वैभव सूर्यवंशी (तस्वीर क्रेडिट@RanjanSinghh_)

36 गेंदों में शतक लगाकर छाए वैभव सूर्यवंशी,विजय हजारे ट्रॉफी में दर्ज की धमाकेदार वापसी

राँची,24 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय घरेलू क्रिकेट के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की ओर से खेल रहे युवा सलामी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने ऐसा प्रदर्शन किया,जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। बाएँ हाथ के इस ओपनर ने राँची के जेएससीए ओवल ग्राउंड पर अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में महज 36 गेंदों पर शतक जड़ दिया। कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए अंडर-19 एशिया कप फाइनल में उनकी नाकामी ने टीम इंडिया को भारी कीमत चुकाने पर मजबूर कर दिया था,लेकिन वैभव ने उसी निराशा को ऊर्जा में बदलते हुए शानदार अंदाज में वापसी की और बता दिया कि बड़े खिलाड़ी वही होते हैं,जो असफलताओं से नए हौसले लेकर लौटते हैं।

यह मैच बिहार और अरुणाचल प्रदेश के बीच खेला जा रहा था,जहाँ बिहार ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पारी की शुरुआत से ही वैभव सूर्यवंशी का तेवर साफ दिखाई दे रहा था। उन्होंने शुरुआत में थोड़ी नज़र जमाई और फिर जैसे ही विकेट पर सेट हुए,गेंदबाजों पर टूट पड़े। उनके सामने अरुणाचल प्रदेश की गेंदबाजी लगभग बेबस नज़र आई। वैभव ने स्ट्रोकप्ले की ऐसी झड़ी लगाई कि फील्डिंग कप्तान के पास फील्ड सेट करने के विकल्प ही कम पड़ते चले गए।

सिर्फ 36 गेंदों में शतक पूरा करना किसी भी फॉर्मेट में असाधारण उपलब्धि मानी जाती है। वैभव ने यह मुकाम न केवल तेज़ी से रन बनाकर हासिल किया,बल्कि उन्होंने अपने शॉट चयन और पारी के निर्माण से यह भी दिखाया कि वे केवल हिटर ही नहीं,बल्कि सोच-समझकर क्रिकेट खेलने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने छोटी गेंदों पर पुल और हुक शॉट्स का बेखौफ इस्तेमाल किया,वहीं फुल लेंथ डिलीवरीज पर ड्राइव,कवर ड्राइव और लॉन्ग-ऑन के ऊपर से लॉफ्टेड शॉट्स के जरिए गेंद को लगातार बाउंड्री के पार भेजते रहे।

वैभव ने कुल 84 गेंदों का सामना करते हुए 190 रनों की तूफानी पारी खेली,जिसमें 15 छक्के और 16 चौके शामिल थे। उनकी बल्लेबाजी इतनी आक्रामक थी कि अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाज न लाइन पकड़ पा रहे थे,न लेंथ। मैदान पर दर्शकों के लिए हर कुछ गेंदों के बाद चौके और छक्के का शोर आम हो गया था। वैभव के पास दोहरा शतक लगाने का सुनहरा मौका था,लेकिन 27वें ओवर की चौथी गेंद पर वह बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में कैच आउट हो गए। इसके बावजूद उनकी पारी ने मैच का रुख पहले ही बिहार के पक्ष में मोड़ दिया था।

इस मुकाबले का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है,क्योंकि यह इस सीज़न के विजय हजारे ट्रॉफी का पहला मैच था। ऐसे में किसी भी खिलाड़ी के लिए शुरुआत में आत्मविश्वास हासिल करना बेहद जरूरी होता है। वैभव सूर्यवंशी का यह धमाकेदार प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत फार्म का संकेत है,बल्कि बिहार टीम के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है। घरेलू टूर्नामेंट में अक्सर ऐसे युवा खिलाड़ियों को देखा जाता है,जो प्रतिभाशाली तो होते हैं,लेकिन दबाव झेल नहीं पाते। वैभव ने साबित कर दिया कि वह दबाव में भी खेल को अगले स्तर तक ले जाने की क्षमता रखते हैं।

अंडर-19 एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी नाकामी पर काफी चर्चा हुई थी। कई लोगों ने उस प्रदर्शन के आधार पर उनकी तकनीक और मानसिक मजबूती पर सवाल उठाए,लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में खेले गए इस शानदार इनिंग ने उन सवालों का बेहतर जवाब दे दिया। यह पारी बताती है कि वैभव ने अपनी गलतियों से सीखा,उन्हें स्वीकार किया और मैदान पर उतरकर परफॉर्मेंस के जरिए जवाब दिया। युवा खिलाड़ियों के विकास में यही सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है — असफलता के बाद वापसी की क्षमता।

बिहार के ड्रेसिंग रूम में भी वैभव की इस पारी ने अलग ही माहौल बना दिया। साथी खिलाड़ियों के लिए यह पारी प्रेरणा बन सकती है। जहाँ एक ओर टीम को बड़े स्कोर की मजबूत नींव मिल गई,वहीं दूसरी ओर टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में ही बल्लेबाजी लाइन-अप का आत्मविश्वास बढ़ गया। कोचिंग स्टाफ के लिए भी यह संकेत है कि उनके पास एक ऐसा सलामी बल्लेबाज मौजूद है,जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल देने की क्षमता रखता है।

टूर्नामेंट लंबा है और आगे अभी कई महत्वपूर्ण मुकाबले खेले जाने बाकी हैं। ऐसे में सबकी निगाहें अब वैभव सूर्यवंशी पर टिक गई हैं। क्रिकेट में निरंतरता सबसे बड़ा पैमाना मानी जाती है। इस प्रदर्शन को वैभव किस तरह आगे के मैचों में दोहराते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। अगर वह इसी लय और आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी जारी रखते हैं,तो न केवल बिहार टीम को बड़ा फायदा होगा,बल्कि चयनकर्ताओं की निगाहों में भी उनका कद और ऊँचा हो सकता है।

राँची में खेला गया यह मुकाबला वैभव सूर्यवंशी की शानदार वापसी का गवाह बना। 36 गेंदों का शतक,190 रनों की विस्फोटक पारी और टीम के मनोबल पर पड़ा सकारात्मक असर—इन सबने मिलकर इस मैच को यादगार बना दिया। यह प्रदर्शन सिर्फ आँकड़ों की वजह से खास नहीं है,बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसने एक युवा खिलाड़ी के भीतर छिपे जज़्बे और जुझारूपन को उजागर किया। आने वाले दिनों में वैभव इस लय को कितनी दूर तक ले जा पाते हैं,यह उनके करियर की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।