ब्रैम्पटन,5 नवंबर (युआईटीवी)- कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित हिंदू सभा मंदिर के बाहर सोमवार शाम को हजारों कनाडाई हिंदू एकत्र हुए। उन्होंने हाल ही में कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस रैली का आयोजन हिंदू समुदाय के विभिन्न संगठनों द्वारा किया गया था,जिन्होंने कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हो रहे बार-बार हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। इनमें से एक प्रमुख हमला हाल ही में ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर पर हुआ था,जिसे खालिस्तानी चरमपंथियों ने अंजाम दिया था।
रैली के आयोजकों ने कनाडा के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से खालिस्तानियों का समर्थन नहीं करने तथा मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निवेदन किया है। उत्तर अमेरिका के हिंदू संगठन ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। संगठन ने कहा कि दीपावली के समय कनाडा के कई हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं और वे कनाडा में बढ़ते “हिंदू विरोध” को रोकने की माँग कर रहे हैं। संगठन ने एक पोस्ट में कहा कि, हिंदू मंदिरों पर बढ़ते हमलों के विरोध में ब्रैम्पटन में हजारों कनाडाई हिंदू एकत्र हुए हैं। पवित्र दीपावली सप्ताहांत के दौरान कनाडाई हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए। हम कनाडा से अब इस हिंदूफोबिया को रोकने की अपील करते हैं।”
ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में रविवार को एक भारतीय वाणिज्यिक कैंप पर खालिस्तानी समर्थकों ने हिंसक हमला किया था। हमले में महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया था। हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने इस हमले के वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया,जिससे घटना की गंभीरता सामने आई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “कायराना प्रयास” करार दिया और कहा कि भारत को कनाडाई अधिकारियों से न्याय और कानून के पालन की उम्मीद है। उनके बयान में यह भी कहा गया कि भारत के दृढ़ संकल्प को ये हिंसक घटनाएँ कमजोर नहीं कर सकतीं हैं।
इस घटना पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चिंता व्यक्त की और कनाडा सरकार से पूजा स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आग्रह किया । भारत ने कनाडा में चरमपंथी गतिविधियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।
ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किए गए हमले की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा करते हुए कहा कि सभी कनाडाई नागरिकों को अपने धर्म का पालन स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ करने का अधिकार है। उन्होंने घटना के संदिग्धों की पहचान करने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस को भी धन्यवाद दिया।
पुलिस ने इस हमले में शामिल तीन संदिग्धों की पहचान की है,जिनमें मिसिसॉगा के 42 वर्षीय दिलप्रीत सिंह बौंस,ब्रैम्पटन के 23 वर्षीय विकास (पूरा नाम अज्ञात) और मिसिसॉगा के 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह शामिल हैं। एक अन्य व्यक्ति को पुराने वारंट पर गिरफ्तार किया गया,लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया।
इसके अलावा, एक वीडियो में यह भी देखा गया कि पील पुलिस का एक ऑफ-ड्यूटी अधिकारी खालिस्तानी समर्थकों की रैली में हिस्सा ले रहा था। इस अधिकारी को जाँच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है। यह घटना कनाडा में बढ़ रहे खालिस्तानी प्रभाव और हिंदू मंदिरों पर हमलों की गंभीरता को उजागर करती है, जिसके कारण हिंदू समुदाय में चिंता और गुस्सा फैल गया है।