नई दिल्ली,19 दिसंबर (युआईटीवी)- बहरीन में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय क्लब स्तर के कबड्डी टूर्नामेंट ने पाकिस्तान में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी उबैदुल्लाह राजपूत के भारतीय जर्सी पहनकर भारतीय टीम की ओर से खेलने की खबर सामने आने के बाद पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन (पीकेएफ) ने कड़ा रुख अपनाया है। फेडरेशन ने इस पूरे मामले को गंभीर अनुशासनहीनता करार देते हुए खिलाड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मामला सामने आने के बाद खेल जगत से लेकर सोशल मीडिया तक इस पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।
पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन ने इस विवाद को लेकर 27 दिसंबर को जनरल काउंसिल की एक आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में पूरे घटनाक्रम की जाँच की जाएगी और यह तय किया जाएगा कि उबैदुल्लाह राजपूत के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाए। फेडरेशन का कहना है कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी का भारत की जर्सी पहनकर खेलना और भारतीय झंडे के साथ मैदान पर उतरना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।
पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन के सचिव राणा सरवर ने इस पूरे मामले पर फेडरेशन का पक्ष रखते हुए कहा कि अध्यक्ष चौधरी शफे हुसैन ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं। राणा सरवर ने बताया कि बहरीन में आयोजित इस इवेंट में कुल 16 पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था,लेकिन यह पाकिस्तान की आधिकारिक राष्ट्रीय टीम नहीं थी। इसी वजह से खिलाड़ियों के लिए फेडरेशन से अनुमति लेने या एनओसी जारी करने की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि फेडरेशन को इस टूर्नामेंट की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी और न ही यह किसी अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर का हिस्सा था।
राणा सरवर ने कहा कि यह बात सही है कि कई देशों के खिलाड़ी क्लब स्तर पर एक साथ खेलते हैं और विभिन्न लीगों में हिस्सा लेते हैं,लेकिन यहाँ मामला अलग है। उनके मुताबिक,एक पाकिस्तानी राष्ट्रीय खिलाड़ी का किसी विदेशी टीम,खासतौर पर भारत के नाम से खेलने वाली टीम का हिस्सा बनना और उसका झंडा लहराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन इसे पाकिस्तान की छवि से जोड़कर देख रही है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
फेडरेशन ने सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं,बल्कि खुद को प्रमोटर बताने वाले आयोजकों और इस तरह के इवेंट कराने वालों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है। राणा सरवर ने कहा कि किसी को भी गैर-कानूनी या बिना अनुमति वाले टूर्नामेंट आयोजित करने या किसी भी तरह से पाकिस्तान का नाम बदनाम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जाँच के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँगे,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस पूरे विवाद के बीच उबैदुल्लाह राजपूत की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक रूप से माफी माँगते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। उबैदुल्लाह ने कहा कि यह टूर्नामेंट हर साल बहरीन में आयोजित किया जाता है और उन्होंने पहले भी इसमें हिस्सा लिया है। इस बार जिस टीम के लिए वे पहले खेलते थे,उसने उन्हें नहीं बुलाया,लेकिन दूसरी टीम से उन्हें खेलने का ऑफर मिला,जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
उबैदुल्लाह का कहना है कि उन्हें पहले से यह जानकारी नहीं थी कि टीमों के नाम “इंडिया” और “पाकिस्तान” रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि जब वे मैदान में प्रवेश कर रहे थे,तब उनके कुछ दोस्तों ने उन्हें बताया कि वे भारत की टीम के लिए खेल रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने कमेंटेटर से यह घोषणा करने के लिए कहा था कि यह कोई भारत-पाकिस्तान मुकाबला नहीं है,बल्कि एक स्थानीय क्लब मैच है। उनके मुताबिक,उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि मैदान में नारे लगाए जाएँगे या झंडे लहराए जाएँगे।
उबैदुल्लाह ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनके मन में कभी यह भावना नहीं थी कि वे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक कप टूर्नामेंट था,कोई विश्व कप या आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला नहीं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर यह कोई विश्व कप या आधिकारिक टूर्नामेंट होता,तो वे केवल पाकिस्तान के लिए ही खेलते। उन्होंने यह भी कहा कि वे पाकिस्तानी हैं और उनकी जिंदगी पाकिस्तान के लिए कुर्बान है।
अपने बयान के अंत में उबैदुल्लाह राजपूत ने फेडरेशन,कोच और उन सभी लोगों से माफी माँगी,जिनकी भावनाओं को इस घटना से ठेस पहुँची है। उन्होंने कहा कि अगर उनसे अनजाने में कोई गलती हुई है,तो उसके लिए वे दिल से माफी माँगते हैं और भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसका पूरा ध्यान रखेंगे।
यह टूर्नामेंट तीसरा जीसीसी कबड्डी कप था,जिसका आयोजन 16 दिसंबर को बहरीन के सलमाबाद स्थित गल्फ एयर क्लब में किया गया था। इस प्रतियोगिता में बहरीन,कुवैत,दुबई और ओमान की टीमें भी शामिल थीं। बताया जा रहा है कि यह एक क्लब स्तर का टूर्नामेंट था,जिसे स्थानीय आयोजकों ने आयोजित किया था,लेकिन टीमों के नाम और झंडों के इस्तेमाल ने इसे राजनीतिक और राष्ट्रीय पहचान से जोड़ दिया,जिससे विवाद और गहरा गया।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों की जिम्मेदारी कहाँ तक है और क्लब स्तर के टूर्नामेंट में राष्ट्रीय पहचान के इस्तेमाल को किस तरह नियंत्रित किया जाना चाहिए। अब सभी की निगाहें 27 दिसंबर को होने वाली पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन की आपात बैठक पर टिकी हैं,जहाँ यह तय होगा कि उबैदुल्लाह राजपूत के करियर पर इस विवाद का क्या असर पड़ेगा और फेडरेशन इस मामले में कितना सख्त रुख अपनाती है।
