बिहार: पुराने दिग्गज यादव नेताओं के जरिए सियासत बदलने में जुटी राजद

पटना, 24 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)| बिहार में सभी दल अपने कुनबे को बढ़ाते हुए अपने वोटबैंक को सहेजने में जुटे हैं। इसी कड़ी में बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी दिग्गज यादव नेताओं को एक छतरी के नीचे लाकर अपने वोटबैंक को अभेद्य करने में जुटी है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के बाद राजद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव को अपने पाले में कर लिया। देवेंद्र यादव अपने समर्थकों के साथ बुधवार को लोहिया जयंती के मौके पर न केवल राजद का दामन थाम लिया, बल्कि अपनी पार्टी समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक का विलय भी राजद में कर दिया।

इससे पहले शरद यादव ने भी अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का विलय राजद में कर चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि शरद यादव और देवेंद्र प्रसाद यादव ने कभी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर सियासी पारी का आगाज किया था, लेकिन कलांतर में ये अलग हो गए और एक-दूसरे के खिलाफ राजनीति भी की। कहा जा रहा है कि देश और बिहार की सियासत के मद्देनजर फिर से इन सभी लोगों को एक छतरी में आने को विवश कर दिया है।

शरद यादव ने राजद में अपनी पार्टी का विलय करते हुए यह कहकर विपक्षी दलों को एक साथ आने के संकेत दिए थे कि यह विलय एक व्यापक एकता के लिए पहला कदम है। देश में जो परिस्थिति है, उसमें सारे विपक्ष को एक होना चाहिए इसी वजह से हमने सबसे पहले यह पहल की है।

पूरे देश के विपक्षियों पार्टियों को मिलाकर हराने से ही भाजपा हार सकती है। अकेले कोई पार्टी नहीं हरा सकती।

इधर, बुधवार को समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक के राजद में विलय के दौरान पार्टी के नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव ने भी कहा कि देश और प्रदेश की मौजूदा स्थिति में अभी दो ध्रुवीय राजनीति चल पड़ी है। आगे भी ऐसी ही स्थिति रहेगी।

उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन कुंद सा पड़ गया है। ऐसी स्थिति में समाजिक न्याय और धर्मनिरेपक्षता वाला सबसे बड़ा धड़ा राजद है, इसलिए समाजवादी ताकतें एकजुट संघर्ष करना ऐतिहासिक मांग है।

शरद यादव और देवेंद्र यादव जेपी आंदोलन से निकले नेता हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों नेता अलग रहकर कुछ कर नहीं पा रहे थे, जबकि राजद पिछले चुनाव में लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में भी मजबूत हुई है। ऐसे में राजद में आने से जहां इन दोनों नेताओं को एक मजबूत ठिकाना मिल गया है, वहीं राजद भी दिग्गज यादव नेताओं के आने से और मजबूत होगी।

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