कैरिबियाई देशों में ‘मेलिसा’ तूफान का कहर (तस्वीर क्रेडिट@senguptacanada)

कैरिबियाई देशों में तबाही का तूफान ‘मेलिसा’,दर्जनों की मौत और हजारों बेघर,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बढ़ाया मदद का हाथ

वाशिंगटन,31 अक्टूबर (युआईटीवी)- कैरिबियाई क्षेत्र इस समय इस सदी के सबसे भीषण तूफान ‘मेलिसा’ की चपेट में है,जिसने वहाँ अभूतपूर्व तबाही मचा दी है। श्रेणी 5 के इस अटलांटिक तूफान ने जमैका,क्यूबा,बहामास और हैती जैसे देशों को झकझोर कर रख दिया है। भारी बारिश,तेज हवाओं और बाढ़ ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं। वहीं,हजारों घर तबाह हो गए हैं और बड़ी संख्या में लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रीय तूफान केंद्र (एनएचसी) के अनुसार,मेलिसा तूफान मंगलवार को जमैका के दक्षिणी तट से टकराया था। उस समय इसकी रफ्तार लगभग 260 किलोमीटर प्रति घंटे थी,जिससे यह श्रेणी 5 के तूफानों की श्रेणी में शामिल हो गया था। तूफान ने जमैका को झकझोरने के बाद क्यूबा और बहामास की ओर रुख किया और वहाँ भी भीषण तबाही मचाई। हालाँकि,बुधवार तक यह कुछ कमजोर पड़ गया,लेकिन तब तक इसने कैरिबियाई द्वीपों की संरचनाओं और जनजीवन को गहरा नुकसान पहुँचा दिया। गुरुवार सुबह तक यह तूफान बरमूडा की दिशा में आगे बढ़ रहा था।

एनएचसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि तूफान के कमजोर पड़ने के बावजूद आने वाले दिनों में कैरिबियन के कई हिस्सों में भारी बाढ़ और भूस्खलन की आशंका बनी रहेगी। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में जमैका,क्यूबा और हैती शामिल हैं,जहाँ तेज हवाओं और बारिश ने बुनियादी ढाँचे को तहस-नहस कर दिया है। कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए हैं,बिजली की लाइनें टूट गई हैं और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

जमैका में सेंट एलिजाबेथ क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा है। वहाँ नदियों और नालों में अचानक आई बाढ़ से पूरे गाँव जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय पुलिस ने बताया कि सेंट एलिजाबेथ में बाढ़ के पानी में चार शव बरामद किए गए हैं,जिनमें तीन पुरुष और एक महिला शामिल हैं। जमैका के स्थानीय सरकार और सामुदायिक विकास मंत्री डेसमंड मैकेंज़ी ने कहा, “मुझे यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि हमारे सेंट एलिजाबेथ क्षेत्र में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। उनके शव बाढ़ के पानी में बह गए थे और बाद में बचाव दल ने उन्हें खोज निकाला।”

देश में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है। जमैका का मुख्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा,जो तूफान के कारण दो दिनों तक बंद था,बुधवार देर रात फिर से खोला गया। अब वहाँ आपातकालीन राहत उड़ानें पहुँच रही हैं। राहतकर्मी प्रभावित इलाकों में भोजन,पीने का पानी,दवाइयाँ और अन्य जरूरी सामग्री वितरित कर रहे हैं। कई इलाकों में सड़कें और पुल बह जाने के कारण हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है।

क्यूबा में भी मेलिसा के कारण हालात बेहद खराब हैं। वहाँ के पूर्वी हिस्सों में तेज हवाओं ने बिजली के खंभे और मकान गिरा दिए हैं। राजधानी हवाना में समुद्री लहरें तटीय इलाकों में घुस गईं,जिससे सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा। क्यूबा सरकार ने बताया कि देश के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और जलापूर्ति व्यवस्था भी बाधित हुई है।

हैती में स्थिति और भी गंभीर बताई जा रही है। देश पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है और अब इस प्राकृतिक आपदा ने वहाँ की कठिनाइयों को और बढ़ा दिया है। राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के कई हिस्सों में भूस्खलन की खबरें आई हैं। राहत एजेंसियों का कहना है कि कई गाँवों तक पहुँच बनाना बेहद मुश्किल हो गया है क्योंकि सड़कें पूरी तरह जलमग्न हैं।

स्थानीय प्रशासन और अंतर्राष्ट्रीय राहत एजेंसियाँ मिलकर बचाव कार्य चला रही हैं,लेकिन बिजली कटौती,संचार व्यवस्था ठप होने और अवरुद्ध सड़कों के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता दल ने बताया कि प्रभावित इलाकों में हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और उन्हें अस्थायी आश्रय शिविरों में रखा गया है।

इस बीच,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इस आपदा पर चिंता जताई है और मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, “पूर्वी क्यूबा में तूफान मेलिसा की तबाही के बाद ट्रंप सरकार उन बहादुर क्यूबाई लोगों के साथ खड़ी है,जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका सीधे और स्थानीय भागीदारों के माध्यम से मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।”

इसके अलावा,यूरोपीय संघ,कनाडा और यूनाइटेड किंगडम ने भी कैरिबियन देशों को राहत सहायता भेजने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (यूएनओसीएचए) ने बताया कि वे प्रभावित क्षेत्रों में नकद सहायता,खाद्य आपूर्ति,स्वच्छ पेयजल और बचाव दल भेज रहे हैं।

बहामास में भी तूफान के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई तटीय इलाकों में समुद्र का पानी घुस जाने से गाँव खाली कराए गए हैं। सरकार ने वहाँ आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है और सेना को राहत कार्यों में लगाया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मेलिसा तूफान,पिछले दो दशकों में कैरिबियन क्षेत्र पर आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक है। जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार,बढ़ते समुद्री तापमान और जलवायु परिवर्तन ने अटलांटिक तूफानों की तीव्रता को कई गुना बढ़ा दिया है।

अब जबकि तूफान धीरे-धीरे बरमूडा की ओर बढ़ रहा है और अपनी गति खो रहा है,कैरिबियाई देशों में पुनर्निर्माण की चुनौती सामने है। बर्बाद घरों,ढहे पुलों और नष्ट फसलों के बीच लोग अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश में हैं।

तूफान ‘मेलिसा’ ने यह साफ कर दिया है कि प्रकृति के आगे कोई ताकत टिक नहीं सकती,लेकिन मानवीय एकजुटता और सहयोग की भावना इस विनाश के बीच नई उम्मीद की किरण बनकर उभर रही है। पूरी दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि कैरिबियन क्षेत्र किस तरह इस तबाही से उबरकर फिर से खड़ा होता है।