वॉशिंगटन,6 जून (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एलन मस्क ने गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की माँग की है। अमेरिकी राजनीति और टेक्नोलॉजी जगत में एक बड़ा विवाद सामने आया है,जो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व और संभावित भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच छिड़ा है। यह विवाद केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है,बल्कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा,अंतरिक्ष मिशन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे गंभीर मुद्दे भी जुड़े हैं।
इस पूरे विवाद की चिंगारी उस समय भड़की जब डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से एलन मस्क की कंपनियों को दी जा रही सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करने की धमकी दी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमारे बजट,अरबों डॉलर में पैसे बचाने का सबसे आसान तरीका एलन की सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करना है। मुझे हमेशा आश्चर्य होता था कि बाइडेन ने ऐसा क्यों नहीं किया!”
ट्रंप के इस बयान को एलन मस्क ने सीधे अपने बिजनेस और स्वतंत्रता पर हमला माना। विशेष रूप से स्पेसएक्स,जो अमेरिका की एकमात्र ऐसी निजी कंपनी है,जो नासा के लिए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से अंतरिक्ष में लोगों और सामानों की आपूर्ति करती है। ट्रंप के एलन की सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करने से उस पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
मस्क ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्पेसएक्स के ड्रैगन प्रोग्राम को बंद करने की घोषणा कर दी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, “मेरे सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करने के राष्ट्रपति के बयान के मद्देनजर,स्पेसएक्स अपने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को तुरंत बंद करना शुरू कर देगा।”
यह बयान केवल टेक्नोलॉजिकल उद्योग के लिए ही नहीं,बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से जुड़े सहयोग के लिए भी चिंताजनक था। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार,यह वही स्पेसक्राफ्ट है,जिसने अतीत में दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक वापस लाने में मदद की थी।
स्पेसएक्स का यह भी दावा है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट वर्तमान में उड़ान भरने वाला इकलौता ऐसा यान है,जो पृथ्वी पर महत्वपूर्ण मात्रा में कार्गो वापस ला सकता है।
मस्क ने एक और विस्फोटक दावा करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम जेफरी एपस्टीन फाइल्स में शामिल है,लेकिन राजनीतिक कारणों से यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। मस्क ने एक्स पर लिखा, “वास्तव में बड़ा बम गिराने का समय आ गया है। डोनाल्ड ट्रंप एपस्टीन फाइलों में हैं और यही असली कारण है कि उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है।”
जेफरी एपस्टीन एक विवादित शख्सियत था,जिस पर कई अमीर और प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोप था। यह दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मस्क खुद भी इन फाइलों में संभावित रूप से शामिल नामों पर पारदर्शिता की माँग करते रहे हैं,लेकिन अब जब ट्रंप का नाम मस्क द्वारा सार्वजनिक रूप से जोड़ा गया,तो यह अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा गया।
मस्क के आरोपों को जवाब देते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बयान दिया, “यह एलन का एक दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण है,जो ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ से नाखुश हैं,क्योंकि इसमें वे नीतियाँ शामिल नहीं हैं,जो वह चाहते थे।”
ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एलन मस्क उनके प्रस्तावित बिल- “वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट” का विरोध इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इंसेंटिव को हटा दिया गया है। यह बात सच है कि मस्क की कंपनी टेस्ला लंबे समय तक ईवी सब्सिडी का लाभ उठाती रही है।
ट्रंप ने तंज कसते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि अब मैं एलन का दोस्त रह पाऊँगा।”
मस्क ने इस का पलटवार किया और ट्रंप के इन आरोपों का जवाब बेहद तीखे अंदाज़ में दिया। उन्होंने लिखा, “बहुत अनुचित है कि तेल और गैस सब्सिडी को बिल में छोड़ दिया गया था।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह बिल उन्हें कभी नहीं दिखाया गया और इसे रातों-रात इतने गुपचुप तरीके से पास किया गया कि “कांग्रेस के सदस्य भी इसे ठीक से पढ़ नहीं सके”।
एलन मस्क के खुलासे और ट्रंप के जवाबी वार से अमेरिका की चुनावी राजनीति में नया मोड़ आ गया है। अगर एपस्टीन फाइल्स से संबंधित मस्क का दावा सही निकलता है, तो यह ट्रंप के चुनावी भविष्य के लिए घातक हो सकता है।
स्पेसएक्स का ड्रैगन प्रोग्राम रुकता है,तो अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय भूमिका कमजोर पड़ सकती है। आईएसएस और नासा की कई परियोजनाएँ बाधित हो सकती हैं।
यह विवाद यह भी दर्शाता है कि कैसे टेक्नोलॉजी कंपनियाँ सरकारी नीति से गहराई से जुड़ी होती हैं। सब्सिडी,टैक्स ब्रेक और कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे मुद्दों पर निजी और सार्वजनिक हित कैसे टकरा सकते हैं, इसका यह स्पष्ट उदाहरण है।
एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच का यह टकराव महज एक ट्विटर विवाद नहीं है। यह सत्ता,पूँजी,टेक्नोलॉजी और नैतिकता के टकराव की एक जटिल तस्वीर है, जिसकी गूँज न केवल अमेरिका में,बल्कि वैश्विक मंच पर भी सुनाई देगी। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे संभव हैं और तब यह देखना रोचक होगा कि कौन सही और कौन गलत साबित होता है।