विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)

डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से हटने का किया फैसला,डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका से पुनर्विचार करने की उम्मीद जताई

नई दिल्ली,22 जनवरी (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से बाहर निकलने का फैसला किया है,जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने खेद जताया और उम्मीद जताई कि अमेरिका इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में लिया गया था,जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी करते हुए इस कदम पर अफसोस व्यक्त किया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि संगठन को उम्मीद है कि अमेरिका अपने इस निर्णय पर विचार करेगा,जिससे दुनिया भर के लाखों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए यह निर्णय बदला जा सके।

ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने का फैसला कोविड-19 महामारी के प्रबंधन को लेकर संगठन पर आरोप लगाने के बाद लिया था। उनका कहना था कि डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 महामारी को सही तरीके से नहीं संभाला और संगठन ने चीन का पक्ष लिया,जबकि यह महामारी विश्व स्तर पर फैल रही थी। हालाँकि,डब्ल्यूएचओ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने वैश्विक स्तर पर सभी देशों के नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है,जिनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ ने महामारी के दौरान अपनी भूमिका को बताते हुए कहा कि उसने महामारी के कारणों को समझने,मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियाँ बनाने और आपातकालीन स्वास्थ्य स्थितियों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।

डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में यह भी कहा कि उसने पिछले कई दशकों में दुनिया भर में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अभियानों की सफलता हासिल की है,जिसमें चेचक की समाप्ति और पोलियो के उन्मूलन के करीब पहुँचने की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ शामिल हैं। संगठन ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका,जो कि 1948 में डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य था,ने वैश्विक स्वास्थ्य सुधारों में अहम योगदान दिया है और डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर अपने नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। संगठन ने यह भी कहा कि पिछले सात वर्षों में डब्ल्यूएचओ ने सुधारों की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अमेरिका समेत कई देशों की भागीदारी से इन सुधारों को सफलता मिली है।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि अमेरिका का योगदान न केवल वैश्विक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण था,बल्कि इससे अमेरिकियों के स्वास्थ्य में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अमेरिका ने कई स्वास्थ्य योजनाओं और अभियानों के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर काम किया,जिससे दुनिया भर में स्वास्थ्य संकटों का समाधान निकाला जा सका। डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि अमेरिका का निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता था और यह संगठन की विश्वव्यापी कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता था।

इस बीच,वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ट्रंप के इस फैसले पर चिंता जताई है। नीदरलैंड के इरास्मस विश्वविद्यालय से डच वायरोलॉजिस्ट मैरियन कूपमैन्स ने सोशल मीडिया पर कहा कि ट्रंप का यह कदम महामारी की तैयारी और वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उनका मानना था कि एकजुट होकर दुनिया को एक साथ काम करने की जरूरत है,खासकर महामारी जैसे गंभीर संकट के समय। कूपमैन्स का कहना था कि ऐसे निर्णय से भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य संकटों को हल करने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

वैक्सीनेशन शोधकर्ता प्रोफेसर पीटर होटेज ने भी ट्रंप के इस फैसले को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इससे अमेरिका की जैव सुरक्षा और महामारी की तैयारियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। होटेज ने यह चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के कारण नई बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है और ऐसे में वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग और तैयारी को कमजोर करना दुनिया भर में स्वास्थ्य संकटों के समाधान में रुकावट डाल सकता है। उनका मानना था कि अमेरिका का डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने का फैसला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संकटों के समाधान में एक बड़ा झटका हो सकता है।

कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि महामारी के समय देशों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत थी और डब्ल्यूएचओ जैसी वैश्विक संस्था की भूमिका इस दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण थी। यदि अमेरिका डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलता है,तो यह न केवल वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा नुकसान होगा,बल्कि इससे अन्य देशों के बीच सहयोग में भी कमी आ सकती है।

डब्ल्यूएचओ के अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अमेरिका का कदम वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की दिशा में एक नुकसान है,लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि अमेरिका अपना निर्णय बदलेगा और वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में सहयोग की भावना बनाए रखेगा। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि वे भविष्य में और अधिक सुधार करेंगे और देशों के साथ मिलकर वैश्विक स्वास्थ्य के मामलों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अमेरिका के डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने के आधिकारिक नोटिस भेजने के बाद,यह देखा जाएगा कि वैश्विक समुदाय इस निर्णय का किस प्रकार जवाब देता है और क्या अमेरिका भविष्य में अपनी स्थिति में कोई बदलाव करता है।