भाजपा पुडुचेरी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी

पुडुचेरी, 28 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)| भाजपा की पुडुचेरी इकाई ने नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस (एआईएनआरसी), मुख्यमंत्री एन. रंगासामी के राजनीतिक संगठन या अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ेगी।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के चार विधानसभा चुनावों में अपनी सफलता से उत्साहित पार्टी ने फैसला किया है कि वह आगामी निकाय चुनाव गठबंधन में नहीं लड़ेगी।

केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय आयोजन सचिव बी.एल. संतोष और पुडुचेरी के पार्टी प्रभारी निर्मल कुमार सुराणा शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल हुए थे।

निर्मल कुमार सुराणा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पार्टी के स्थानीय नेताओं की राय है कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इससे हमें जनता के साथ जमीनी स्तर पर जुड़ाव मिलेगा और लंबे समय में यह पार्टी के लिए बेहद फायदेमंद होगा।”

भाजपा नेताओं के अनुसार, भाजपा के शक्तिशाली शिक्षा मंत्री ए. नमस्सिवायम सहित भाजपा के स्थानीय नेता मुख्यमंत्री रंगासामी की कार्यशैली से नाखुश हैं, जो भाजपा से परामर्श किए बिना अपने दम पर महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेते रहे हैं।

सुराणा ने कहा कि जैसे देश कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ रहा है, पुडुचेरी भी कांग्रेस मुक्त राज्य की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए भाजपा अपनी ताकत बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता और हमदर्द पहले से ही अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

पार्टी के नेता इस बात से भी नाखुश हैं कि रंगासामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं की है। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व जमीनी स्तर पर ताकत हासिल करना चाहता है और निकाय चुनाव पार्टी की जमीनी ताकत की सबसे अच्छी समझ प्रदान करेंगे।

भाजपा नेता इस बात से भी उत्साहित हैं कि उन्होंने जिन 9 सीटों पर चुनाव लड़ा है, उनमें से 6 पर जीत हासिल की है। पार्टी के तीन मनोनीत विधायक और तीन निर्दलीय भी हैं, जो पार्टी का समर्थन कर रहे हैं। इससे विधानसभा में भाजपा की कुल संख्या 12 हो जाती है।

सुराणा ने कहा कि पार्टी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद जनता के बीच मिली लहर का फायदा उठाना चाहती है और इसके लिए स्थानीय चुनाव अकेले लड़ना सबसे अच्छा कदम है।

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