नई दिल्ली,19 अक्टूबर (युआईटीवी)- हाल ही में बम की धमकियों की वजह से विमान यात्राओं में असुविधा और सुरक्षा चिंताओं का माहौल गहरा हो गया है। 19 अक्टूबर को,नई दिल्ली से लंदन जा रही विस्तारा की एक फ्लाइट को बम की धमकी के बाद फ्रैंकफर्ट की ओर मोड़ दिया गया। विस्तारा एयरलाइन ने जानकारी दी कि फ्लाइट को फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर सुरक्षित रूप से उतार लिया गया और वहाँ सुरक्षा जाँच की जा रही थी। जाँच पूरी होने के बाद,फ्लाइट अपनी यात्रा लंदन के लिए फिर से शुरू करेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर विस्तारा एयरलाइन ने एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि “दिल्ली से लंदन (डीईएल-एलएचआर) जाने वाली फ्लाइट यूके 17 को फ्रैंकफर्ट की ओर मोड़ा गया है और उम्मीद जताई जा रही है,यह स्थानीय समयानुसार 2110 बजे फ्रैंकफर्ट पहुँच जाएगी।” प्रवक्ता ने बताया कि 18 अक्टूबर, 2024 को दिल्ली से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट को सोशल मीडिया के माध्यम से सुरक्षा संबंधी धमकी मिली थी।
इस बीच,अकासा एयर ने भी सुरक्षा संबंधी अलर्ट का सामना किया। बेंगलुरु से मुंबई जाने वाली फ्लाइट क्यूपी1366 को उड़ान भरने से ठीक पहले सुरक्षा अलर्ट मिला। एयरलाइन ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित तरीके से विमान से उतार दिया और स्थानीय अधिकारियों ने आवश्यक सुरक्षा जाँच की। एयरलाइन ने ‘एक्स’ पर असुविधा के लिए यात्रियों से माफी भी माँगी।
यह पहली बार नहीं है कि भारतीय एयरलाइंस को बम धमकियों का सामना करना पड़ा है। हाल ही के महीनों में,लगभग 40 उड़ानों को बम की धमकियाँ मिली हैं,जिनमें से सभी बाद में झूठी साबित हुईं। हालाँकि, इन धमकियों ने एयरलाइनों और यात्रियों दोनों के बीच भय और असमंजस की स्थिति पैदा की है।
इन घटनाओं के चलते,नागरिक उड्डयन मंत्रालय अब नकली बम धमकियों के लिए सख्त नियमों पर विचार कर रहा है। इस नए प्रस्ताव के तहत,जो व्यक्ति झूठी धमकियों के लिए जिम्मेदार पाए जाएँगे,उन्हें ‘नो-फ्लाई’ सूची में डालने की योजना है,जिससे उन्हें भविष्य में हवाई यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी।
इन घटनाओं से साफ है कि सुरक्षा को लेकर भारतीय हवाई यातायात में बेहद गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है,ताकि वे बिना किसी डर के अपनी यात्रा पूरी कर सकें। ऐसी घटनाओं से न केवल एयरलाइंस की सुरक्षा प्रक्रियाओं की मजबूती की पुष्टि होती है,बल्कि झूठी धमकियों के पीछे के दोषियों को कड़ी सजा देने की आवश्यकता भी बढ़ जाती है।
