प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@RebornManish)

केरल की राजनीति में बड़ा उलटफेर: तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत,पीएम मोदी ने जताया आभार

तिरुवनंतपुरम,13 दिसंबर (युआईटीवी)- केरल के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय खोल दिया है। दशकों से वामपंथी दलों का गढ़ माने जाने वाले तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भगवा परचम लहरा दिया है। चार दशकों से अधिक समय तक लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के कब्जे में रहे इस नगर निगम में सत्ता परिवर्तन को केरल की राजनीति में बड़ा भूचाल माना जा रहा है। खासतौर पर ऐसे समय में,जब राज्य में अगले विधानसभा चुनाव नजदीक हैं,बीजेपी का यह प्रदर्शन बेहद अहम संकेत देता है।

बीजेपी की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं और केरल की जनता का आभार व्यक्त किया है। शनिवार,13 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक पोस्ट साझा कर इस जनादेश को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि केरल के लोगों ने अब पारंपरिक राजनीतिक विकल्पों से आगे बढ़कर एनडीए को सुशासन और विकास के लिए एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में देखा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, “केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों को वोट देने वाले राज्य के सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूँ। केरल अब यूडीएफ और एलडीएफ से ऊब चुका है। राज्य के लोग अब एनडीए को ही एकमात्र ऐसा विकल्प मानते हैं,जो सुशासन दे सकता है और सभी के लिए अवसरों से भरपूर विकसित केरलम का निर्माण कर सकता है।” प्रधानमंत्री का यह बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि बीजेपी इस जीत को राज्य की राजनीति में एक व्यापक बदलाव की शुरुआत के रूप में देख रही है।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम में मिली जीत को लेकर प्रधानमंत्री ने एक अलग पोस्ट में राजधानी के लोगों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “धन्यवाद तिरुवनंतपुरम! तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिला जनादेश केरल की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है। लोगों को पूरा भरोसा है कि राज्य की विकास की आकांक्षाओं को सिर्फ हमारी पार्टी ही पूरा कर सकती है। हमारी पार्टी इस वाइब्रेंट शहर के विकास के लिए पूरी तरह काम करेगी और लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाएगी।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस जीत का श्रेय पार्टी के जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी दिया। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम में शानदार चुनावी नतीजा सुनिश्चित करने के लिए जनता के बीच लगातार काम करने वाले सभी मेहनती बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रति वह आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें बधाई देते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज का दिन केरल में कई पीढ़ियों से जमीनी स्तर पर संघर्ष कर रहे उन कार्यकर्ताओं की मेहनत को याद करने का है,जिनकी बदौलत यह ऐतिहासिक नतीजा संभव हो सका। उन्होंने दोहराया कि कार्यकर्ता ही पार्टी की असली ताकत हैं और बीजेपी को उन पर गर्व है।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक,तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की जीत केवल एक स्थानीय निकाय की सत्ता तक सीमित नहीं है,बल्कि इसके दूरगामी राजनीतिक निहितार्थ हैं। केरल की राजधानी होने के साथ-साथ तिरुवनंतपुरम को वामपंथी राजनीति का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। ऐसे में यहाँ एलडीएफ को सत्ता से बाहर करना वाम दलों के लिए बड़ा झटका है। यह परिणाम इस धारणा को भी चुनौती देता है कि केरल में बीजेपी के लिए शहरी स्थानीय निकायों में जीत हासिल करना लगभग असंभव है।

इस नतीजे का असर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के लिए भी कम चौंकाने वाला नहीं है। तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने जा चुके हैं और राजधानी क्षेत्र को कांग्रेस का प्रभावशाली इलाका माना जाता रहा है। ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत को कांग्रेस के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

हालाँकि,पूरे राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों की तस्वीर देखें तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने अब भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। केरल के पाँच नगर निगमों में से चार पर यूडीएफ ने जीत हासिल की है,जबकि एक-एक नगर निगम एलडीएफ और एनडीए के खाते में गया है। नगर पालिका परिषदों में यूडीएफ ने 54,एलडीएफ ने 28 और एनडीए ने एक परिषद पर जीत दर्ज की है। जिला पंचायत स्तर पर मुकाबला लगभग बराबरी का रहा,जहाँ सात जिला पंचायतों पर एलडीएफ और सात पर यूडीएफ ने जीत हासिल की है।

इसके बावजूद,तिरुवनंतपुरम नगर निगम का परिणाम सबसे ज्यादा चर्चा में है,क्योंकि यह न केवल सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है,बल्कि मतदाताओं के मिजाज में बदलाव को भी दर्शाता है। बीजेपी लंबे समय से केरल में अपने संगठन को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। इस जीत को पार्टी अपनी उस रणनीति की सफलता के रूप में देख रही है।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह जनादेश विकास,सुशासन और वैकल्पिक राजनीति की मांग का प्रतीक है। वहीं विपक्षी दलों के लिए यह आत्ममंथन का समय माना जा रहा है। आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह परिणाम राजनीतिक दलों की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है और केरल की राजनीति में नए समीकरण उभर सकते हैं।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने यह साफ कर दिया है कि केरल की राजनीति अब केवल एलडीएफ और यूडीएफ के इर्द-गिर्द सीमित नहीं रही। प्रधानमंत्री मोदी के संदेशों के साथ यह जीत बीजेपी के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है और राज्य की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत भी देती है।