नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार का जनता के नाम भावुक संदेश: “बिहारी कहलाना अब सम्मान की बात है,अपमान की नहीं”

पटना,1 नवंबर (युआईटीवी)- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम एक भावुक वीडियो संदेश जारी किया है,जिसमें उन्होंने अपने 19 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बिहारवासियों से एक बार फिर एनडीए गठबंधन पर भरोसा जताने की अपील की है। आगामी 6 और 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जारी इस संदेश में मुख्यमंत्री ने विकास,सुशासन,महिला सशक्तिकरण और केंद्र सरकार के सहयोग को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।

वीडियो संदेश की शुरुआत में नीतीश कुमार ने कहा, “2005 से अब तक जनता ने लगातार हमें सेवा का अवसर दिया है। जब हमने बिहार की बागडोर संभाली थी,तब राज्य की स्थिति बहुत खराब थी। उस समय बिहारी कहलाना अपमान की बात मानी जाती थी,लेकिन आज,बिहारी कहलाना गर्व का विषय है।” मुख्यमंत्री के इस कथन से उनके शासनकाल में हुए बदलावों का सार झलकता है,जहाँ उन्होंने सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर राज्य को नई दिशा देने का दावा किया।

नीतीश कुमार ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद संभाला था,तब बिहार में अपराध,भ्रष्टाचार और बदहाल व्यवस्था ने जनता का भरोसा खो दिया था। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने सबसे पहले विधि-व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान केंद्रित किया,जिससे अपराध में उल्लेखनीय कमी आई और लोगों के बीच सुरक्षा की भावना बढ़ी। उन्होंने कहा, “हमने कानून का राज स्थापित किया,ताकि हर नागरिक को यह विश्वास हो कि सरकार उसके साथ है और न्याय मिलेगा।”

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य में स्कूलों की संख्या बढ़ाई गई,शिक्षकों की नियुक्तियाँ की गईं और छात्राओं के लिए विशेष योजनाएँ शुरू की गईं,ताकि कोई बच्ची पढ़ाई से वंचित न रहे। उन्होंने ‘साइकिल योजना’ और ‘पोशाक योजना’ जैसी पहलों को याद करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने लाखों बेटियों के भविष्य को रोशन किया है।

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद खराब थी,लेकिन अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने ग्रामीण इलाकों तक डॉक्टरों और दवाओं की पहुँच सुनिश्चित की,जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है।

महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “पहले की सरकारों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया था,लेकिन हमने उन्हें इतना सशक्त बना दिया है कि अब वे किसी पर निर्भर नहीं हैं। आज वे अपने परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभा रही हैं।” उन्होंने 50% आरक्षण की नीति को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। साथ ही,उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ पंचायतों,नगर निकायों और सरकारी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं,जो बिहार की सामाजिक प्रगति का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि उनकी सरकार ने कभी किसी एक वर्ग, जाति या परिवार के लिए नहीं,बल्कि पूरे समाज के संतुलित विकास के लिए काम किया है। उन्होंने कहा, “हमने अपने परिवार के लिए कभी कुछ नहीं किया,जो किया वह बिहार की जनता के लिए किया।” नीतीश कुमार ने खुद को ‘जनसेवक’ बताते हुए कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा लोगों की भलाई और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए काम करना रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का विशेष आभार जताया और कहा कि बिहार के विकास में केंद्र का पूरा सहयोग मिला है। उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्य दोनों जगह एनडीए की सरकार होने से विकास की रफ्तार और तेज हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में बिहार के बुनियादी ढाँचे को नई ऊँचाई मिली है।”

वीडियो संदेश के अंत में नीतीश कुमार ने जनता से आग्रह किया कि वे आगामी चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों को भारी मतों से विजयी बनाएँ। उन्होंने कहा, “आप हमें एक और मौका दें,ताकि हम बिहार को देश के शीर्ष राज्यों में शामिल कर सकें। विकास का यह सिलसिला तभी जारी रह पाएगा,जब जनता एक बार फिर एनडीए पर भरोसा जताएगी।” उन्होंने यह भी अपील की कि लोग 6 और 11 नवंबर को अधिक से अधिक संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुँचें और लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह वीडियो संदेश चुनाव से ठीक पहले जनता के भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने का प्रयास है। वह अपने पुराने ‘सुशासन बाबू’ वाले छवि को फिर से जीवित करने की कोशिश में हैं। बिहार में एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है और ऐसे में नीतीश कुमार का यह संदेश ग्रामीण और मध्यवर्गीय मतदाताओं पर असर डाल सकता है।

नीतीश कुमार का यह वीडियो संदेश केवल एक चुनावी अपील नहीं,बल्कि उनके शासनकाल की यात्रा का एक भावनात्मक सार प्रस्तुत करता है। यह संदेश एक ऐसे नेता की आवाज़ है,जो अपनी नीतियों के माध्यम से यह साबित करना चाहता है कि बिहार अब पिछड़ेपन की नहीं,बल्कि प्रगति और स्वाभिमान की पहचान बन चुका है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि “बिहारी कहलाना अब अपमान नहीं,बल्कि सम्मान की बात है” और यही भावना उनके पूरे संदेश की आत्मा बन गई।