मुंबई,19 जून (युआईटीवी)- ताहिरा कश्यप ने हाल ही में आयुष्मान खुराना के साथ अपने शुरुआती विवाहित जीवन के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि 2008 में शादी के बंधन में बंधने के कुछ समय बाद ही उन्हें अपनी बचत से घर का खर्च चलाना पड़ा। बिना नौकरी के मुंबई आने के बाद ताहिरा ने कई महीनों तक किराने का सामान खरीदने के लिए अपने निजी पैसों का इस्तेमाल किया,जिसका आयुष्मान को पता भी नहीं चला कि उनकी बचत पूरी तरह खत्म हो गई है।
भावनात्मक मोड़ तब आया जब आयुष्मान,उसकी स्थिति से अनजान,ने लापरवाही से पूछा कि उसने आम क्यों नहीं खरीदे। उस सवाल ने ताहिरा को तोड़कर रख दिया, उसे एहसास हुआ कि उसने कई दिनों से कुछ नहीं खाया था,ताकि आयुष्मान फलों का आनंद ले सके। आँसू के साथ,उसने उसे बताया कि उसका बैंक बैलेंस लगभग एक साल के बाद शून्य हो गया था और वह चुपचाप घर के सभी खर्चों को संभाल रही थी।
कमज़ोरी का यह पल जागरूकता के लिए उत्प्रेरक बन गया। आयुष्मान,जो उस समय वीजे के तौर पर काम कर रहे थे,ने आखिरकार ताहिरा की आर्थिक तंगी को समझा। उन्होंने पूछा कि उसने उनसे मदद क्यों नहीं माँगी,जिस पर उसने जवाब दिया, “क्योंकि तुम्हें किराने का सामान मेरे साथ साझा करना चाहिए।” यह स्पष्ट आदान-प्रदान उसकी ताकत और स्वतंत्रता को दर्शाता है,साथ ही साथ कठिनाई और आपसी सहयोग के माध्यम से जोड़े की यात्रा को भी दर्शाता है।
ताहिरा की कहानी उनके शुरुआती वर्षों में वित्तीय संघर्ष और भावनात्मक लचीलेपन दोनों को उजागर करती है। यह उनकी साझेदारी की एक गहरी झलक पेश करती है, जो टीमवर्क,समझ और आयुष्मान के करियर की प्रगति के साथ अंततः सामंजस्य पर आधारित है।
