नई दिल्ली,31 अक्टूबर (युआईटीवी)- पटना में शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना साझा घोषणा पत्र जारी किया। राजधानी के प्रतिष्ठित होटल मौर्य में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा पत्र को जनता के सामने पेश किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, ‘हम’ पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मंच (आरएलएम) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा समेत एनडीए के तमाम वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का माहौल चुनावी उत्साह और एकजुटता के संदेश से भरा हुआ था।
एनडीए के इस घोषणा पत्र को गठबंधन ने “बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने का संकल्प पत्र” बताया है। इसमें रोजगार सृजन,शिक्षा में सुधार,स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार,महिला सशक्तीकरण और कृषि विकास को केंद्र में रखा गया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि यह केवल वादों का दस्तावेज नहीं,बल्कि बिहार के अगले पांच वर्षों की विकास यात्रा का रोडमैप है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार ने बिहार को बुनियादी ढाँचे और शासन व्यवस्था में नई दिशा दी है और आने वाला कार्यकाल ‘विकास के स्वर्ण युग’ के रूप में दर्ज होगा।
घोषणा पत्र में सबसे अधिक जोर रोजगार के क्षेत्र पर दिया गया है। एनडीए ने वादा किया है कि अगले पाँच वर्षों में एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाएगा। इसके तहत हर जिले में मेगा स्किल सेंटर स्थापित किए जाएँगे,जिन्हें वैश्विक स्तर के “ग्लोबल स्किलिंग सेंटर” के रूप में विकसित किया जाएगा। एनडीए नेताओं ने कहा कि यह पहल युवाओं को न केवल स्थानीय,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय रोजगार बाजार में भी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।
महिला सशक्तीकरण को लेकर घोषणा पत्र में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का उल्लेख किया गया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दो लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही, “लखपति दीदी” और “कोटिपति मिशन” जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर परिवार और समाज में उनकी निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करना है।
किसानों के लिए भी एनडीए ने बड़े ऐलान किए हैं। “किसान सम्मान एवं एमएसपी गारंटी योजना” के तहत हर किसान को प्रतिवर्ष तीन हजार रुपए की सीधी सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही,पंचायत स्तर पर धान,गेहूँ,दलहन और मक्का जैसी प्रमुख फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित करने का वादा किया गया है। गठबंधन ने कृषि क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश से मत्स्य, दुग्ध और कृषि मिशनों को गति देने की बात कही है,जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में एनडीए ने “केजी से पीजी” तक मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का संकल्प लिया है। हर जिले के स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ “वर्ल्ड क्लास एजुकेशन एस्टेट” की स्थापना की जाएगी,ताकि बिहार के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय शिक्षा के अवसर अपने राज्य में ही मिल सकें। इसके अलावा,उच्च शिक्षा संस्थानों को नई तकनीक और अनुसंधान सुविधाओं से लैस करने का वादा भी घोषणा पत्र में किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में एनडीए ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज और आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का लक्ष्य तय किया है। गठबंधन ने कहा कि बिहार के नागरिकों को इलाज के लिए अब दिल्ली या अन्य बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ,टेलीमेडिसिन नेटवर्क को भी मजबूत किया जाएगा,ताकि ग्रामीण इलाकों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह उपलब्ध हो सके।
घोषणा पत्र में बिहार के बुनियादी ढाँचे के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। एनडीए ने राज्य में सात नए एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की है,जो बिहार के प्रमुख शहरों को औद्योगिक गलियारों से जोड़ेंगे। इसके अलावा, 3,600 किलोमीटर रेल ट्रैक के आधुनिकीकरण और चार नए शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना भी शामिल है।
उद्योगों के विकास के लिए एनडीए ने “मेक इन बिहार” मिशन की घोषणा की है। इसके तहत एक लाख करोड़ रुपए के निवेश से 10 नए औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएँगे। यह पहल राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के साथ-साथ,बिहार को औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
घोषणा पत्र जारी करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि “यह संकल्प पत्र केवल कागज का दस्तावेज नहीं,बल्कि बिहार के भविष्य की नींव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य,दोनों मिलकर बिहार को नए युग की ओर ले जाएँगे।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने संबोधन में कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले दो दशकों में बिहार को अंधकार से निकालकर विकास की रोशनी दी है और यह घोषणा पत्र उस विकास यात्रा का अगला अध्याय है।
एनडीए का यह संकल्प पत्र बिहार की जनता को विकास,रोजगार और सामाजिक न्याय का वादा करता है। अब देखना यह होगा कि चुनावी मैदान में यह दस्तावेज जनता का कितना विश्वास जीत पाता है और क्या एनडीए अपने इन वादों को हकीकत में बदलने में सफल हो पाता है।

