केंद्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी (तस्वीर क्रेडिट@PemmasaniOnX)

ब्रिक्स सम्मेलन में अंतरिक्ष और डिजिटल तकनीक चर्चा पर भारत ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई,वैश्विक नेतृत्व की ओर भारत का बढ़ता कदम

ब्राजीलिया,3 जून जून (युआईटीवी)- ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित 11वीं ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह ब्रिक्स देशों के साथ अपने दीर्घकालिक राजनयिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस बहुपक्षीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने किया।

बैठक में मंत्री पेम्मासानी ने भारत की डिजिटल विकास यात्रा की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे आधार से लेकर यूपीआई तक भारत ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के क्षेत्र में एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की यह प्रणाली अब समावेशी और तकनीक-आधारित विकास के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन चुकी है,जिसे कई अन्य देश अपनाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।

पेम्मासानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत ने चार प्रमुख स्तंभों सार्वभौमिक और सार्थक कनेक्टिविटी,अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता,डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का विकास तथा प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया है। इन चारों स्तंभों पर भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है और यही डिजिटल भविष्य की आधारशिला बनेंगे।

अब ब्रिक्स समूह में 11 देश ब्राजील,रूस,भारत,चीन,दक्षिण अफ्रीका,मिस्र, यूएई,इथियोपिया,ईरान,इंडोनेशिया तथा सऊदी अरब शामिल है। यह नया विस्तार ब्रिक्स को न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भी अधिक प्रभावशाली बनाता है। भारत,जो पहले ही तकनीकी नवाचार में अग्रणी है,इस मंच पर डिजिटल नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है।

बैठक के दौरान भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हुई। पेम्मासानी ने बताया कि ब्राजील के साथ डिजिटल संबंधों को गहरा करने और भविष्य को स्मार्ट व सुरक्षित बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इसके तहत स्वदेशी 4G/5G तकनीक का विकास,घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा,6G, क्वांटम टेक्नोलॉजी और सैटकॉम में सहयोग
,6 गीगाहर्ट्ज़ परीक्षणों में ब्राजील का अनुभव और साझेदारी,टेलीकॉम सुरक्षा और वैश्विक डीपीआई सहयोग इत्यादि विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया।

बैठक के इतर पेम्मासानी की दक्षिण अफ्रीका के संचार मंत्री से भी मुलाकात हुई। इस दौरान वैश्विक मंचों पर दक्षिण अफ्रीका के निरंतर समर्थन की सराहना की गई और आगे आपसी सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

भारत की भागीदारी इस बैठक में केवल राजनयिक उपस्थिति नहीं थी,बल्कि एक डिजिटल परिवर्तन के नेता के रूप में अपनी भूमिका को स्थापित करने का प्रयास था। 6G,क्वांटम कंप्यूटिंग और सैटेलाइट संचार जैसे भविष्य की तकनीकी क्षेत्रों में भारत का सक्रिय रुख इस बात का संकेत है कि भारत केवल विकासशील देश नहीं, बल्कि डिजिटल युग का निर्माता बनना चाहता है।

ब्रिक्स जैसे मंच भारत को यह अवसर देते हैं कि वह अपने नवाचारों को साझा करे, वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दे और विश्व को दिखा सके कि “डिजिटल इंडिया” अब एक वैश्विक मॉडल बन चुका है।