ मुकदमा चलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उस पर कई गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं, जिनमें आतंकवादी संगठन को सहायता देने की कोशिश, आतंकवादी गतिविधि की योजना बनाना,सीमा पार साजिश रचना और सामूहिक नरसंहार की साजिश शामिल हैं।
यदि इन आरोपों में वह दोषी पाया जाता है,तो उसे आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। साथ ही,उसकी नागरिकता और वीजा स्टेटस की भी समीक्षा की जा सकती है।
यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि आतंकवाद आज वैश्विक स्वरूप ले चुका है और इसका मुकाबला करने के लिए राष्ट्रों के बीच समन्वय और सूचना साझेदारी अत्यंत आवश्यक है। शाहजेब खान की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सतर्क खुफिया तंत्र, तेज कार्रवाई और सशक्त अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है।
जहाँ एक ओर यह एक गंभीर आतंकी खतरे की झलक देता है,वहीं दूसरी ओर यह भी दिखाता है कि दुनिया के लोकतांत्रिक देश ऐसे खतरों के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने में सक्षम हैं।
शाहजेब खान की साजिश को विफल कर दिया गया,लेकिन यह चेतावनी भी है कि आतंकवाद की लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई। यह लगातार सतर्कता,सहयोग और कठोर कानूनी कार्रवाई की माँग करती है।