अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की(तस्वीर क्रेडिट@omkarchaudhary)

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- पुतिन युद्ध खत्म करना चाहते हैं,लेकिन जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं

वाशिंगटन,1 मार्च (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं,जबकि उनका दावा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं। ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस से बाहर निकलते समय पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की को पुतिन के बारे में नकारात्मक बातें कहने की आवश्यकता नहीं है और उन्हें यह घोषित करना चाहिए कि वह शांति चाहते हैं।

ट्रंप ने कहा, “रूसी राष्ट्रपति पुतिन युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं” और उनका यह बयान यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ उनकी पिछली बैठक के बाद आया,जिसमें दोनों नेताओं के विचारों में गंभीर अंतर सामने आए थे। बैठक के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई थी,खासकर युद्ध और शांति के मुद्दे पर। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि जेलेंस्की युद्ध विराम के लिए सहमत होंगे,लेकिन उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जेलेंस्की शांति स्थापित करने के इच्छुक नहीं हैं।

जब ट्रंप से यूक्रेन को सैन्य सहायता बंद करने पर विचार किए जाने के बारे में पूछा गया,तो उन्होंने जवाब दिया कि, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या विचार कर रहा हूँ। मैं बस आपको बता रहा हूँ कि आपने वही देखा जो मैंने आज देखा। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था,जो शांति स्थापित करना चाहता था। मुझे केवल तभी दिलचस्पी है,जब वह रक्तपात को समाप्त करना चाहता है।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि यूक्रेन को तुरंत युद्ध विराम की आवश्यकता है। उनका मानना था कि युद्ध विराम तुरंत हो सकता है और यदि युद्ध समाप्त करना है,तो इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होगा। ट्रंप का यह बयान यूक्रेन के भविष्य के लिए एक स्पष्ट संदेश था,जिसमें उन्होंने कहा कि अगर जेलेंस्की युद्ध विराम नहीं चाहते,तो अमेरिका के बिना उनकी जीत संभव नहीं होगी।

वहीं,जेलेंस्की ने शुक्रवार को ट्रंप के साथ अपनी बैठक के बाद फॉक्स न्यूज़ से बातचीत में कहा कि उनका और ट्रंप का सार्वजनिक टकराव “दोनों पक्षों के लिए अच्छा नहीं था,” लेकिन उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि ट्रंप को यह समझना चाहिए कि यूक्रेन अचानक रूस के प्रति अपना रुख नहीं बदल सकता। जेलेंस्की ने कहा, “यह हमारे लोगों के लिए बहुत संवेदनशील है। वे बस यह सुनना चाहते हैं कि अमेरिका हमारे पक्ष में है और आगे भी हमारे साथ रहेगा। रूस के साथ नहीं,हमारे साथ। बस इतना ही।”

जेलेंस्की ने ओवल ऑफिस में बैठक को एक मौके के रूप में देखा,जिसमें वह अमेरिका को रूस के साथ गठबंधन न करने के लिए मना सकते थे,क्योंकि रूस ने तीन साल पहले यूक्रेन पर आक्रमण किया था। हालाँकि, ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति वेंस ने जेलेंस्की की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की ने “असम्मान” दिखाया, जिससे कीव के सबसे बड़े युद्धकालीन मित्र के साथ रिश्ते और खराब हो गए।

बैठक के पहले आधे घंटे के दौरान,ट्रंप और जेलेंस्की ने सौहार्दपूर्ण ढंग से बात की और एक-दूसरे के लिए प्रशंसा भी व्यक्त की,लेकिन जैसे ही जेलेंस्की ने पुतिन के वादों पर भरोसा करने की चिंता व्यक्त की,बातचीत का लहजा बदल गया। जेलेंस्की रक्षात्मक हो गए और ट्रंप और वेंस ने उन पर स्वार्थी होने का आरोप लगाया और भविष्य में अमेरिकी समर्थन के बारे में चेतावनी दी। बातचीत का माहौल जल्दी ही बदल गया और जेलेंस्की ने अपने रुख का बचाव किया,जबकि ट्रंप और वेंस ने उन्हें कृतघ्न करार दिया और अमेरिकी समर्थन के मुद्दे पर चेतावनी दी।

इसके बाद, ट्रंप ने जेलेंस्की से कहा, “इस तरह से सहयोग करना बहुत कठिन काम होने वाला है।” इस दौरान दोनों नेता यूक्रेन को पहले मिली अंतर्राष्ट्रीय मदद पर चर्चा कर रहे थे। फिर वेंस ने बीच में आकर कहा, “बस धन्यवाद कह दो।” जेलेंस्की ने इस पर जवाब दिया और जोर देकर कहा कि उन्होंने अमेरिकी लोगों और राष्ट्रपति के प्रति “कई बार” अपना आभार व्यक्त किया है। इसके बावजूद,ट्रंप और वेंस का व्यवहार निराशाजनक था और इसका असर यूक्रेनी राष्ट्रपति के लिए नकारात्मक रहा।

जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस से निकलने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी प्रशंसा दोहराते हुए लिखा,”धन्यवाद अमेरिका,आपके समर्थन के लिए धन्यवाद,इस यात्रा के लिए धन्यवाद। अमेरिकी राष्ट्रपति,कांग्रेस और अमेरिकी लोगों को धन्यवाद। यूक्रेन को न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की आवश्यकता है और हम ठीक उसी के लिए काम कर रहे हैं।”

यह स्थिति न केवल यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। ट्रंप और जेलेंस्की के बीच टकराव यह दिखाता है कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय रिश्ते और युद्ध संबंधी मुद्दों पर विभिन्न नेताओं के दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं और एक नेता का दृष्टिकोण दूसरे के लिए न केवल अप्रिय बल्कि अस्वीकार्य भी हो सकता है।

ट्रंप का बयान और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे भविष्य में यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी सहायता पर सवाल उठा सकते हैं। वहीं, जेलेंस्की के लिए यह स्थिति और भी कठिन हो सकती है,क्योंकि उन्हें अपने देश की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को बनाए रखने के लिए ट्रंप जैसे नेताओं के साथ काम करना होगा।