मॉस्को,23 अक्टूबर (युआईटीवी)- रूस के चेल्याबिंस्क क्षेत्र के कोपेयस्क शहर में मंगलवार देर रात हुए एक भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। यह धमाका एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में हुआ,जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके के बाद इलाके में घना काला धुआं फैल गया और आसपास के लोगों में दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय प्रशासन और इमरजेंसी सेवाएँ तुरंत मौके पर पहुँचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
रूसी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,चेल्याबिंस्क क्षेत्र के गवर्नर एलेक्सी टेक्सलर ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में ड्रोन हमले की कोई पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शहर के नागरिकों या उनकी संपत्ति को कोई बड़ा खतरा नहीं है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। घटनास्थल पर सभी आपातकालीन सेवाओं की टीमें मौजूद हैं और एक अस्थायी कमांड सेंटर स्थापित किया गया है,ताकि राहत कार्यों की निगरानी की जा सके।
धमाके का असर इतना जबरदस्त था कि कोपेयस्क के कई इलाकों में रात के समय इमारतों की खिड़कियाँ तक हिल गईं। चश्मदीदों के अनुसार,विस्फोट के कुछ ही मिनटों बाद शहर के ऊपर घना काला धुआं फैल गया,जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर धमाके के वीडियो साझा किए,जिनमें आग की लपटें और उठता हुआ धुआं स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
स्थानीय मीडिया आउटलेट एस्ट्रा की रिपोर्ट के अनुसार,ये धमाके चेल्याबिंस्क के बाहरी इलाके में स्थित प्लास्टमास सैन्य संयंत्र के पास हुए। यह संयंत्र रूस की रक्षा उत्पादन प्रणाली का एक अहम हिस्सा है,जहाँ 76 से 152 मिमी कैलिबर की तोपों,तोपखाने प्रणालियों और टैंकों के लिए गोला-बारूद तैयार किया जाता है। यही वजह है कि धमाकों के बाद यह अटकलें तेज हो गईं कि घटना का संबंध किसी सैन्य या रक्षा गतिविधि से हो सकता है।
कुछ रूस समर्थक टेलीग्राम चैनलों ने दावा किया कि यह हमला यूक्रेनी ड्रोन द्वारा किया गया था और धमाके के समय रूस की वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय थी। हालाँकि,रूस के आधिकारिक सूत्रों ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि जाँच अभी प्रारंभिक चरण में है और फिलहाल किसी बाहरी हमले का सबूत नहीं मिला है।
चेल्याबिंस्क क्षेत्र यूक्रेन की सीमा से करीब 1,800 किलोमीटर दूर स्थित है,जो इसे आमतौर पर युद्ध की सीधी रेखा से काफी दूर बनाता है। फिर भी,हाल के महीनों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों की बढ़ती गतिविधियों ने यह दिखाया है कि यूक्रेन अब रूस के भीतरी हिस्सों को भी निशाना बना रहा है।
दरअसल,इससे कुछ ही घंटे पहले यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने रूस के अंदर कई औद्योगिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। इनमें मोर्दोविया में एक रक्षा-संबंधी यांत्रिक संयंत्र और डगेस्तन में एक प्रमुख तेल परिसर शामिल थे। इन हमलों का मकसद रूस की सैन्य क्षमता को कमजोर करना और युद्ध उत्पादन को बाधित करना बताया जा रहा है।
यूक्रेन ने पिछले कुछ महीनों में रूस के अंदर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है या अप्रत्यक्ष रूप से संकेत दिए हैं कि ये हमले उसकी रणनीति का हिस्सा हैं। यूक्रेनी सेना का कहना है कि वह रूस के उन ठिकानों को निशाना बना रही है,जो सीधे तौर पर यूक्रेन पर हमलों में शामिल हैं। विश्लेषकों के अनुसार,यूक्रेन की यह नीति रूस के भीतर असुरक्षा की भावना पैदा करने और उसके सैन्य ढाँचे पर दबाव बढ़ाने की कोशिश है।
रूस के कई अन्य हिस्सों में भी पिछले 48 घंटों के भीतर विस्फोटों और ड्रोन हमलों की खबरें सामने आईं। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार,मंगलवार रात रूस के ब्रांस्क और रोस्तोव ओब्लास्ट क्षेत्रों पर भी ड्रोन हमले हुए,जिनमें दो लोग घायल हो गए और कुछ इमारतों को नुकसान पहुँचा। हालाँकि,रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने कई ड्रोन को गिराने का दावा किया है।
इसी क्रम में बुधवार देर रात दक्षिणी रूस के स्टावरोपोल शहर के बाहरी इलाके में एक सैन्य अड्डे के पास भी जोरदार विस्फोट हुआ। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक,यह धमाका 247वीं गार्ड्स एयरबोर्न असॉल्ट रेजिमेंट के पास एक बस स्टॉप के निकट हुआ। सूत्रों ने बताया कि इस स्थान के पास एक बेबी स्ट्रॉलर (बच्चों की गाड़ी) में विस्फोटक सामग्री रखी गई थी,जो अचानक फट गई। इस घटना में छर्रे लगने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
इन लगातार हो रहे विस्फोटों और संदिग्ध हमलों ने रूस की आंतरिक सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन द्वारा रूस के भीतर किए जा रहे हमले अब केवल प्रतीकात्मक नहीं रहे,बल्कि उनका उद्देश्य रूस के हथियार उत्पादन नेटवर्क को पंगु बनाना है।
हालाँकि,रूसी अधिकारियों ने लोगों से शांत रहने की अपील की है। गवर्नर एलेक्सी टेक्सलर ने कहा, “हमारी सभी आपातकालीन सेवाएँ पूरी क्षमता से काम कर रही हैं। शहरवासियों या उनकी संपत्ति को कोई खतरा नहीं है। विस्फोट के कारणों की जाँच की जा रही है और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।”
वहीं,घटनास्थल से मिले शुरुआती साक्ष्य बताते हैं कि धमाके से आसपास की कई इमारतों की खिड़कियाँ टूट गईं और पास के गोदामों में आग लग गई। दमकल विभाग ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है,जहाँ कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
चेल्याबिंस्क क्षेत्र रूस के पारंपरिक हथियार उद्योग का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहाँ मौजूद संयंत्रों में तोपखाना,टैंक के गोले और मिसाइल निर्माण की गतिविधियाँ होती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में हुआ धमाका न केवल एक स्थानीय दुर्घटना के रूप में देखा जा रहा है,बल्कि रूस के रक्षा ढाँचे के लिए एक संभावित चेतावनी भी माना जा रहा है।
फिलहाल,रूस की जाँच एजेंसियाँ मामले की तहकीकात में जुटी हैं। इस बीच, देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। चाहे यह धमाका एक तकनीकी खराबी का परिणाम हो या किसी बाहरी हमले का हिस्सा,इतना तय है कि इससे रूस की आंतरिक सुरक्षा पर नया दबाव बढ़ गया है और यह युद्ध अब सीमाओं से आगे बढ़कर रूस के भीतरी इलाकों तक पहुँच चुका है।