ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंसा के बाद पहली बार मुर्शिदाबाद जाएँगी,कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी

नई दिल्ली,5 मई (युआईटीवी)- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले के दौरे पर जा रही हैं। यह दौरा उस समय हो रहा है,जब हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिले में हिंसक झड़पें हुई थीं। 11 अप्रैल को भड़की इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं।

यह मुख्यमंत्री बनर्जी का हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद का पहला दौरा है,जो राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

विवाद की शुरुआत केंद्र द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के पारित होने से हुई। इस कानून को लेकर राज्य के मुस्लिम समुदाय में असंतोष फैला,जिसे लेकर व्यापक प्रदर्शन शुरू हो गए। मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया,जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ गई।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह राज्य की शांति और सौहार्द के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी तत्वों ने इस हिंसा को उकसाया और इसके पीछे साजिश रची गई है। मिदनापुर में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक में उन्होंने कहा, “हम बंगाल में दंगे नहीं चाहते। जो लोग शांति भंग करना चाहते हैं,उनकी पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी।”

ममता बनर्जी के दौरे का मुख्य उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेना और पीड़ितों से मिलकर संवेदना व्यक्त करना है। उनके कार्यक्रम में सुति विधानसभा क्षेत्र के चपघाटी मैदान में एक प्रशासनिक बैठक भी शामिल है, जहाँ जिला प्रशासन के अधिकारी,पुलिस और अन्य विभागों के प्रमुख मौजूद रहेंगे।

इसके अलावा,मंगलवार को ममता बनर्जी शमशेरगंज में एक सेवा-उन्मुख कार्यक्रम में भी भाग लेंगी। यह इलाका हालिया तनाव का केंद्र रहा है,इसलिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति को शांति बहाली और प्रशासनिक सुदृढ़ता का प्रतीक माना जा रहा है।

इस दौरे के अंत में वह एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगी और फिर बरहमपुर से बालुरघाट के लिए रवाना होंगी।

मुख्यमंत्री का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है,जब हाल ही में राज्यपाल सीवी आनंद बोस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने राज्य सरकार पर हिंसा रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की माँग की थी।

इस राजनीतिक पृष्ठभूमि में ममता बनर्जी का यह दौरा केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं,बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है।

मुर्शिदाबाद,जो पहले से ही धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इलाका माना जाता है,अब एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। वक्फ अधिनियम को लेकर उपजे असंतोष ने जिस तरह से हिंसा का रूप लिया,उससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह दौरा एक ओर शांति और पुनर्वास का संदेश देने की कोशिश है,तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी हमलों का जवाब भी। अब देखना यह है कि क्या यह दौरा वास्तव में हालात को सुधार सकेगा या यह महज एक और राजनीतिक प्रतिक्रिया बनकर रह जाएगा।