अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप फिर से विवादों में: एयरफोर्स वन में महिला पत्रकार को ‘पिग्गी’ कहकर भड़के,एपस्टीन फाइल्स पर सवाल से भड़की बहस

वाशिंगटन,20 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। ट्रंप की राजनीतिक यात्रा अक्सर बयानों,आरोपों और विवादों से घिरी रही है,लेकिन इस बार मामला और भी गंभीर हो गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ,जब एयरफोर्स वन में मीडिया से बातचीत के दौरान ब्लूमबर्ग की व्हाइट हाउस रिपोर्टर कैथरीन लूसी ने उनसे एपस्टीन फाइल्स से जुड़ा सवाल पूछ लिया। सवाल पूरा होने से पहले ही ट्रंप भड़क उठे और पत्रकार को बीच में रोकते हुए कहा—“चुप। चुप,पिग्गी।”

एयरफोर्स वन में हुआ यह वाकया तुरंत ही सोशल मीडिया और अमेरिकी मीडिया में चर्चा का विषय बन गया। एपस्टीन फाइल्स को लेकर अमेरिका में पहले से ही भारी राजनीतिक हलचल है। इन फाइल्स में कई प्रभावशाली हस्तियों के नाम सामने आने की संभावना है और इस मुद्दे पर अमेरिकी संसद में संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने को लेकर वोटिंग भी चल रही है। ऐसे में,जब कैथरीन लूसी ने प्रेसिडेंट से इस विवाद पर उनका पक्ष जानना चाहा,तो ट्रंप अचानक अपना धैर्य खो बैठे। रिपोर्टर ने सवाल शुरू किया—“अगर फाइलों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है…” लेकिन इससे पहले कि वह अपनी बात पूरी कर पातीं,ट्रंप ने उन्हें रोकते हुए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया।

यह पहली बार नहीं है,जब ट्रंप पर महिलाओं के प्रति असंवेदनशील या अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा हो। इससे पहले भी कई मौकों पर वे विवादों में घिर चुके हैं। हाल ही में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट को लेकर दिए गए बयान ने भी खूब सुर्खियाँ बटोरी थीं। अगस्त में कैरोलिन लेविट ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की माँग की थी। जब ट्रंप से इस बारे में प्रतिक्रिया माँगी गई,तो उन्होंने कहा था—“लेविट एक स्टार बन गई हैं। उनका चेहरा है,उनका दिमाग, उनके होंठ। जिस तरह से वे हिलती हैं,जैसे वह चलती हैं,ऐसा लगता है,वह कोई मशीनगन हों।” ट्रंप के इन शब्दों की व्यापक आलोचना हुई थी,क्योंकि उन्हें महिलाओं को उनकी क्षमताओं से अधिक उनके शारीरिक गुणों से जोड़ने वाला बयान माना गया।

महिलाओं को लेकर ट्रंप के बयान का इतिहास काफी पुराना है। 2013 में ‘सेलिब्रिटी अप्रेंटिस’ के एक एपिसोड में उन्होंने एक महिला प्रतियोगी से कहा था—“यह एक सुंदर तस्वीर होगी,जिसमें आप घुटनों के बल बैठी हैं।” यह टिप्पणी उस समय भी बेहद आपत्तिजनक मानी गई थी। 2015 में एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने डेमोक्रेटिक नेता हिलेरी क्लिंटन पर व्यक्तिगत हमला करते हुए लिखा था—“यदि हिलेरी क्लिंटन अपने पति को संतुष्ट नहीं कर सकतीं,तो उन्हें क्या लगता है कि वे अमेरिका को संतुष्ट कर सकती हैं?” यह बयान न केवल राजनीतिक रूप से अशोभनीय था,बल्कि इसे सेक्सिस्ट और व्यक्तिगत टिप्पणी बताते हुए व्यापक आलोचना झेलनी पड़ी।

एपस्टीन फाइल्स पर ट्रंप की प्रतिक्रिया उनके लिए पहले से चल रहे विवादों को और गहरा कर सकती है। जेफ्री एपस्टीन का मामला अमेरिका में बेहद संवेदनशील विषय रहा है। एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और शक्तिशाली लोगों के नेटवर्क का हिस्सा होने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसलिए इस मामले से जुड़ी किसी भी जानकारी को लेकर अमेरिकी जनता बेहद गंभीर है।

हाल ही में कांग्रेस में एपस्टीन से जुड़ी कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक करने पर चर्चा हुई है। ऐसे में मीडिया की ओर से इस विषय पर सवाल पूछना स्वाभाविक था,लेकिन राष्ट्रपति द्वारा पत्रकार को इस तरह अपमानित करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत माना जा रहा है। कई मीडिया संगठनों,महिला अधिकार समूहों और विपक्षी दलों ने ट्रंप की टिप्पणी की निंदा की है। उनका कहना है कि यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है और महिलाओं के प्रति असम्मानजनक रवैये को बढ़ावा देता है।

ट्रंप के आलोचकों ने यह भी कहा कि जब राष्ट्रपति संवेदनशील प्रश्नों का उत्तर देने के बजाय पत्रकारों का अपमान करने लगें,तो यह लोकतांत्रिक संवाद और जवाबदेही की भावना को कमजोर करता है। वहीं उनके समर्थक दलील देते हैं कि मीडिया ट्रंप के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती है और उन्हें दबाव में लाने के लिए चुनौतीपूर्ण सवाल पूछती है,इसलिए उनकी प्रतिक्रिया ‘स्वाभाविक’ है।

हालाँकि,इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली पद पर बैठा व्यक्ति क्या इस तरह की भाषा का उपयोग कर सकता है? क्या यह व्यवहार अमेरिकी लोकतंत्र और संस्थाओं की गरिमा के अनुरूप है?

ट्रंप अब भी 2028 में होने वाले अगले चुनावों के प्रमुख दावेदारों में गिने जाते हैं और उनके हर बयान का सीधा राजनीतिक असर होता है। ऐसे में यह विवाद अगले कुछ दिनों तक अमेरिकी मीडिया और राजनीति में चर्चा का विषय बना रह सकता है।