नई दिल्ली,24 नवंबर (युआईटीवी)- केंद्र ने स्पष्ट किया है कि पंजाब की कड़ी राजनीतिक प्रतिक्रिया के बाद चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाने के प्रस्ताव पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस प्रस्ताव पर कथित तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए विचार किया जा रहा था,जिसकी पंजाब के राजनीतिक दलों में व्यापक आलोचना हुई।
आप, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और यहाँ तक कि राज्य भाजपा के नेताओं ने भी चिंता व्यक्त की कि यह चंडीगढ़ पर पंजाब के ऐतिहासिक दावे को कमजोर कर सकता है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य नेताओं ने तर्क दिया कि चंडीगढ़ को हमेशा पंजाब का हिस्सा माना जाता रहा है और इसकी प्रशासनिक स्थिति में बदलाव का कोई भी कदम अस्वीकार्य होगा।
बढ़ते हंगामे के जवाब में,गृह मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया,जिसमें कहा गया कि प्रस्ताव अभी भी समीक्षाधीन है और इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है या संसद में पेश नहीं किया गया है। पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी के रूप में चंडीगढ़ की अनूठी भूमिका और पंजाब के लिए इसके गहरे भावनात्मक और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह मुद्दा बेहद संवेदनशील बना हुआ है। फ़िलहाल, सरकार का स्पष्टीकरण एक विराम का संकेत देता है,लेकिन यह बहस संघीय सत्ता,क्षेत्रीय पहचान और केंद्र शासित प्रदेशों के शासन को लेकर चल रहे तनाव को उजागर करती है।
