पीएम मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयन ने सोमवार को यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की स्थापना पर सहमति जताते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने बातचीत के बारे में ट्वीट करते हुए कहा, “हमने आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों सहित भारत-ईयू संबंधों के पूरे कार्य-क्षेत्र की समीक्षा की।”

बैठक के बाद वॉन डेर लेयन ने कहा कि यूरोपीय संघ और भारत की साझेदारी को मजबूत करना इस दशक की प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा मामलों में सहयोग बढ़ाएंगे।”

यह यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंधों की 60वीं वर्षगांठ है। उन्होंने कहा, “आज, हमारा संबंध पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हमारे बीच बहुत कुछ समान है। हम जीवंत लोकतंत्र हैं, हम नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का तहे दिल से समर्थन करते हैं और हमारे पास दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। हम दोनों एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक परि²श्य का सामना कर रहे हैं।”

वॉन डेर लेयन ने जोर देकर कहा कि यूरोपीय संघ के लिए, भारत के साथ साझेदारी आने वाले दशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और इस साझेदारी को मजबूत करना प्राथमिकता है।

उन्होंने आगे कहा, “और यहां, मैं तीन मुख्य विषयों – व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के बारे में सोच रही हूं। इसलिए मुझे खुशी है कि आज प्रधानमंत्री मोदी और मैं यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की स्थापना के लिए सहमत हुए हैं। यूरोपीय संघ का फिलहाल अमेरिका के साथ केवल एक टीटीसी है और मुझे लगता है कि वक्त आ गया है कि अब हम भारत के साथ एक और टीटीसी स्थापित करें। इसके अलावा, चूंकि भारत तकनीकी क्षेत्र में एक पावरहाउस है, इसलिए व्यापार क्षेत्र में हमें अप्रयुक्त क्षमता की एक बड़ी मात्रा को सामने लाने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि व्यापक व्यापार और निवेश समझौतों की दिशा में बातचीत शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन से जुड़े एक और महत्वपूर्ण विषय पर हम सहयोग कर रहे हैं। मैंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में एक रोमांचक दिन बिताया। ऊर्जा सुरक्षा भारत के साथ-साथ यूरोप के लिए सबसे अधिक दबाव वाले विषयों में से एक है। यूरोपीय संघ जीवाश्म ईंधन से दूर विविधता लाएगा और स्वच्छ नवीकरणीय ऊर्जा में भारी निवेश करेगा। इसलिए, न केवल सौर पर बल्कि ग्रीन हाइड्रोजन पर भी भारत के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।”

वॉन डेर लेयन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

वह भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए रविवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंची। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है।

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