राँची /कोलकाता,21 नवंबर (युआईटीवी)- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध खनन,कोयला चोरी और तस्करी के व्यापक नेटवर्क के खिलाफ शुक्रवार को झारखंड और पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई को अंजाम दिया। दोनों राज्यों में ईडी की अलग-अलग टीमों ने तड़के से ही 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी,जो देर शाम तक जारी रही। शुरुआती जानकारी के अनुसार तलाशी के दौरान करोड़ों रुपये की नकदी और भारी मात्रा में सोना–चाँदी तथा जेवरात बरामद किए गए हैं। बरामद कैश की गिनती के लिए नोट गिनने वाली मशीनें मंगाई गई हैं,जबकि ईडी ने आधिकारिक तौर पर अभी बरामदगी का विवरण साझा नहीं किया है।
यह कार्रवाई हाल के वर्षों में पूर्वी भारत के कोयला माफियाओं के खिलाफ ईडी द्वारा की गई सबसे बड़ी रेड मानी जा रही है। झारखंड और बंगाल दोनों राज्यों में कोयले के अवैध खनन और उसके जरिए काले धन के लेन-देन का नेटवर्क वर्षों से सक्रिय था,जिस पर अब गंभीरता से शिकंजा कसा जा रहा है। ईडी का यह अभियान कथित तौर पर उन कारोबारी समूहों,सिंडिकेट्स और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नेटवर्क को निशाना बना रहा है,जो अवैध खनन से जुड़े करोड़ों रुपए के कारोबार को नियंत्रित करते रहे हैं।
झारखंड में ईडी के राँची जोनल कार्यालय की टीमों ने धनबाद और उसके आसपास के इलाकों में लगभग 18 स्थानों पर एक साथ तलाशी ली। जिन प्रमुख ठिकानों पर रेड हुई उनमें कोयला कारोबारी एलबी सिंह,उनके भाई कुंभनाथ सिंह,अनिल गोयल,संजय उद्योग और अमर मंडल के पते प्रमुख हैं। धनबाद के बैंक मोड़ स्थित शांति भवन,निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो का ठिकाना और भूली में सन्नी केशरी का निवास भी तलाशी की जद में आए। सूत्रों के अनुसार,छापेमारी के दौरान एलबी सिंह ने टीम को रोकने की कोशिश की और अपने पालतू कुत्तों को छोड़कर ईडी की कार्रवाई को कुछ देर के लिए बाधित कर दिया जिसके बाद स्थानीय पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया।
ईडी की जाँच में अमर मंडल की भूमिका सिर्फ कोयले तक सीमित नहीं पाई गई है,बल्कि पत्थर और बालू के अवैध कारोबार के जरिए भी उगाही और कथित राजनीतिक संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं। वहीं,अनिल गोयल और उनके सिंडिकेट की भूमिका अवैध कोयला कारोबार में बेहद अहम बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार,इनके जरिए कोयले की अवैध ढुलाई,कागजों में हेराफेरी और गैर-कानूनी खनन स्थलों से बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया जाता रहा है।
गौरतलब है कि लगभग एक दशक पहले भी एलबी सिंह का नाम सुर्खियों में आया था,जब बीसीसीएल टेंडर घोटाले में सीबीआई ने उनके घर छापेमारी की थी और उन पर सीबीआई टीम पर फायरिंग करने तक का आरोप लगा था। अब ताजा रेड के बाद फिर से उनके नेटवर्क पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कोयला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी भारी चिंताजनक माहौल बन गया है।
उधर पश्चिम बंगाल में ईडी के कोलकाता जोनल कार्यालय की टीमों ने दुर्गापुर,पुरुलिया,हावड़ा और कोलकाता के कुल 24 परिसरों पर छापेमारी की। यह रेड उन ठिकानों पर की गई,जो कथित रूप से नरेंद्र खरका,अनिल गोयल,युधिष्ठिर घोष,कृष्ण मुरारी कयाल और अन्य लोगों से जुड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि ये लोग ईस्टर्न कोलफील्ड्स से जुड़े अवैध खनन नेटवर्क में सक्रिय थे और करोड़ों रुपये के काले धन को सिस्टम में घुमा रहे थे। ईडी को तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं,जिनकी जाँच टीम कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं और कई और व्यक्तियों या संस्थानों पर कानूनी कार्रवाई संभव है।
ईडी की इस कार्रवाई से पूरे कोयला बेल्ट में खलबली मच गई है। अवैध खनन से जुड़े कई कारोबारी,नेता और मध्यस्थ भूमिगत होने की कोशिश कर रहे हैं,जबकि कई की निगरानी बढ़ा दी गई है। धनबाद,आसनसोल,पुरुलिया और आसपास के इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधि तेज हो गई है।
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क न केवल अवैध खनन करता था,बल्कि इससे होने वाली कमाई हवाला चैनलों के जरिए विभिन्न राज्यों और विदेशों तक भेजी जाती थी। कई कंपनियाँ फर्जी दस्तावेजों और बेनामी खातों के माध्यम से करोड़ों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थीं। छापेमारी में मिले दस्तावेजों से ईडी यह भी जाँच कर रही है कि इन अवैध कारोबारों को किस तरह राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा और किन बड़े लोगों की भूमिका इसमें रही है।
ईडी के इस अभियान को केंद्र सरकार के उस बड़े मिशन का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत अवैध खनन,तस्करी और भ्रष्टाचार से जुड़े नेटवर्कों पर नकेल कसने की रणनीति अपनाई गई है। अवैध कोयला कारोबार वर्षों से पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था और कानून-व्यवस्था दोनों के लिए चुनौती रहा है। इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस नेटवर्क में शामिल और भी नाम सामने आएँगे और लंबे समय से चल रहे अवैध खनन पर बड़ा प्रहार होगा।
फिलहाल ईडी की टीमें बरामद नकदी,आभूषण और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जाँच कर रही हैं। एजेंसी ने संकेत दिया है कि जाँच के आधार पर आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारियाँ भी संभव हैं। यह कार्रवाई पूर्वी भारत में अवैध खनन से जुड़े माफियाओं के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है,जो वर्षों से इस गोरखधंधे को संचालित कर करोड़ों की कमाई कर रहे थे।

