दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (तस्वीर क्रेडिट@GaganPratapMath)

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद सुरक्षा में बड़ा बदलाव,अब मिलेगी जेड श्रेणी की सीआरपीएफ कवर

नई दिल्ली,21 अगस्त (युआईटीवी)- दिल्ली की राजनीति इस समय उस घटना से हिल गई है,जिसने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को उनके सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ। इस हमले ने न केवल सरकार और प्रशासन को चौकन्ना कर दिया,बल्कि केंद्रीय स्तर पर भी चिंता पैदा कर दी। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने समीक्षा की और अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी का सीआरपीएफ सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

पहले मुख्यमंत्री के आवास और उनके कार्यक्रमों की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी थी,लेकिन अब यह जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंप दी गई है। इसका अर्थ यह है कि मुख्यमंत्री के आवास से लेकर उनके साथ हर समय सीआरपीएफ के प्रशिक्षित कमांडो तैनात रहेंगे। इसके अलावा उनकी क्लोज प्रोटेक्शन टीम में भी सीआरपीएफ के जवान शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार,यह फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय के उच्चस्तरीय विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

बुधवार को जो घटना घटी,उसने सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमजोरी को उजागर कर दिया। जानकारी के मुताबिक,मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जनसुनवाई कर रही थीं। इस दौरान एक व्यक्ति,जो खुद को याचिकाकर्ता बताकर वहाँ आया था,अचानक उन पर टूट पड़ा। आरोप है कि उसने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा और धक्का दिया,जिससे वे गिर पड़ीं। हमलावर को तुरंत ही सुरक्षाकर्मियों ने काबू में कर लिया। उसकी पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश खिमजी के रूप में हुई है। फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है और पूछताछ जारी है कि उसने इस हमले की योजना क्यों बनाई थी और इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है या नहीं।

हमले में मुख्यमंत्री को चोटें आई हैं। उन्हें तुरंत चिकित्सकीय जाँच के लिए अस्पताल ले जाया गया,जहाँ डॉक्टरों ने उनके शरीर पर गंभीर चोटों की पुष्टि की। अभी वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं और स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं। इस घटना की खबर फैलते ही पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। गुरुवार को भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज समेत कई नेता उनसे मिलने अस्पताल पहुँचे और उनका हालचाल लिया। वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि यह कोई साधारण घटना नहीं है,बल्कि सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगती है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में ऐसी चूक कैसे हुई।

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर व्यापक समीक्षा की गई। सूत्रों का कहना है कि अब जनसुनवाई जैसे आयोजनों के दौरान मुख्यमंत्री से सीधे संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री से मिलने से पहले गहन जाँच प्रक्रिया से गुजरना होगा। शिकायतों और याचिकाओं को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से पहले अधिकारियों द्वारा उनकी पूर्व जाँच की जाएगी। यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला सिर्फ एक व्यक्ति की हरकत थी या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक या सामाजिक एजेंडा है,इसकी जाँच जारी है,लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राजधानी जैसे संवेदनशील शहर में मुख्यमंत्री पर इस तरह का हमला बेहद गंभीर संकेत है। यह न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है,बल्कि इस बात को भी रेखांकित करता है कि वीवीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल में और सुधार की आवश्यकता है।

जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद अब मुख्यमंत्री के चारों ओर 20 से अधिक सीआरपीएफ कमांडो हर समय तैनात रहेंगे। उनके मूवमेंट और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी अब विशेष निगरानी रखी जाएगी। सीआरपीएफ का सुरक्षा कवच दिल्ली पुलिस की तुलना में कहीं अधिक उन्नत और मजबूत माना जाता है,क्योंकि इसमें विशेष प्रशिक्षण प्राप्त जवान शामिल होते हैं,जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम होते हैं।

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को सिर्फ सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान नहीं देना चाहिए,बल्कि इस बात की गहराई से जाँच होनी चाहिए कि आखिर हमलावर मुख्यमंत्री तक कैसे पहुँच गया। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि यह हमला लोकतंत्र पर हमला है और इसे किसी भी हालत में हल्के में नहीं लिया जा सकता।

राजधानी दिल्ली में इस तरह की घटना का होना चिंताजनक है,क्योंकि यहाँ देश-विदेश के नेता लगातार आते रहते हैं। सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि किसी भी वीआईपी या जनप्रतिनिधि की सुरक्षा में चूक न हो। इस घटना के बाद साफ हो गया है कि सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की गंभीर समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा का प्रावधान निश्चित रूप से उन्हें और उनके परिवार को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करेगा,लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि आम जनता की शिकायतें और आवाज मुख्यमंत्री तक पहुँचती रहें। नई सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते जनता और मुख्यमंत्री के बीच दूरी न बढ़े,इसके लिए संतुलन बनाना शासन के सामने बड़ी चुनौती होगी।