वाशिंगटन,8 जनवरी (युआईटीवी)- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को एक कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि हमास ने 20 जनवरी तक गाजा में बंधकों को रिहा नहीं किया,तो इससे मध्य पूर्व में भारी संकट उत्पन्न हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले हैं और इस समय वह अपनी पदभार ग्रहण से पहले की बातचीतों में शामिल हैं। उन्होंने इस मामले में फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से कहा कि यदि हमास ने बंधकों को वापस नहीं किया, तो यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने कहा कि, “मैं हमसे बातचीत में कोई बाधा नहीं डालना चाहता,लेकिन यदि मेरे राष्ट्रपति बनने से पहले बंधक वापस नहीं आते हैं,तो इससे मध्य पूर्व में सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।” यह बयान उस वक्त दिया गया था जब एक रिपोर्टर ने उनसे हमास के साथ अमेरिकी बंधकों की रिहाई पर बातचीत के बारे में सवाल पूछा था। ट्रंप ने इस बात का खुलासा किया कि उनके प्रशासन ने इस मुद्दे पर गंभीर बातचीत की है और इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।
इसके बाद,ट्रंप के विशेष दूत स्टीवन चार्ल्स विटकॉफ ने भी इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमास के साथ अमेरिका इस बातचीत में बहुत गंभीर है। आगे उन्होंने कहा कि,“मुझे लगता है कि हम एक अहम मोड़ पर हैं,लेकिन मैं इस बारे में अधिक जानकारी नहीं देना चाहता। इस वार्ता में हुई देरी पर चर्चा करना भी अनावश्यक है, क्योंकि हम सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप की दिशा में बातचीत का लाभ मिलेगा।”
विटकॉफ ने इस बात की पुष्टि की कि हमास के साथ जो भी बातचीत चल रही है,वह राष्ट्रपति ट्रंप के कद और उनके द्वारा किए गए वादों के आधार पर ही सफल हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और अन्य पक्षों के बीच सहयोग बहुत अच्छे तरीके से हो रहा है और उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द-ही अच्छे परिणाम सामने आएँगे।
विटकॉफ ने आगे बताया कि, “मैं बहुत कुछ तो नहीं कह सकता क्योंकि मुझे लगता है कि हम जो काम कर रहे हैं,वह बहुत प्रभावी है। हमारे पास कुछ अच्छी खबरें हो सकती हैं,जिनकी घोषणा राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से की जाएगी। हम उम्मीद करते हैं कि यह वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी और इससे कुछ बंधकों की जान बचाई जा सकती है।”
ट्रंप की यह चेतावनी सीधे तौर पर हमास के लिए एक संदेश है कि यदि वे अमेरिकी बंधकों को 20 जनवरी तक रिहा नहीं करते,तो स्थिति बहुत बिगड़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हमास ने इस समय सीमा के भीतर कोई कदम नहीं उठाया,तो इसका परिणाम न केवल हमास के लिए,बल्कि समूचे मध्य पूर्व के लिए विनाशकारी हो सकता है। ट्रंप का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि हमास ने बंधकों को पहले ही रिहा कर दिया होता,लेकिन अब जब यह मामला उनके सामने है,तो स्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि, “अगर हमास इस समय सीमा के भीतर कोई कदम नहीं उठाता है,तो इसका परिणाम बहुत बुरा होगा। यह न सिर्फ हमास के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं होगा। मुझे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है, लेकिन स्थिति यही है। उन्हें पहले ही बंधकों को रिहा कर देना चाहिए था।’’
इसके साथ ही,अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप की यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि वे अपनी नीतियों को बहुत कठोर तरीके से लागू करने की योजना बना रहे हैं। इस मामले में अमेरिका की कड़ी रणनीति का इरादा हमास और अन्य समूहों को यह दिखाने का है कि किसी भी प्रकार की बंधकवादियों की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस प्रकार,डोनाल्ड ट्रंप ने एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि अगर हमास ने अपनी गतिविधियों में सुधार नहीं किया और बंधकों की रिहाई को लेकर कदम नहीं उठाए, तो अमेरिकी सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करने को तैयार है। यह चेतावनी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है,क्योंकि इससे मध्य पूर्व के हालात और जटिल हो सकते हैं।