यूपीआई (तस्वीर क्रेडिट@kuch_nya03)

भीम ऐप का “गर्व से स्वदेशी” अभियान,नए यूजर्स को 20 रुपये कैशबैक से डिजिटल भुगतान को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली,16 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत के स्वदेशी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म भीम ऐप ने देश में डिजिटल भुगतान को और मजबूती देने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत की है। सोमवार को भीम ने “गर्व से स्वदेशी” अभियान लॉन्च किया,जिसके तहत नए यूजर्स को डिजिटल पेमेंट्स अपनाने पर 20 रुपये का कैशबैक दिया जाएगा। यह अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है,जब भीम ऐप इस महीने के अंत में अपनी 10वीं सालगिरह मनाने जा रहा है। बीते एक दशक में भीम ने भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम में एक मजबूत पहचान बनाई है और अब यह अभियान उसी यात्रा का उत्सव और भविष्य की दिशा दोनों को दर्शाता है।

एनपीसीआई भीम सर्विसेज लिमिटेड (एनबीएसएल) की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि यह विशेष ऑफर उन नए यूजर्स के लिए है,जो भीम ऐप पर 20 रुपये या उससे अधिक का लेन-देन करेंगे। कंपनी का मानना है कि छोटे लेकिन प्रोत्साहन देने वाले ऐसे ऑफर पहली बार डिजिटल भुगतान करने वाले यूजर्स का भरोसा बढ़ाते हैं और उन्हें कैशलेस लेन-देन की आदत डालने में मदद करते हैं। खासतौर पर उन लोगों के लिए,जो अब तक नकद लेन-देन पर निर्भर रहे हैं,यह एक सहज और सुरक्षित शुरुआत हो सकती है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश के ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को डिजिटल भुगतान से जोड़ना है। भीम ऐप की सोच यह है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को सरल,सुलभ और भरोसेमंद बनाया जाए,ताकि पहली बार इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को किसी तरह की तकनीकी जटिलता या डर का सामना न करना पड़े। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में,जहाँ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल पहुंच में अंतर है,वहाँ इस तरह के अभियानों की भूमिका और भी अहम हो जाती है। भीम का फोकस इस बात पर है कि देश के हर कोने में डिजिटल भुगतान को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाया जा सके।

एनबीएसएल के अनुसार,नए यूजर्स अगर भीम ऐप का इस्तेमाल अपनी दैनिक जरूरतों के लिए करते हैं,तो वे एक महीने में 300 रुपये तक के कैशबैक का लाभ उठा सकते हैं। इसमें किराना स्टोर से खरीदारी,बस या मेट्रो टिकट,मोबाइल रिचार्ज,बिजली और गैस बिल भुगतान,पेट्रोल खर्च जैसी सामान्य जरूरतें शामिल हैं। इस तरह भीम न केवल डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित कर रहा है,बल्कि इसे रोजमर्रा के खर्चों से जोड़कर उपयोगी और व्यावहारिक भी बना रहा है।

इस साल की शुरुआत में लॉन्च किए गए नए भीम ऐप ने कई आधुनिक फीचर्स के साथ खुद को और मजबूत किया है। यह ऐप अब 15 से अधिक भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है,जिससे देश के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों के यूजर्स के लिए इसका इस्तेमाल आसान हो गया है। इसके अलावा,विज्ञापन-मुक्त इंटरफेस यूजर्स को एक साफ और सरल अनुभव देता है। कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों के लिए भी भीम को अनुकूल बनाया गया है,ताकि कमजोर नेटवर्क के बावजूद डिजिटल भुगतान संभव हो सके। यह विशेषता ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

नए भीम ऐप में जोड़े गए फीचर्स इसे अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स से अलग पहचान देते हैं। स्प्लिट एक्सपेंस फीचर के जरिए यूजर्स किसी बिल को दोस्तों या परिवार के साथ आसानी से बांट सकते हैं। फैमिली मोड परिवार के सदस्यों के बीच खर्च को मैनेज करने में मदद करता है,जबकि स्पेंड एनालिटिक्स यूजर्स को यह समझने में सहायक होता है कि उनका पैसा कहाँ और कैसे खर्च हो रहा है। “एक्शन नीडेड” फीचर जरूरी भुगतान या लंबित कार्यों की याद दिलाता है,जिससे लेन-देन में देरी न हो।

भीम का यूपीआई सर्कल फीचर भी खास ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसके तहत फुल डेलीगेशन की सुविधा दी गई है,जिससे कोई यूजर अपने परिवार के सदस्य,बच्चों,कर्मचारियों या आश्रित व्यक्तियों को एक तय सीमा के भीतर यूपीआई पेमेंट करने की अनुमति दे सकता है। यह फीचर उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है,जो खुद डिजिटल भुगतान में सहज हैं और अपने आसपास के लोगों को भी इस सिस्टम से जोड़ना चाहते हैं,लेकिन सुरक्षा और नियंत्रण बनाए रखना चाहते हैं।

भीम ऐप को डिजाइन करते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि यह देश के नागरिकों की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए। यही कारण है कि इसका इंटरफेस सरल है और फीचर्स व्यवहारिक हैं। सरकार और एनपीसीआई की यह कोशिश रही है कि डिजिटल भुगतान को केवल शहरी सुविधा न बनाकर इसे हर नागरिक की पहुँच में लाया जाए।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का डिजिटल भुगतान मॉडल चर्चा में है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार,यूपीआई अब दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है,जिसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस मामले में यूपीआई ने ब्राजील,थाईलैंड,चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के सिस्टम्स को भी पीछे छोड़ दिया है। भीम ऐप,यूपीआई इकोसिस्टम का एक अहम हिस्सा होने के नाते, इस वैश्विक सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

“गर्व से स्वदेशी” अभियान केवल एक कैशबैक ऑफर नहीं है,बल्कि यह भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है। यह अभियान देशवासियों को यह संदेश देता है कि स्वदेशी तकनीक न केवल विश्वस्तरीय है,बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने में भी सक्षम है। जैसे-जैसे भीम अपनी 10वीं सालगिरह की ओर बढ़ रहा है,यह साफ है कि डिजिटल इंडिया के सफर में इसकी भूमिका आने वाले वर्षों में और भी अहम होने वाली है।