विदेश मंत्री एस.जयशंकर

बोत्सवाना के स्वतंत्रता दिवस पर भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने दी शुभकामनाएँ,द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत करने पर जोर

नई दिल्ली,30 सितंबर (युआईटीवी)- अफ्रीकी महाद्वीप का एक प्रमुख लोकतांत्रिक और संसाधन-संपन्न देश बोत्सवाना हर साल 30 सितंबर को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बोत्सवाना की सरकार और जनता को बधाई दी और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने संदेश में लिखा, “बोत्सवाना के स्वतंत्रता दिवस पर विदेश मंत्री डॉ. फेन्यो बुटाले,सरकार और जनता को हार्दिक बधाई। हम अपने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की,जिसमें उस समय की झलक थी,जब भारत ने बोत्सवाना में बाढ़ आने के दौरान वहाँ के लोगों की सहायता के लिए मदद भेजी थी।

भारत और बोत्सवाना के बीच संबंध ऐतिहासिक और बहुआयामी रहे हैं। 1966 में जब बोत्सवाना ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्त होकर स्वतंत्र राष्ट्र बना,तब भारत ने तुरंत उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर दिए। यह कदम भारत की ‘गुटनिरपेक्ष नीति’ और अफ्रीका में उभरते स्वतंत्र राष्ट्रों के प्रति उसके समर्थन की स्पष्ट मिसाल था। इन संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए भारत ने 1987 में बोत्सवाना की राजधानी गैबोरोन में अपना आवासीय राजनयिक मिशन खोला। दूसरी ओर,बोत्सवाना ने 2006 में नई दिल्ली में अपना मिशन स्थापित कर भारत के साथ राजनयिक रिश्तों को और औपचारिक स्वरूप दिया।

पिछले कुछ दशकों में दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई दी है। कोविड-19 महामारी के कठिन समय में भी दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया। जून 2021 में भारत के विदेश एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और बोत्सवाना के अंतर्राष्ट्रीय मामलों एवं सहयोग मंत्री डॉ. लेमोगांग क्वापे ने वर्चुअल बातचीत कर द्विपक्षीय हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। यह संवाद न केवल महामारी के दौर में परस्पर समर्थन का प्रतीक था,बल्कि इससे आगे के सहयोग की दिशा भी तय हुई।

इसके अलावा जुलाई 2021 में भारत-अफ्रीका परियोजना साझेदारी पर सीआईआई-एक्जिम बैंक कॉन्क्लेव के 16वें संस्करण का आयोजन हुआ था। इसमें बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति स्लंबर त्सोग्वाने ने कृषि विकास एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री काराबो एस. गारे और स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री डॉ. एडविन जी. डिकोलोटी के साथ वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया। इस मंच ने भारत और बोत्सवाना के बीच कृषि,स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर खोले।

महामारी के दौरान भारत ने अपनी ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत मार्च 2021 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन की 30,000 खुराक बोत्सवाना को भेजीं। यह बोत्सवाना में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खेप थी,जिसने वहाँ की जनता को महामारी से लड़ने की उम्मीद दी। इसके बाद भारत ने 2022 में बोत्सवाना सरकार को तपेदिक रोधी दवाएँ भी भेजीं,जो स्वास्थ्य क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग का प्रमाण है।

भारत और बोत्सवाना के बीच द्विपक्षीय सहयोग की संरचना कई तंत्रों के माध्यम से मजबूत हुई है। विदेश कार्यालय परामर्श,संयुक्त मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक (जेएमसी) और एक दर्जन से अधिक समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच संबंधों को गहराई देते हैं। ये समझौते वीजा,संस्कृति,व्यापार,दोहरे कराधान,कृषि,शिक्षा,विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। इस तरह का व्यापक सहयोग न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी दोनों देशों को जोड़ता है।

आर्थिक संबंधों की बात करें तो भारत और बोत्सवाना का रिश्ता विशेष रूप से हीरा उद्योग के माध्यम से गहराया है। बोत्सवाना दुनिया के सबसे बड़े हीरा उत्पादक देशों में से एक है और यहाँ की 30 से ज्यादा हीरा कटाई और पॉलिशिंग कंपनियों में भारतीय कंपनियों की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। एम. सुरेश कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केजीके डायमंड्स,ऑरोस्टार डायमंड्स,अर्जव डायमंड्स,डाय-रफ बोत्सवाना, यूरोस्टार बोत्सवाना,कार्प इम्पेक्स,मोहित डायमंड्स,धर्मा डायमंड्स और डब्ल्यूटीएम बोत्सवाना जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों ने यहाँ निवेश किया है। इन कंपनियों ने न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा किए हैं,बल्कि बोत्सवाना के युवाओं को हीरा कटाई और पॉलिशिंग की विशेष तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया है।

इसके अलावा बैंकिंग क्षेत्र में भी भारत की मौजूदगी स्पष्ट है। बैंक ऑफ बड़ौदा 2001 से बोत्सवाना में काम कर रहा है और वर्तमान में इसकी चार शाखाएँ देशभर में संचालित हो रही हैं। इससे न केवल वित्तीय सेवाओं में सुविधा मिली है बल्कि व्यापार और निवेश को भी बल मिला है।

सांस्कृतिक स्तर पर भी भारत और बोत्सवाना के बीच गहरे संबंध हैं। बोत्सवाना में भारतीय समुदाय की उपस्थिति ने दोनों देशों के बीच आपसी समझ और मेलजोल को और मजबूत किया है। भारतीय समुदाय न केवल व्यापार और उद्योग में योगदान देता है,बल्कि स्थानीय समाज में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। भारतीय त्योहार और सांस्कृतिक आयोजन बोत्सवाना की बहुसांस्कृतिक पहचान को और विविध बनाते हैं।

बोत्सवाना का स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए भी महत्व रखता है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग की याद दिलाता है। एस. जयशंकर का संदेश इस बात का प्रतीक है कि भारत अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है और बोत्सवाना जैसे देशों के साथ स्थायी साझेदारी की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

भविष्य में भारत और बोत्सवाना के बीच सहयोग की संभावनाएँ और भी व्यापक हो सकती हैं। स्वास्थ्य,शिक्षा,तकनीक और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर नए अध्याय लिख सकते हैं। ग्रीन एनर्जी,नवीकरणीय संसाधन और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे उभरते क्षेत्रों में भी साझेदारी की गुंजाइश है।

इस वर्ष बोत्सवाना का स्वतंत्रता दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं,बल्कि भारत और बोत्सवाना के बीच बढ़ते सहयोग और गहरी होती मित्रता का उत्सव भी है। यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि दोनों देश एक-दूसरे के कठिन समय में साथ खड़े रहे हैं और भविष्य में भी यह साझेदारी और मजबूत होगी।