मॉस्को,1 दिसंबर (युआईटीवी)- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष एक बार फिर सीमा क्षेत्रों में तनाव बढ़ा रहा है। रूस के पश्चिमी बॉर्डर क्षेत्र बेलगोरोड में यूक्रेन की ओर से किए गए ताजा ड्रोन हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि क्षेत्र में लगातार बढ़ते ड्रोन हमलों ने नागरिकों को भारी नुकसान पहुँचाया है और कई स्थानों पर संपत्तियाँ क्षतिग्रस्त हुई हैं। बेलगोरोड,जो यूक्रेनी सीमा से सटा हुआ इलाका है,पिछले कई महीनों से ऐसे हमलों की चपेट में है,लेकिन रविवार के ये हमले विशेष रूप से घातक साबित हुए।
क्षेत्रीय परिचालन मुख्यालय के मुताबिक,बोरिसोव्स्की जिले के बेरियोजोवका गाँव में एक ड्रोन ने सड़क पर चल रही एक गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। हमले की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि गाड़ी पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे और धुएँ से घिरा यह क्षेत्र कुछ देर तक पूरी तरह अवरुद्ध रहा। आपातकालीन सेवाओं ने मौके पर पहुँचकर राहत कार्य शुरू किया और शवों को बाहर निकाला। घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा भय व्याप्त है।
दूसरा हमला ग्रेवोरोन जिले में हुआ,जहाँ एक और ड्रोन हवा में ही फट गया। उसकी चपेट में एक आदमी आ गया,जिसे कई छर्रे लगे और हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। एक अन्य महिला का चेहरा भी गंभीर रूप से झुलस गया। उसे भी स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कुल पाँच स्थानों पर ड्रोन हमले हुए,जिनसे निजी घरों,वाहनों और बाहरी इमारतों को काफी नुकसान पहुँचा। कई मकानों की छतें उड़ गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटों में उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने 230 अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स को मार गिराया है,जो यह दिखाता है कि सीमा पर ड्रोन गतिविधि अत्यधिक तेज हो गई है। रूस का कहना है कि यूक्रेन लगातार अपनी ड्रोन क्षमता बढ़ा रहा है,जबकि रूस ने जवाब में एयर डिफेंस को मजबूत किया है। इसके बावजूद कई ड्रोन सीमा पार कर आवासीय इलाकों तक पहुँच रहे हैं,जिससे नागरिकों की सुरक्षा पर गहरा संकट मंडरा रहा है।
इस बीच,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति प्रक्रिया को लेकर हलचल तेज होती दिख रही है। 28 नवंबर को क्रेमलिन ने पुष्टि की कि हाल ही में जिनेवा में हुई अमेरिका और यूक्रेन की बैठक के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने रूस को पीस प्लान का विवरण सौंपा है। रूस की सरकारी एजेंसी तास ने राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव के हवाले से बताया कि अमेरिका ने आवश्यक जानकारी रूस को भेज दी है और अगले हफ्ते मॉस्को में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। पेसकोव ने यह भी कहा कि रूस बातचीत के लिए तैयार है,लेकिन वह इसे सार्वजनिक रूप से अभियान की तरह नहीं चलाना चाहता। उनके अनुसार,इस प्रक्रिया को बिना शोर-शराबे के आगे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि सार्थक संवाद हो सके।
यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका और यूक्रेन के बीच 23 नवंबर को 28-पॉइंट पीस प्लान पर चर्चा हुई थी। इस बैठक को अमेरिकी राज्य सचिव मार्को रुबियो ने संघर्ष शुरू होने के बाद सबसे प्रभावशाली बातचीत करार दिया। इस 28-पॉइंट प्लान के बारे में कहा जा रहा है कि यह युद्ध को समाप्त करने के लिए एक व्यापक ढाँचा तैयार करता है, हालाँकि इसकी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। माना जा रहा है कि इसमें सुरक्षा गारंटी,युद्धविराम,कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी जैसी शर्तें शामिल हो सकती हैं।
25 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस योजना पर महत्वपूर्ण बयान दिया और कहा कि इसे रूस और यूक्रेन की ओर से मिली सूचनाओं के आधार पर “फाइन-ट्यून” किया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस शांति प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए अपने विशेष दूतों को रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से मुलाकात के लिए भेज रहे हैं। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह प्रयास लंबे समय से चल रहे संघर्ष को रोकने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा।
हालाँकि,बातचीत का माहौल बन रहा है,लेकिन बेलगोरोड जैसे सीमा क्षेत्रों में बढ़ते ड्रोन हमले यह साफ दिखा रहे हैं कि जमीनी स्थिति अभी भी बेहद अस्थिर है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विरोधाभास आने वाले समय में शांति प्रक्रिया के लिए चुनौती बन सकता है। रूस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन अमेरिकी समर्थन से हमलों की गति बढ़ा रहा है,वहीं यूक्रेन का कहना है कि वह रूस की आक्रामकता के खिलाफ अपनी रक्षा कर रहा है।
बेलगोरोड में हुई ताजा घटनाएँ इस संघर्ष की मानवीय कीमत को एक बार फिर सामने लाती हैं। सर्द मौसम में भय के बीच रह रहे नागरिक लगातार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है। अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है,जबकि बचाव दल क्षतिग्रस्त इलाकों में स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
अब सभी की निगाहें अगले हफ्ते मॉस्को में होने वाली वार्ता पर टिकी हैं। दुनिया को उम्मीद है कि यह बातचीत युद्ध को थामने की दिशा में कोई ठोस रास्ता खोलेगी,लेकिन फिलहाल बेलगोरोड की जमीन पर धमाकों की आवाजें अभी भी शांति की राह में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई हैं।

