लखनऊ,11 जून (युआईटीवी)- उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता और जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप को लेकर एक गंभीर राजनीतिक और सामाजिक विवाद सामने आया है। एक महिला के साथ पार्टी कार्यालय में आपत्तिजनक स्थिति में उनका वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी ने सख्त कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पूरा मामला तब सामने आया जब 25 मई को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ,जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप को पार्टी के जिला कार्यालय में एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा गया। वीडियो ने तेजी से ध्यान आकर्षित किया और पार्टी की छवि पर सवाल उठने लगे। इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अमर किशोर को नोटिस जारी किया।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने 25 मई को अमर किशोर को एक नोटिस जारी किया था,जिसमें उनसे पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाले इस कृत्य पर स्पष्टीकरण माँगा गया था। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो अनुशासनहीनता और नैतिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे पार्टी की छवि को गंभीर ठेस पहुँची है। अमर किशोर ने पार्टी को जो स्पष्टीकरण भेजा वह पार्टी को संतोषजनक नहीं लगा। इसके बाद भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर 11 जून को तत्काल प्रभाव से उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। गोविंद नारायण शुक्ला के पत्र में साफ कहा गया कि यह कृत्य “घोर अनुशासनहीनता” की श्रेणी में आता है और इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
वायरल वीडियो में अमर किशोर कश्यप को एक महिला को गले लगाते हुए दिखाया गया है। वीडियो के अनुसार,महिला पहले पार्टी कार्यालय की सीढ़ियों से ऊपर जाती है और कुछ ही देर बाद अमर किशोर भी वहाँ पहुँचते हैं। फिर दोनों के बीच शारीरिक संपर्क होता है,जो सोशल मीडिया पर “आपत्तिजनक” कहकर प्रचारित किया गया।
हालाँकि,वीडियो सामने आने के बाद उस महिला ने भी सफाई दी है। महिला का कहना है कि अमर किशोर कश्यप उसे भाई की तरह मानते हैं और यह पूरा वीडियो एक राजनीतिक साजिश के तहत वायरल किया गया है। उन्होंने कहा कि वीडियो को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है और इससे न केवल उनकी,बल्कि भाजपा जिलाध्यक्ष की भी छवि खराब करने की कोशिश की गई है।
महिला ने मीडिया को बताया कि, “जो लोग हमारे संबंधों को गलत ढंग से दिखा रहे हैं,वे दरअसल राजनीतिक साजिश के तहत हमें बदनाम करना चाहते हैं। यह वीडियो मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा रहा है।”
इस पूरे मामले पर अमर किशोर कश्यप ने खुद भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि वीडियो में कोई अश्लील हरकत नहीं है और यह पूरी तरह एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के निर्णय का सम्मान करेंगे और जो भी निर्देश मिलेगा,उसका पालन करेंगे।
उनका बयान था, “अगर किसी को सहारा देना जुर्म है,तो हम कुछ नहीं कह सकते। यह वीडियो केवल मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल किया गया है। मैं पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों का पालन करता हूँ। पार्टी जो भी निर्णय लेगी,वह मुझे स्वीकार होगा।”
भाजपा ने इस मामले में जिस तीव्रता और पारदर्शिता से कार्रवाई की,वह स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी अपने नेताओं से नैतिक मूल्यों और सार्वजनिक जीवन में अनुशासन की उम्मीद करती है। पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि चाहे कोई कितना भी वरिष्ठ या प्रभावशाली क्यों न हो,पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला एक स्थानीय घटना से कहीं अधिक बन गया है। इससे न केवल भाजपा की लोकल यूनिट में उथल-पुथल मची है,बल्कि यह समाज में नेताओं की जिम्मेदारियों और जनता की अपेक्षाओं पर भी सवाल उठाता है। ऐसी घटनाएँ यह बताती हैं कि सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के युग में अब कोई भी घटना गोपनीय नहीं रहती और जनसंपर्क एवं छवि-निर्माण को गंभीर चुनौती मिलती है।
भाजपा गोंडा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप का एक महिला के साथ वीडियो वायरल होना और उसके बाद पार्टी द्वारा उन्हें निष्कासित किया जाना एक गंभीर राजनीतिक घटना बन चुकी है। महिला द्वारा दी गई सफाई और कश्यप के दावे इस बात की ओर संकेत करते हैं कि मामला पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। हालाँकि,पार्टी ने त्वरित निर्णय लेकर अपने अनुशासन की नीति पर मजबूती से खड़ा रहना दिखाया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक जीवन में नैतिकता,छवि और पारदर्शिता आज की राजनीति की सबसे अहम कसौटियाँ बन गई हैं। चाहे वीडियो असली हो या साजिश,सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को अब पहले से कहीं अधिक सतर्क,अनुशासित और जवाबदेह रहना होगा।