नई दिल्ली,13 मई (युआईटीवी)- हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव और सीमित युद्ध जैसी स्थिति के बीच कई अहम खुलासे सामने आए हैं। इनमें सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पाकिस्तान को चीन,तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों से हथियारों और तकनीकी सहायता मिल रही थी। इस बात की पुष्टि खुद भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने की है।
भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी हमले में चीन द्वारा प्रदान की गई मिसाइलों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि इन मिसाइलों का निशाना चूक गया और भारतीय सेना ने इन्हें मौके से बरामद कर लिया।
राजीव घई ने बताया कि भारतीय नौसेना अत्याधुनिक सेंसर और खुफिया इनपुट के माध्यम से लगातार समुद्री सीमा और हवाई क्षेत्र की निगरानी कर रही है। इस निगरानी की वजह से पाकिस्तान की ओर से भेजे गए हथियारबंद ड्रोन और यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) को एयर डिफेंस ग्रिड और कंधे से दागे जाने वाले हथियारों की मदद से समय रहते मार गिराया गया।
हालिया घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान की तरफ से यह झूठी खबर फैलाई गई थी कि उसने उधमपुर एयरबेस को तबाह कर दिया है। इस तरह की खबरों के लिए कई पुराने और फर्जी वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया,मगर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इन वीडियो को तुरंत फर्जी करार देते हुए इनका खंडन किया।
एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हमारे सभी सैन्य अड्डे पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं और किसी भी भविष्य की स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।” उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के दावे सिर्फ मनोबल गिराने के लिए थे,लेकिन भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशंस (डीजीएओ) अवधेश भारती ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारत का हमला आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ था,न कि आम पाकिस्तानियों के खिलाफ। उन्होंने कहा, “7 मई को हमने केवल उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया,जहाँ आतंकियों की गतिविधियाँ पुख्ता तौर पर पाई गई थीं। मगर पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों की रक्षा करना चुना और इस तरह खुद को उस लड़ाई में घसीट लिया,जिसमें उन्हें नहीं पड़ना चाहिए था।”
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान द्वारा किए गए कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को बेअसर किया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय सेना के पास लो लेवल एयर डिफेंस सिस्टम,सरफेस टू एयर मिसाइलें,लॉन्ग रेंज और शॉर्ट रेंज मिसाइल सिस्टम समेत अत्याधुनिक रक्षा तंत्र मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान ने हमला किया तो हमारे सभी एयर डिफेंस सिस्टम ने एक साथ काम किया। भारतीय वायु रक्षा कर्मियों ने अपनी सूझ-बूझ और तकनीकी जानकारी से पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम कर दिया।
भारती ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से इस्तेमाल किए गए कई हथियार चीनी मूल के थे। इनमें लंबी दूरी के रॉकेट और यूएवी शामिल थे। उन्होंने आगे बताया कि कुछ ड्रोन और हेलीकॉप्टर तुर्की में बने हुए थे,जो बाद में हमारे सिस्टम ने मार गिराए। इस खुलासे से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह संकेत गया है कि पाकिस्तान को अन्य देशों का परोक्ष समर्थन मिल रहा है।
डीजीएमओ राजीव घई ने कहा कि भारतीय सेना ने पहलगाम और जम्मू-कश्मीर के अन्य संवेदनशील इलाकों में पहले से ही एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए थे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी वायुसेना ने कई बार हमारे एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की,लेकिन हर बार उन्हें नाकामयाबी का सामना करना पड़ा।”
राजीव घई ने अपनी बात को ज़ोर देने के लिए एक दिलचस्प उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, “1970 के दशक में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज़ में एक कहावत मशहूर हुई थी – ‘राख से राख,धूल से धूल,अगर थॉमो नहीं तो लिली जरूर मार गिराएगा (एशेज टू एशेज,डस्ट टू डस्ट,इफ नॉट थॉमस,देन लिली विल डेफिनिटली किल इट)’। हमारी ग्रिड डिफेंस प्रणाली कुछ वैसी ही है। कोई भी हमला सभी परतों को पार नहीं कर सकता। कोई न कोई स्तर दुश्मन को जरूर रोक लेगा।”
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान को चीन और तुर्की जैसे देशों का समर्थन हासिल है,जो बैक-चैनल्स से उसे हथियार और तकनीक मुहैया करा रहे हैं। भारत इस बात को गंभीरता से ले रहा है और इसके खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई जा रही है। भारतीय वायुसेना और थल सेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और किसी भी खतरे से निपटने के लिए सक्षम हैं।
एक ओर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आँखों में धूल झोंकने के लिए फर्जी वीडियो और झूठे दावे फैला रहा है,वहीं दूसरी ओर भारत अपने सैन्य कौशल, तकनीकी दक्षता और रणनीतिक सोच के जरिए स्थिति को नियंत्रित कर रहा है।
भारत का संदेश स्पष्ट है कि देश की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी देश आतंकियों या उनके समर्थकों का साथ देगा,वो भारत की सैन्य रणनीति से नहीं बच सकेगा।