सुरक्षा बल (तस्वीर क्रेडिट@Karansingh15110)

बोकारो के लुगू पहाड़ पर सुरक्षा बलों ने एक करोड़ के इनामी माओवादी प्रयाग मांझी समेत आठ नक्सली को किया ढेर, मुठभेड़ जारी

बोकारो,21 अप्रैल (युआईटीवी)- झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत लुगू पहाड़ी के घने जंगलों में सोमवार सुबह से सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी रही। इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी माओवादी कमांडर प्रयाग मांझी समेत कुल आठ नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में प्रयाग मांझी की पहचान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी सदस्य के रूप में हुई है। उसे संगठन में विवेक दा,फुचना,नागो मांझी और करण दा के नाम से भी जाना जाता था।

सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की एक संयुक्त टीम ललपनिया क्षेत्र के लुगू पहाड़ और उसके तराई वाले क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। इसी दौरान जंगल में छिपे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ लगातार जारी रही और सुबह लगभग 10 बजे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही।

प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा का नाम झारखंड,बिहार,ओडिशा और छत्तीसगढ़ में हुई 100 से अधिक नक्सली घटनाओं में सामने आ चुका है। अकेले गिरिडीह जिले में उस पर 50 से अधिक मामलों में प्राथमिकी दर्ज थी। वह मूल रूप से धनबाद जिले के टुंडी प्रखंड स्थित दलबुढ़ा गाँव का निवासी था। पिछले कुछ महीनों से वह गिरिडीह की पारसनाथ पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था।

सीआरपीएफ की ओर से सोमवार सुबह जारी बयान में बताया गया था कि मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए हैं। पर जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ा,मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई। अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल और एक इंसास राइफल बरामद की गई है। अभी तक किसी सुरक्षा बल के जवान के घायल होने की सूचना नहीं है।

इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ‘209 कोबरा बटालियन’ (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) के साथ-साथ झारखंड पुलिस की विशेष टीमों को भी लगाया गया है। इन बलों ने लुगू पहाड़ की दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों में सर्च अभियान चलाया। स्थानीय पुलिस को पहले से सूचना मिली थी कि इस इलाके में नक्सली बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं,जिसके बाद यह संयुक्त कार्रवाई शुरू की गई।

झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। राज्य सरकार ने इस साल झारखंड को पूरी तरह नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। झारखंड पुलिस के आँकड़ों के मुताबिक,वर्ष 2024 में 244 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। 9 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए थे और 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 4 जोनल कमांडर, 1 सब जनरल कमांडर और 3 एरिया कमांडर शामिल हैं।

सुरक्षा बलों द्वारा इलाके में अब भी तलाशी अभियान जारी है। मारे गए नक्सलियों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि जंगल में अभी भी कुछ माओवादी छिपे हो सकते हैं,जिन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। बरामद हथियारों और दस्तावेजों की जाँच की जा रही है,ताकि संगठन की आगे की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल सके।

इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य और केंद्र सरकारें नक्सलवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेंगी। सुरक्षा एजेंसियाँ संगठित और रणनीतिक रूप से काम कर रही हैं,ताकि नक्सल नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके। प्रयाग मांझी जैसे बड़े कमांडर की मौत से नक्सली संगठन को गहरा झटका लगा है,जिससे उनके मनोबल पर भी असर पड़ेगा।