नई दिल्ली,12 नवंबर (युआईटीवी)- दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार को हुई कार ब्लास्ट की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भीषण विस्फोट में 10 लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए थे। अब इस मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को औपचारिक आदेश जारी करते हुए एनआईए को जाँच की जिम्मेदारी सौंपी,जिसके बाद एजेंसी ने इस केस को अपने हाथों में ले लिया है।
सूत्रों के अनुसार,एनआईए ने इस ब्लास्ट की जाँच के लिए ‘स्पेशल 10’ नाम की एक विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) विजय सखारे के नेतृत्व में काम करेगी। इस विशेष जाँच टीम में एक इंस्पेक्टर जनरल (आईजी),दो उप महानिरीक्षक (डीआईजी),तीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) और चार उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) शामिल हैं। यह टीम अब तक दिल्ली,हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की पुलिस के साथ समन्वय में जुटी है,ताकि हर एंगल से इस मामले की जाँच हो सके।
बुधवार को एनआईए के डीजी और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख के बीच एक अहम बैठक हुई,जिसमें प्रारंभिक जाँच से जुड़ी जानकारियों की समीक्षा की गई। दोनों एजेंसियों के बीच दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद में हाल ही में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल के बीच संभावित संबंधों पर भी चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि एनआईए टीम ने जम्मू-कश्मीर,दिल्ली और हरियाणा पुलिस से ‘जैश मॉड्यूल’ से संबंधित कई केस डायरी और दस्तावेज अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दिल्ली ब्लास्ट की जाँच अब एक जटिल रूप ले चुकी है क्योंकि इसके तार हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए ‘आतंकी मॉड्यूल’ से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। बीते सोमवार को फरीदाबाद पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था,जिसमें सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किया गया। यह बरामदगी देश में पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ी बताई जा रही है। इसी मॉड्यूल के माध्यम से दिल्ली ब्लास्ट के लिए विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति की गई हो सकती है।
फरीदाबाद में जिस मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है,उसका संबंध ‘अल फलाह यूनिवर्सिटी’ से बताया जा रहा है। इस यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों और छात्रों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से भारी मात्रा में डेटोनेटर,केमिकल्स और ब्लास्टिंग उपकरण बरामद किए गए थे। एनआईए और हरियाणा पुलिस ने जाँच का दायरा बढ़ाते हुए अब छह और लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें विश्वविद्यालय के कुछ अन्य स्टाफ मेंबर और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि अब तक अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े करीब 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। पूछताछ में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी के भीतर कुछ कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित लोग ‘रिसर्च प्रोजेक्ट्स’ के नाम पर विस्फोटक बनाने के प्रयोग कर रहे थे। एनआईए के अधिकारियों को संदेह है कि इन्हीं प्रयोगों के माध्यम से आतंकियों ने विस्फोटक पदार्थ की तकनीक विकसित की और फिर इसका उपयोग दिल्ली ब्लास्ट में किया गया।
दिल्ली विस्फोट मामले का एक प्रमुख संदिग्ध उमर भी अल फलाह यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के पद पर कार्यरत था। जाँच एजेंसियों का मानना है कि उमर इस पूरी साजिश का अहम हिस्सा हो सकता है। विस्फोट के दिन ही फरीदाबाद में 2,900 किलो विस्फोटक जब्त किया गया था और उसी दिन शाम को दिल्ली में कार ब्लास्ट हुआ। यह संयोग नहीं,बल्कि एक सुनियोजित आतंकी गतिविधि मानी जा रही है,जिसे अंजाम देने के लिए अलग-अलग जगहों पर मॉड्यूल सक्रिय थे।
एनआईए की प्रारंभिक जाँच में यह भी सामने आया है कि इस पूरी साजिश के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का हाथ हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में सक्रिय जैश के एक पुराने नेटवर्क से इस मॉड्यूल के संबंधों की जाँच की जा रही है। एजेंसी ने अब तक दिल्ली,हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में दर्ज आधा दर्जन केसों की फाइलों को अपने कब्जे में लेकर समानताओं की जाँच शुरू कर दी है।
वहीं,दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी कुछ महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत एनआईए को सौंपे हैं। इनमें सीसीटीवी फुटेज,मोबाइल लोकेशन डेटा और विस्फोटक के घटकों की लैब रिपोर्ट शामिल है। जाँच एजेंसियों को उम्मीद है कि इन सबूतों के आधार पर जल्द ही मुख्य साजिशकर्ताओं तक पहुँचा जा सकेगा।
फरीदाबाद और दिल्ली में हुई इन घटनाओं ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। गृह मंत्रालय ने एनआईए को जाँच सौंपते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस केस की तह तक पहुँचा जाए और देश में सक्रिय किसी भी आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह समाप्त किया जाए। वहीं,आईबी और रॉ को भी इस जाँच में सहयोग के लिए लगाया गया है,ताकि अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क की भूमिका पर भी नजर रखी जा सके।
फिलहाल,एनआईए की ‘स्पेशल 10’ टीम ने जाँच का काम तेज कर दिया है। एजेंसी अब न केवल दिल्ली और हरियाणा में बल्कि जम्मू-कश्मीर,उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी अपने नेटवर्क के जरिए सुराग जुटा रही है। आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। देश की राजधानी में हुए इस धमाके ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकी संगठन भारत की शांति और एकता को चुनौती देने की साजिश रच रहे हैं,लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

