प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

ईद मिलाद-उन-नबी और ओणम पर देश में उल्लास,राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएँ

नई दिल्ली,5 सितंबर (युआईटीवी)- देश में आज धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का अनोखा संगम देखने को मिला। एक ओर पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी का पर्व श्रद्धा और भाईचारे की भावना के साथ मनाया गया,तो वहीं दूसरी ओर केरल की समृद्ध परंपराओं और कृषि से जुड़ी जीवन शैली का प्रतीक पर्व ओणम भी पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई राष्ट्रीय नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और इन त्योहारों के सामाजिक तथा सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में कहा कि पैगंबर मोहम्मद (स.) ने एकता,शांति और मानवता की सेवा का संदेश दिया था,जो आज भी समाज के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने लिखा, “पैगंबर मोहम्मद (स.) के जन्मदिन (ईद मिलाद-उन-नबी) के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों,विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई देती हूँ। इस पावन अवसर पर हमें उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए भाईचारे की भावना से आगे बढ़ते रहने का संकल्प लेना चाहिए।” राष्ट्रपति ने ओणम की बधाई देते हुए भी देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह पर्व विशेषकर केरल और प्रवासी भारतीयों के बीच समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और एकजुटता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को देशवासियों को दोनों पर्वों की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, “मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह पवित्र दिन हमारे समाज में शांति और कल्याण लाए। करुणा,सेवा और न्याय के मूल्य हमें हमेशा मार्गदर्शन करें। ईद मुबारक!” अपने दूसरे संदेश में उन्होंने ओणम को भारत की समृद्ध परंपराओं और एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह अवसर सभी के लिए खुशी,अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आए। उन्होंने लिखा, “सभी को ओणम की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह खूबसूरत त्योहार केरल की शाश्वत विरासत और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है। यह पर्व हमारे समाज में सद्भाव की भावना को मजबूत करे और प्रकृति के साथ हमारे संबंध को और गहरा करे।”

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह त्योहार मानवता के लिए शांति,खुशी और सेवा का संदेश लेकर आता है और समाज को आपसी एकता की ओर अग्रसर करता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन अवसरों पर प्रदेशवासियों और देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी संदेश में कहा गया कि “सीएम योगी ने ईद-ए-मिलादुन नबी के मौके पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला यह पर्व समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ाने के लिए नई प्रेरणा देता है।” उन्होंने ओणम की बधाई देते हुए भी किसानों और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की और कहा कि यह पर्व सांस्कृतिक उल्लास और सौहार्द का प्रतीक है,जो समाज में खुशहाली का नया सवेरा लेकर आता है।

वहीं,कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ईद मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए कहा कि यह पावन अवसर शांति,समृद्धि और करुणा का संदेश लेकर आए और सभी को सद्भावना की भावना से एकजुट करे। उनके संदेश ने भी इस पर्व के सामाजिक महत्व और सामूहिक एकता पर बल दिया।

देशभर में इन दोनों पर्वों को लेकर उत्साह और उल्लास का माहौल देखने को मिला। ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर मस्जिदों और दरगाहों में विशेष नमाज अदा की गई और जुलूस निकाले गए। लोगों ने पैगंबर साहब की शिक्षाओं को याद करते हुए एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाइयाँ बाँटी। मुस्लिम समुदाय ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा को इस पर्व का मुख्य संदेश बताया और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने पर जोर दिया।

ओणम के अवसर पर केरल में पारंपरिक सजावट,फूलों की रंगोलियाँ और ओणम साद्या (भोज) का आयोजन किया गया। लोग पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे नजर आए। नाव दौड़ और नृत्य-गान जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने त्योहार को और भव्य बना दिया। ओणम केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं,बल्कि यह कृषि-आधारित जीवन शैली और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है। इस पर्व को लेकर प्रवासी भारतीय समुदाय में भी भारी उत्साह देखा गया और विदेशों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

विशेषज्ञों का कहना है कि ईद मिलाद-उन-नबी और ओणम दोनों ही त्योहार भारत की बहुलतावादी संस्कृति की झलक पेश करते हैं। जहाँ ईद मिलाद-उन-नबी हमें पैगंबर साहब की करुणा,भाईचारे और मानवता की सेवा की शिक्षाओं से जोड़ता है, वहीं ओणम हमें प्रकृति के साथ संतुलन और सांस्कृतिक गौरव का संदेश देता है। ये दोनों पर्व अलग-अलग समुदायों और संस्कृतियों की विविधता का उत्सव होने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और सामंजस्य को भी मजबूत करते हैं।

इन अवसरों पर देश के शीर्ष नेतृत्व द्वारा साझा किए गए संदेश भी इस बात का प्रमाण हैं कि भारत की आत्मा उसकी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता में बसती है। राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं की ओर से दी गई शुभकामनाएँ केवल औपचारिक संदेश नहीं,बल्कि यह इस बात का आह्वान है कि देशवासी इन पर्वों की भावना से प्रेरणा लेकर शांति,भाईचारे और समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएँ।

त्योहारों का यह संगम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है,बल्कि यह सामाजिक एकता और आपसी सम्मान की भावना को और गहराई देता है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में यही त्योहार सामूहिक जीवन की शक्ति और साझा विरासत की सबसे बड़ी पहचान हैं। आज जब देश ईद मिलाद-उन-नबी और ओणम मना रहा है,तब यह संदेश स्पष्ट है कि एकता और सौहार्द ही हमारी असली ताकत है।