साउथ कोरिया की स्टार शटलर एन से-यंग (तस्वीर क्रेडिट@ainurohman)

बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल: एन से-यंग का जलवा,11वां खिताब जीतकर केंटो मोमोटा की बराबरी की,पुरुषों में पोपोव ने रचा इतिहास

हांग्जो,22 दिसंबर (युआईटीवी)- बीजिंग में खेले गए बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल में इस बार रोमांच,उलटफेर और ऐतिहासिक उपलब्धियों की भरमार देखने को मिली। महिला सिंगल्स फाइनल में साउथ कोरिया की स्टार शटलर एन से-यंग ने डिफेंडिंग चैंपियन चीन की वांग झियी को कड़े मुकाबले में 21-13, 18-21, 21-10 से हराकर सीजन का अपना 11वां खिताब अपने नाम किया। 96 मिनट तक चले इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में एन से-यंग ने जबरदस्त मानसिक मजबूती और फिटनेस का प्रदर्शन किया। इस जीत के साथ ही उन्होंने एक सीजन में सबसे ज्यादा खिताब जीतने के मामले में जापान के दिग्गज पुरुष खिलाड़ी केंटो मोमोटा की बराबरी कर ली है,जो बैडमिंटन इतिहास की बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाती है।

महिला सिंगल्स का यह फाइनल मुकाबला उम्मीदों के मुताबिक बेहद रोमांचक रहा। पहले गेम में एन से-यंग ने आक्रामक शुरुआत करते हुए वांग झियी पर दबाव बना दिया। उनकी तेज रफ्तार,सटीक ड्रॉप शॉट्स और बेहतरीन डिफेंस ने चीनी खिलाड़ी को बैकफुट पर धकेल दिया और पहला गेम 21-13 से अपने नाम किया। हालाँकि,दूसरे गेम में वांग झियी ने शानदार वापसी की। उन्होंने अपने शॉट चयन में सुधार किया और एन की गलतियों का फायदा उठाते हुए 18-21 से गेम जीतकर मुकाबला बराबरी पर ला दिया।

तीसरे और निर्णायक गेम में एन से-यंग पूरी तरह हावी नजर आईं। उन्होंने शुरुआत से ही लय पकड़ ली और वांग झियी को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। निर्णायक गेम में उनकी फिटनेस और निरंतरता साफ दिखाई दी,जबकि वांग झियी धीरे-धीरे थकती हुई नजर आईं। अंततः एन से-यंग ने 21-10 से तीसरा गेम जीतकर खिताब पर कब्जा जमा लिया। मैच के बाद एन ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह खुद पर बेहद गर्व महसूस कर रही हैं और यह खिताब उनके लिए बहुत खास है।

दूसरी ओर,फाइनल हारने के बाद वांग झियी ने ईमानदारी से स्वीकार किया कि मुकाबले के अंत तक उनकी ऊर्जा कम हो गई थी। उन्होंने कहा कि थकान के चलते उनसे कई गैरजरूरी गलतियाँ हो गईं,जिसका फायदा एन से-यंग ने बखूबी उठाया। इसके बावजूद वांग झियी के प्रदर्शन की भी सराहना की जा रही है,क्योंकि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया और फाइनल तक का सफर तय किया।

महिला सिंगल्स के अलावा मेंस सिंगल्स फाइनल में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला। फ्रांस के 23 वर्षीय खिलाड़ी क्रिस्टो पोपोव ने चीन के नए वर्ल्ड चैंपियन शि यूकी को सीधे गेमों में 21-19, 21-9 से हराकर खिताब जीत लिया। यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही,क्योंकि साल 2018 में टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद पहली बार किसी फ्रांसीसी खिलाड़ी ने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल का मेंस सिंगल्स खिताब अपने नाम किया।

क्रिस्टो पोपोव का यह प्रदर्शन उनके करियर का अब तक का सबसे शानदार पल माना जा रहा है। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने बेहतरीन निरंतरता दिखाई। ग्रुप स्टेज में टॉप पर रहते हुए उन्होंने सेमीफाइनल में जापान के कोडाई नाराओका को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में शि यूकी के खिलाफ पोपोव ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। पहला गेम बेहद करीबी रहा,जिसमें पोपोव ने संयम बनाए रखते हुए 21-19 से जीत हासिल की। इसके बाद दूसरे गेम में उन्होंने पूरी तरह दबदबा बनाते हुए शि यूकी को कोई मौका नहीं दिया और 21-9 से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया।

डबल्स मुकाबलों में भी साउथ कोरिया और चीन का दबदबा देखने को मिला। मेंस डबल्स फाइनल में साउथ कोरिया के डिफेंडिंग चैंपियन किम वोन-हो और सियो सेउंग-जे की जोड़ी ने चीन की लियांग वेइकेंग और वांग चांग की जोड़ी को 21-18, 21-14 से हराकर खिताब बरकरार रखा। कोरियाई जोड़ी ने पूरे मैच में शानदार तालमेल और आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया,जिससे चीनी जोड़ी दबाव में नजर आई।

महिला डबल्स फाइनल में भी साउथ कोरिया की बाएक हा-ना और ली सो-ही की जोड़ी ने अपना वर्चस्व कायम रखा। उन्होंने जापान की युकी फुकुशिमा और मायू मात्सुमोतो को 21-17, 21-11 से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब जीत लिया। कोरियाई जोड़ी की मजबूत नेट प्ले और तेज रोटेशन ने जापानी खिलाड़ियों को टिकने का मौका नहीं दिया। इस जीत के साथ उन्होंने महिला डबल्स में अपनी निरंतरता और क्लास साबित की।

मिक्स्ड डबल्स में चीन का दबदबा एक बार फिर देखने को मिला। फेंग यानझे और हुआंग डोंगपिंग की जोड़ी ने जियांग झेनबैंग और वेई याक्सिन की जोड़ी को हराकर ऑल-चाइनीज फाइनल जीत लिया। यह लगातार चौथा साल है,जब चीन ने सीजन के आखिर में होने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में मिक्स्ड डबल्स खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले ओलंपिक चैंपियन झेंग सिवेई और हुआंग याकिओंग की जोड़ी ने तीन बार यह खिताब जीता था,जिससे चीन की मजबूती इस वर्ग में और भी स्पष्ट होती है।

बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल का यह संस्करण यादगार रहा। एन से-यंग की ऐतिहासिक उपलब्धि,क्रिस्टो पोपोव का चौंकाने वाला प्रदर्शन और डबल्स मुकाबलों में कोरिया व चीन का दबदबा इस टूर्नामेंट की खास पहचान बने। सीजन के आखिरी बड़े टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने जिस स्तर का खेल दिखाया,उसने आने वाले सालों के लिए बैडमिंटन प्रेमियों की उम्मीदें और भी बढ़ा दी हैं।