डोनाल्ड ट्रम्प और पीट हेगसेथ

कैरेबियन सागर में अमेरिका का सैन्य ऑपरेशन विवादों में,वेनेजुएला पर ड्रग्स तस्करी के आरोपों के बीच 11 लोगों की मौत से बढ़ा तनाव

नई दिल्ली,8 दिसंबर (युआईटीवी)- कैरेबियन सागर में अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे सैन्य ऑपरेशन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई बहस छिड़ गई है। अमेरिका लंबे समय से वेनेजुएला पर आरोप लगाता रहा है कि वह कैरेबियन मार्ग का इस्तेमाल कर दक्षिण अमेरिका से बड़े पैमाने पर ड्रग्स को अमेरिका में तस्करी कर भेजता है। इसी आरोपों की पृष्ठभूमि में हाल ही में संचालित एक ऑपरेशन में अमेरिकी नौसेना की कार्रवाई से 11 लोगों की मौत हो गई,जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के युद्ध सचिव पीट हेगसेथ कठघरे में आ गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल अमेरिकी सैन्य रणनीति बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानून,मानवाधिकार और सैन्य जवाबदेही पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैलिफोर्निया में मीडिया को संबोधित करते हुए अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने इस ऑपरेशन को पूरी तरह सही ठहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास अपने विवेक के अनुसार सैन्य कार्रवाई करने का पूर्ण अधिकार है और आवश्यकता पड़ने पर अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। हेगसेथ ने दावा किया कि हालिया ऑपरेशन में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है,बल्कि यह कार्रवाई एक वैधानिक और आवश्यक कदम के रूप में उठाई गई है।

अपने बयान में हेगसेथ ने बेहद सख्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अमेरिका में ड्रग्स लाने वालों के खिलाफ अब कड़ा रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर आप किसी नामित आतंकवादी संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप इस देश में नाव में ड्रग्स लाते हैं,तो हम आपको ढूँढ़ लेंगे और हम आपको डुबो देंगे। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए।” उनका यह बयान अमेरिकी सैन्य नीति में हो रहे बदलाव और उसकी आक्रामक दिशा को स्पष्ट रूप से दिखाता है। हेगसेथ ने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस देश के हितों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक समझेंगे,वैसी सैन्य कार्रवाई करेंगे और दुनिया का कोई भी देश इस दृढ़ता पर संदेह न करे।

विवाद को और बढ़ाते हुए हेगसेथ ने इस सैन्य कार्रवाई की तुलना 9/11 के बाद वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से कर दी। उन्होंने कथित ड्रग्स तस्करों की तुलना सीधे अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से कर दी,जिससे आलोचकों ने इसे अतिशयोक्तिपूर्ण और खतरनाक तुलना बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी युद्ध विभाग अब हस्तक्षेपवादी नीतियों,शासन परिवर्तन के अभियानों,लोकतंत्र स्थापित करने के प्रयासों,जलवायु परिवर्तन के मुद्दों या ‘वोक’ नैतिकता में उलझकर अपने मूल उद्देश्यों से भटकने वाला नहीं है। उनका कहना था कि विभाग अब केवल अमेरिकी हितों की रक्षा और निर्णायक सैन्य कार्रवाई पर केंद्रित रहेगा।

यह विवाद तब और गहरा गया,जब सामने आया कि जिस नाव को अमेरिकी नौसेना ने निशाना बनाया था,उस पर सवार सभी 11 लोग मारे गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार नाव एक अन्य जहाज की ओर जा रही थी,लेकिन नौसेना को उसकी पहचान या उसके वास्तविक उद्देश्य की जानकारी हासिल नहीं हो सकी। इस बीच दावा किया गया कि पीट हेगसेथ ने स्वयं इस हमले का आदेश दिया था,जिसके कारण अब वे जाँच के दायरे में हैं। आलोचकों का कहना है कि बिना पर्याप्त खुफिया जानकारी के एक नाव को निशाना बनाना गंभीर लापरवाही है और इसने अनावश्यक रूप से बड़े पैमाने पर जानें ले लीं।

रिपोर्ट्स में बताया गया कि हमले से बचकर निकले कुछ लोग भी बाद में अपनी चोटों के कारण दम तोड़ गए। अमेरिकी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सांसदों को यह स्वीकार किया कि ऑपरेशन का लक्ष्य नाव को डुबो देना और उस पर मौजूद सभी 11 लोगों को मार गिराना था। इस खुलासे ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है। विरोधी दलों,मानवाधिकार संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना की पारदर्शी जाँच की माँग की है और सवाल उठाए हैं कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में न्यायसंगत थी या यह अमेरिकी सैन्य आक्रामकता का एक और उदाहरण है।

वर्तमान परिस्थितियों में पीट हेगसेथ पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे इस ऑपरेशन की पूरी वीडियो और संबंधित रिकॉर्ड को सार्वजनिक करें,ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अमेरिकी नौसेना ने किन परिस्थितियों में यह घातक कार्रवाई की। आलोचकों का मानना है कि यदि वीडियो सार्वजनिक की जाती है,तो इससे कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं और यह भी पता चल सकता है कि क्या सैन्य कार्रवाई उचित थी या कहीं यह गलत पहचान या गलत फैसले का परिणाम थी।

दूसरी ओर,अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि ड्रग्स तस्करी से अमेरिका को गंभीर खतरा है और ऐसे नेटवर्क अक्सर आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े होते हैं। इसी कारण अमेरिका अपने समुद्री सुरक्षा ऑपरेशनों को सख्त बना रहा है,लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि सैन्य कार्रवाई का यह तरीका ज्यादा जोखिम भरा है,क्योंकि इसमें निर्दोष लोगों के मरने की संभावना बढ़ जाती है और यह अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के खिलाफ भी जा सकता है।

कैरेबियन सागर में अमेरिकी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और हालिया हमले के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। वेनेजुएला ने आरोप लगाया है कि अमेरिका उसकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सैन्य शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है। जबकि अमेरिकी प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका एकमात्र उद्देश्य अपने नागरिकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।

जाँच जारी है और अब दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अमेरिकी सरकार इस घटना को किस तरह सँभालती है। क्या पीट हेगसेथ पर किसी तरह की कार्रवाई होगी या उनकी रणनीति को अमेरिकी प्रशासन का पूर्ण समर्थन मिलेगा—यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। लेकिन इतना तय है कि कैरेबियन सागर में हुए इस सैन्य ऑपरेशन ने अमेरिका की वैश्विक छवि और उसकी समुद्री रणनीति पर एक बड़ा सवालचिह्न खड़ा कर दिया है।