टाटा मोटर्स

टाटा मोटर्स के डीमर्जर की शानदार शुरुआत,कमर्शियल व्हीकल यूनिट के शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट,शुरुआती गिरावट के बाद स्थिरता की उम्मीद

मुंबई,12 नवंबर (युआईटीवी)- भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के डीमर्जर के बाद बुधवार को उसकी कमर्शियल व्हीकल यूनिट (टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड) के शेयरों ने शेयर बाजार में शानदार एंट्री की। कंपनी के शेयर ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 335 रुपए प्रति यूनिट के भाव पर लिस्टिंग की,जो कि डिस्कवरी प्राइस 260.75 रुपए प्रति यूनिट से करीब 28.5 प्रतिशत अधिक है। वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर यह शेयर 330.25 रुपए प्रति यूनिट के भाव पर लिस्ट हुआ,जो डिस्कवरी प्राइस 261.90 रुपए प्रति शेयर से लगभग 26.09 प्रतिशत अधिक था।

लिस्टिंग के इस शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी,लेकिन शुरुआती बढ़त के बाद मुनाफावसूली के चलते शेयरों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली। सुबह करीब 11:35 बजे,एनएसई पर यह शेयर 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 328.65 रुपए पर कारोबार कर रहा था। वहीं,टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमपीवी) के शेयर भी 0.69 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 404.75 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे।

टाटा मोटर्स का यह डीमर्जर भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की हाल की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट पुनर्गठन घटनाओं में से एक है। कंपनी के बोर्ड ने पिछले साल यह निर्णय लिया था कि अपने कमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल कारोबार को अलग-अलग सूचीबद्ध किया जाए,ताकि प्रत्येक इकाई स्वतंत्र रूप से काम कर सके और अपने व्यापारिक लक्ष्यों के अनुरूप बेहतर प्रदर्शन कर सके। यह डीमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है और इसकी रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई थी।

इस पुनर्गठन के तहत, टाटा मोटर्स के दो नए स्वतंत्र कारोबारों — टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमपीवी) और टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमसीवी) को अलग-अलग सूचीबद्ध किया गया। दोनों इकाइयों के बीच 1:1 के अनुपात में शेयर वितरण किया गया,यानी टाटा मोटर्स के मौजूदा निवेशकों को उनकी पुरानी होल्डिंग के बदले नई दोनों कंपनियों के बराबर शेयर मिले।

14 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट के बाद,टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड के शेयरों ने एक स्वतंत्र इकाई के रूप में शेयर बाजार में कारोबार शुरू किया। उस दिन समायोजन के बाद टीएमपीवी का शेयर मूल्य लगभग 400 रुपए प्रति शेयर पर ट्रेड हुआ,जो डीमर्जर से पहले टाटा मोटर्स के 660.75 रुपए के क्लोजिंग प्राइस पर आधारित था। वहीं,टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के शेयर का मूल्य अनुमानित रूप से 260 से 270 रुपए प्रति शेयर के बीच तय किया गया था,जिसे बाजार में लिस्टिंग के दौरान निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।

डीमर्जर के बाद दोनों कंपनियों की मार्केट वैल्यू में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमपीवी) का मार्केट कैप अब 1.51 लाख करोड़ रुपए के पार पहुँच गया है,जबकि टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल यूनिट का मार्केट कैप भी एक लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। यह आँकड़ें इस बात की गवाही देते हैं कि निवेशकों ने कंपनी के विभाजन के फैसले को काफी सकारात्मक रूप में लिया है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा मोटर्स का यह कदम न केवल दोनों इकाइयों की ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाएगा,बल्कि निवेशकों को भी ज्यादा स्पष्टता और पारदर्शिता प्रदान करेगा। ऑटो सेक्टर में तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच,कंपनी ने यह रणनीतिक निर्णय लेकर अपने फोकस को दो स्पष्ट सेगमेंट — कमर्शियल और पैसेंजर वाहनों पर केंद्रित किया है।

कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में टाटा मोटर्स पहले से ही बाजार की अग्रणी कंपनी है। लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बढ़ती माँग के चलते आने वाले महीनों में कंपनी की बिक्री में तेजी की उम्मीद है। वहीं,पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट में टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को तेजी से बढ़ा रही है। कंपनी की नेक्सन ईवी,पंच ईवी और कर्व जैसी गाड़ियाँ पहले ही बाजार में अच्छी पकड़ बना चुकी हैं।

डीमर्जर के बाद दोनों इकाइयों के लिए स्वतंत्र बोर्ड और प्रबंधन नियुक्त किए गए हैं। टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड की बागडोर वरिष्ठ उद्योग विशेषज्ञों को सौंपी गई है,जो लॉजिस्टिक्स,ईंधन दक्षता और उत्पाद नवाचार पर ध्यान देंगे। वहीं,टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड का फोकस इलेक्ट्रिक मोबिलिटी,सेफ्टी फीचर्स और प्रीमियम कार सेगमेंट पर रहेगा।

विश्लेषकों के मुताबिक,टाटा मोटर्स के शेयरों में डीमर्जर के बाद कुछ समय तक उतार-चढ़ाव बना रह सकता है,क्योंकि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन करेंगे। हालाँकि,दीर्घकाल में दोनों कंपनियों के लिए यह फैसला बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। टाटा ग्रुप ने पहले भी टाटा स्टील,टाटा पावर और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों में सफल संरचनात्मक बदलाव किए हैं और अब टाटा मोटर्स का यह कदम उसी दिशा में एक और सफल प्रयोग माना जा रहा है।

निवेश विशेषज्ञों का कहना है कि टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल यूनिट की मजबूत फंडामेंटल्स और भविष्य की विकास संभावनाओं के कारण यह शेयर लंबे समय के निवेश के लिए आकर्षक साबित हो सकता है। वहीं,टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल यूनिट,खासकर ईवी सेगमेंट में,अगले दो वर्षों में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को दोगुना करने की योजना बना रही है,जिससे इसका मार्केट कैप और बढ़ने की संभावना है।

टाटा मोटर्स का डीमर्जर भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। दोनों नई इकाइयों के अलग-अलग विकास पथ से न केवल निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है,बल्कि भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी नई दिशा मिल सकती है।