विजय देवरकोंडा

बेटिंग ऐप्स प्रमोशन का मामला : विजय देवरकोंडा ईडी के समक्ष हुए पेश,बेटिंग ऐप प्रचार मामले में कई हस्तियों पर शिकंजा

हैदराबाद,6 अगस्त (युआईटीवी)- हैदराबाद में बेटिंग ऐप्स के प्रचार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार विजय देवरकोंडा बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। वे सुबह करीब 11 बजे बशीरबाग स्थित ईडी कार्यालय पहुँचे, जहाँ उनसे घंटों तक पूछताछ की गई। जाँच एजेंसी की ओर से विजय से उन ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स के साथ हुए उनके करार,प्रचार सामग्री,वित्तीय लेन-देन और बैंक खातों से जुड़ी जानकारियों को लेकर सवाल पूछे गए। यह मामला धीरे-धीरे साउथ सिनेमा के कई चर्चित चेहरों को अपनी जद में ले रहा है,जिसमें अभिनेता,यूट्यूबर,सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और टीवी कलाकार शामिल हैं।

ईडी ने विजय देवरकोंडा को समन भेजकर तलब किया था,जो इस जाँच में पेश होने वाले दूसरे अभिनेता हैं। इससे पहले 30 जुलाई को सीनियर एक्टर प्रकाश राज से ईडी ने पाँच घंटे तक पूछताछ की थी। प्रकाश राज ने स्वीकार किया था कि उन्होंने वर्ष 2016 में एक सट्टेबाजी ऐप के लिए विज्ञापन किया था,लेकिन उसके बदले उन्होंने कोई भुगतान नहीं लिया था। उन्होंने जाँच अधिकारियों को बताया कि उन्हें बाद में एहसास हुआ कि इस तरह के ऐप्स का प्रचार नहीं करना चाहिए था और उसके बाद उन्होंने ऐसे किसी ब्रांड से दूरी बना ली।

ईडी की यह कार्रवाई मार्च 2025 में साइबराबाद और हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। पुलिस ने कई सेलेब्रिटीज और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी,जिन पर आरोप था कि उन्होंने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर करोड़ों की कमाई की,जिससे न केवल लाखों लोगों को गुमराह किया गया,बल्कि इससे सार्वजनिक जुआ निषेध अधिनियम,1867 का भी उल्लंघन हुआ। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाओं को देखते हुए इस मामले की जाँच अपने हाथ में ली और इसे ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (पीएमएलए) के अंतर्गत आगे बढ़ाया।

ईडी ने अब तक 29 मशहूर हस्तियों को समन भेजा है,जिनमें फिल्म अभिनेता राणा दग्गुबाती,विजय देवरकोंडा,प्रकाश राज,निधि अग्रवाल,प्रणिता सुभाष,लक्ष्मी मांचू और अनन्या नगेला जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा टीवी कलाकारों की एक लंबी सूची भी सामने आई है,जिसमें श्रीमुखी,श्यामला,वर्षिणी सौंदर्यजन,वसंत कृष्णन,शोभा शेट्टी,अमृता चौधरी,नयनी पावनी,नेहा पठान,पांडु,पद्मावती,हर्षा साई और बय्या सनी यादव के नाम प्रमुखता से शामिल हैं।

इस जाँच के तहत राणा दग्गुबाती को पहले 23 जुलाई को पेश होने के लिए कहा गया था,लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य और काम के कारण कुछ और समय की माँग की। ईडी ने उनकी यह अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें 11 अगस्त की नई तारीख दी है। वहीं,अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू को 13 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक इन सभी से उनके ब्रांड एंडोर्समेंट्स,बैंक ट्रांजैक्शंस,प्रमोशनल फीस और विदेशी खातों से जुड़े लेन-देन की गहराई से जाँच की जा रही है।

ईडी की प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि इन ऐप्स को प्रमोट करने के लिए सेलेब्रिटीज को बड़ी रकम का भुगतान किया गया। इनमें कुछ लेन-देन नकद में हुए,जबकि कुछ रूट बैंक ट्रांसफर या बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से अपनाए गए। यही कारण है कि ईडी इन सभी मशहूर हस्तियों से उनकी बैंक स्टेटमेंट्स,टैक्स डिक्लेरेशन और प्रमोशन एग्रीमेंट्स की प्रतियाँ माँग रही है।

विजय देवरकोंडा और राणा दग्गुबाती ने अपने स्तर पर यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने केवल उन्हीं ऑनलाइन गेम्स का प्रचार किया जो कानूनन स्किल-बेस्ड माने जाते हैं और जिन्हें सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। उनका दावा है कि वे किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी या जुए के अवैध प्लेटफॉर्म से जुड़े नहीं हैं। हालाँकि,ईडी इस दावे की गहन जाँच कर रही है,क्योंकि कुछ ऐप्स खुद को स्किल-बेस्ड गेमिंग बताकर लोगों से सट्टेबाजी करवाते हैं और बाद में उनका पैसा डुबो देते हैं।

ईडी की इस कार्रवाई ने मनोरंजन उद्योग में हड़कंप मचा दिया है। इससे पहले भी कई मामलों में देखा गया है कि सेलेब्रिटीज ब्रांड प्रमोशन के नाम पर किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़ जाते हैं,चाहे वह कानूनी हो या नहीं। अब एजेंसी यह स्पष्ट करना चाहती है कि ऐसे मामलों में केवल कंपनी या ऐप ऑपरेटर ही नहीं,बल्कि प्रचार करने वाली हस्तियाँ भी जवाबदेह हैं,खासकर जब उन प्रचारों से आम जनता की आर्थिक क्षति हुई हो।

ईडी के अधिकारियों का कहना है कि अगर इन कलाकारों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले तो उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा सकती है और संभव है कि भविष्य में कुछ की गिरफ्तारी भी हो। फिलहाल एजेंसी का फोकस तथ्यों की पुष्टि,वित्तीय लेन-देन की निगरानी और प्रमोशनल गतिविधियों के दस्तावेजों की जाँच पर है।

यह मामला भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक चेतावनी है कि वे ब्रांड प्रमोशन से पहले कानूनी पहलुओं की अच्छी तरह से जाँच करें। जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति किसी उत्पाद या सेवा का प्रचार करता है,तो उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही होती है,जितनी कि उसके द्वारा प्रचारित प्लेटफॉर्म की। ईडी की यह सख्त कार्रवाई आने वाले दिनों में सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के नियमों और दायरे को नया रूप दे सकती है।