नई दिल्ली,9 दिसंबर (युआईटीवी)- एशेज सीरीज 2025 रोमांचक मोड़ पर पहुँच चुकी है। पाँच टेस्ट मैचों की इस प्रतिष्ठित श्रृंखला के दो मैच खेले जा चुके हैं और दोनों में ऑस्ट्रेलिया ने दमदार जीत हासिल कर 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली है। तीसरा टेस्ट 17 दिसंबर से एडिलेड में खेला जाना है,लेकिन उससे पहले दोनों टीमों को बड़े झटकों का सामना करना पड़ा है। एक तरफ ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड चोट के चलते सीरीज से बाहर हो गए हैं,वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड भी पूरी श्रृंखला से बाहर हो गए हैं। इन दो बड़े नामों का बाहर होना दोनों टीमों के लिए संतुलन बिगाड़ने वाला साबित हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को पिछले महीने शेफील्ड शील्ड के दौरान हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आया था। चोट के बाद उन्हें लगातार आराम की जरूरत थी,लेकिन उम्मीदों के बावजूद उनकी रिकवरी उम्मीद से धीमी रही। पिछले दोनों एशेज टेस्टों में वह टीम का हिस्सा नहीं थे और अब हेड कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड ने पुष्टि कर दी है कि हेजलवुड पूरी श्रृंखला से बाहर हो चुके हैं। यह ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा झटका है क्योंकि हेजलवुड अपनी सटीक लाइन-लेंथ और लगातार विकेट लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। एशेज जैसी हाई-प्रेशर सीरीज में उनकी मौजूदगी टीम के लिए महत्वपूर्ण होती,लेकिन चोट ने उनके अभियान को बीच में ही रोक दिया।
हेडलैंड्स की वापसी की संभावनाएँ इस समय एशेज से नहीं,बल्कि आगामी टी20 विश्व कप से जुड़ी हैं,जो 7 फरवरी से शुरू होने वाला है। हेजलवुड अब अपनी फिटनेस को उस टूर्नामेंट के लिए दुरुस्त करने पर ध्यान देंगे। कोच एंड्रयू मैकडॉनल्ड ने कहा कि टीम को उनकी कमी खलेगी और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने अनुभवी गेंदबाज को अपना योगदान देने का मौका नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि टीम मैनेजमेंट को उम्मीद थी कि हेजलवुड सीरीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, लेकिन चोट ने सारे समीकरण बदल दिए।
इसी बीच ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए एक राहत की खबर भी सामने आई है। पहले दो टेस्ट मैचों से बाहर रहने के बाद कप्तान पैट कमिंस अब तीसरे टेस्ट के लिए पूरी तरह फिट हो चुके हैं। उनकी अनुपस्थिति में स्टीव स्मिथ अंतरिम कप्तान के तौर पर टीम की कमान सँभाल रहे थे। कमिंस की वापसी न सिर्फ टीम लीडरशिप को मजबूत करेगी,बल्कि ऑस्ट्रेलिया के पेस अटैक को भी गहराई देगी। कमिंस दुनिया के शीर्ष तेज गेंदबाजों में से एक हैं और उनकी वापसी इंग्लैंड के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती है। तीसरे टेस्ट में पेस संयोजन हेजलवुड की गैरमौजूदगी में बदला हुआ दिखाई देगा,लेकिन कमिंस के अनुभव और फिटनेस के दम पर टीम उसे संतुलित करने की कोशिश करेगी।
दूसरी ओर इंग्लैंड की टीम पहले ही 0-2 से पिछड़कर दबाव में है और ऐसे समय में उन्हें अपने तेज गेंदबाज मार्क वुड के बाहर होने का बड़ा झटका लगा है। मार्क वुड ने पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में हिस्सा लिया था,लेकिन उसके बाद उनका पुराना बाएँ घुटने का दर्द लौट आया। इस कारण उन्हें दूसरे टेस्ट से बाहर रहना पड़ा। अब इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने पुष्टि कर दी है कि वुड पूरी एशेज श्रृंखला से बाहर हो चुके हैं और वह रिहैबिलिटेशन के लिए घर लौटेंगे।
मार्क वुड इंग्लैंड के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। उनकी गेंदबाजी की रफ्तार 150 किमी प्रति घंटा के आसपास रहती है,जो किसी भी बल्लेबाज को असहज कर सकती है। ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी इंग्लैंड की गेंदबाजी को कमजोर बना सकती है। खासकर उस समय जब टीम को वापसी की सख्त जरूरत है और ऑस्ट्रेलिया को दबाव में लाने के लिए उन्हें हर संभव हथियार की जरूरत पड़ रही है।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने मार्क वुड के रिप्लेसमेंट के तौर पर मैथ्यू फिशर को टीम में शामिल किया है। फिशर ने अब तक इंग्लैंड के लिए एक ही टेस्ट मैच खेला है,जो उन्होंने मार्च 2022 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। उनके पास सीमित अनुभव है,लेकिन इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट को उम्मीद है कि वह अपनी स्विंग और कंट्रोल से टीम को मदद पहुँचा सकते हैं। हालाँकि,यह भी सच है कि एशेज जैसा हाई-प्रेशर मंच किसी भी नए खिलाड़ी के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। फिशर पर टीम की उम्मीदें काफी हद तक निर्भर करेंगी,खासकर तब जब इंग्लैंड को सीरीज में वापसी के लिए जीत की बेहद जरूरत है।
अब नजरें एडिलेड टेस्ट पर टिकी हैं। ऑस्ट्रेलिया 2-0 की बढ़त के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत स्थिति में है और कमिंस की वापसी ने उनकी ताकत में और इजाफा किया है। दूसरी तरफ इंग्लैंड को न सिर्फ टीम संयोजन में बदलाव करने पड़ेंगे,बल्कि मानसिक दृढ़ता भी दिखानी होगी। चोटों ने दोनों टीमों की रणनीतियों पर बड़ा असर डाला है,लेकिन इंग्लैंड के लिए स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वह हार की कगार पर है और सीरीज को जीवित रखने के लिए तीसरे टेस्ट में हर हाल में दमदार प्रदर्शन करना होगा।
एशेज सीरीज हमेशा से ही उतार-चढ़ाव,दबाव और रोमांच से भरी रही है। अब देखना यह होगा कि दोनों टीमें चोटों से जूझते हुए आगे के मैचों में कैसी रणनीति अपनाती हैं और किस तरह हालात को अपने पक्ष में करती हैं। तीसरा टेस्ट इस सीरीज की दिशा बदल सकता है या ऑस्ट्रेलिया की बढ़त को अजेय बना सकता है,यह आने वाले दिनों में सामने आ जाएगा।
