वाशिंगटन,12 जनवरी (युआईटीवी)- यमन की राजधानी पर लाल सागर में हौथी हमलों के जवाब में हमले किए गए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि इस हमले का आदेश अभूतपूर्व हौथी हमलों के जवाब में दिया गया है,जो लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों के खिलाफ किया गया था।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यमन में ईरान-गठबंधन हौथी आतंकवादियों पर गुरुवार को अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हमला किया। बाइडेन प्रशासन और अन्य सरकारों ने लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमला रोकने के लिए कई बार चेतावनी दी गई थी,लेकिन इन चेतावनियों को समूह द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के द्वारा यह कदम उठाया गया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि हौथिस द्वारा इस्तेमाल किए गए लक्ष्यों को निर्देशित कर ये हमले किए गए।
राष्ट्रपति बाइडेन ने सीएनएन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि, हमारे सहयोगियों,अमेरिकी कर्मियों,नागरिकों,नाविकों,व्यापार और नेविगेशन की स्वतंत्रता को इन हमलों ने खतरे में डाल दिया है।
लाल सागर में संकट को सहायता और बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान को दोषी ठहराते हुए कहा कि तेहरान की ओर से तकनीकी और खुफिया सहयोग न की गई होती,तो हौथिस नौवहन मार्ग को खतरे में डालने में समर्थ नहीं होते।
सीएनएन रिपोर्ट के हवाले से राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा कि, अमेरिकी सैन्य बलों ने मेरे निर्देश पर यूके के साथ मिलकर यमन में कई ठिकानों पर हमले किए। नेविगेशन की स्वतंत्रता को खतरे में डालने के लिए हौथी विद्रोहियों ने इसका इस्तेमाल किया था। इस हमले में ऑस्ट्रेलिया,कनाडा,बहरीन और नीदरलैंड ने भी पूरा समर्थन दिया है।”
लड़ाकू विमानों और टॉमहॉक मिसाइलों के इस्तेमाल से ये हमले किए गए थे। सीएनएन को एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि सतह,हवा और उप प्लेटफार्मों से दागी गई मिसाइलों से एक दर्जन से अधिक हौथी ठिकानों पर हमला किया गया।
इनमें बैलिस्टिक मिसाइल भंडारण और प्रक्षेपण स्थल,रडार सिस्टम, ड्रोन भंडारण और प्रक्षेपण स्थल तथा क्रूज मिसाइल भंडारण और प्रक्षेपण स्थल शामिल थे।

