बीरभूम हिंसा : विधानसभा में भाजपा, तृणमूल विधायकों में मारपीट, शुभेंदु सहित 5 निलंबित

कोलकाता, 28 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को लेकर भाजपा की मांग पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों और भाजपा विधायकों के बीच मारपीट हुई। इसके बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा के पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया। भाजपा विधायकों द्वारा बीरभूम हिंसा पर नारे लगाने के बाद हंगामा शुरू हो गया, जहां पांच महिलाओं और दो बच्चों सहित दस लोगों के साथ मारपीट की गई और फिर उन्हें जला दिया गया। यह घटना तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता भादू शेख के एक देशी बम हमले में मारे जाने के बाद की गई प्रतिशोध की घटना बताई जा रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई हत्याओं की जांच कर रही है।

सामने आई तस्वीरों से पता चलता है कि विधायकों को विधानसभा में आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है। घटना के बाद भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी विधानसभा में अराजकता का एक वीडियो साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जिसमें देखा जा सकता है कि मार्शल और पुलिस अधिकारी लड़ाई को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मालवीय ने अराजक घटना के बाद ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल विधानसभा में घोर हंगामा। बंगाल के राज्यपाल के बाद, टीएमसी विधायक अब मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा सहित भाजपा विधायकों पर हमला किया, क्योंकि वे सदन के पटल पर रामपुरहाट हत्याकांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे। ममता बनर्जी क्या छिपाने की कोशिश कर रही हैं?”

लड़ाई में नाक में चोट लगने के कारण तृणमूल विधायक असित मजूमदार को अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उनके चेहरे पर मुक्का मारा।

हंगामे के बाद अधिकारी और चार अन्य भाजपा विधायकों को इस पूरे साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने मीडिया से कहा, “विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की थी और सरकार ने मना कर दिया था। वे हमारे विधायकों के साथ संघर्ष करने के लिए कोलकाता पुलिस के जवानों को सिविल ड्रेस में लाए थे।”

उन्होंने कहा, “विधानसभा के अंदर भी विधायक सुरक्षित नहीं हैं। मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों को तृणमूल कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पीटा।”

तृणमूल नेता और राज्यमंत्री फिरहाद हकीम ने हालांकि दोष भाजपा पर मढ़ा। उन्होंने कहा, “हमारे कुछ विधायक सदन के अंदर घायल हो गए। हम भाजपा के आचरण की निंदा करते हैं।”

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