तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तयैप एर्दोआन (तस्वीर क्रेडिट@TheMuslim786)

एर्दोआन की कोशिशें तेज,इस्तांबुल में पुतिन-ट्रंप शिखर सम्मेलन की संभावना पर चर्चा तेज

इस्तांबुल,26 जुलाई (युआईटीवी)- तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तयैप एर्दोआन ने इस्तांबुल में एक संभावित शिखर सम्मेलन आयोजित करने के प्रयासों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह इस हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात कर सकते हैं,ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इन दोनों नेताओं को इस्तांबुल में एक साथ लाया जा सकता है। एर्दोआन ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि शांति बहाली के लिए इन नेताओं को एक मंच पर लाया जाए।

एर्दोआन ने बताया कि तुर्किए के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने हाल ही में यूक्रेन संकट पर तीसरे दौर की वार्ता शुरू होने से पहले इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं। इससे पहले यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने अंकारा में भी उनसे मुलाकात की थी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य युद्धविराम और शांति बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाना था। हालाँकि,अब तक हुई वार्ताओं में सीमित प्रगति ही दर्ज की गई है।

तीसरे दौर की शांति वार्ता में कुछ मानवीय मुद्दों पर प्रगति हुई है। यूक्रेन और रूस के बीच कैदियों की अदला-बदली को लेकर सहमति बनी है और युद्ध के दौरान अपहृत यूक्रेनी बच्चों को वापस लाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। हालाँकि,युद्धविराम की शर्तों और राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन की संभावना को लेकर मतभेद अब भी बने हुए हैं।

यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच अगस्त के अंत तक एक बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के मुताबिक,शिखर सम्मेलन में ट्रंप और एर्दोआन की भागीदारी भी होगी। यूक्रेन का मानना है कि इन दोनों नेताओं की मौजूदगी वार्ता को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

हालाँकि,रूसी प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया है कि कुछ प्रक्रियाओं के पूरे होने तक ऐसी किसी बैठक पर विचार नहीं किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,रूस अभी युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री येरमक ने कहा है कि रूस अब भी युद्धविराम पर सहमत होने की स्थिति में नहीं है,लेकिन अभी भी समय है कि वह इस पर पुनर्विचार करे। येरमक ने कहा कि वास्तविक शांति का मार्ग युद्धविराम,पूरी सीमा रेखा पर स्थायी शांति और नागरिक बुनियादी ढाँचे पर हमलों को रोकने से ही शुरू हो सकता है।

यूक्रेन की ओर से वार्ता के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रतिनिधिमंडल प्रमुख रुस्तम उमेरोव ने कहा कि युद्धविराम पर अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। दूसरी ओर,रूसी प्रतिनिधिमंडल प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने भी यही बयान दोहराया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के विचार अभी भी एक-दूसरे से काफी अलग हैं।

इस्तांबुल में अब तक दो दौर की शांति वार्ताएँ हो चुकी हैं। पहली वार्ता 16 मई को और दूसरी 2 जून को हुई थी। इन वार्ताओं के बाद हजारों कैदियों की अदला-बदली संभव हो सकी,लेकिन युद्धविराम के मुद्दे पर कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई। लगभग दो महीने पहले हुई पिछली वार्ता के बाद रूस ने एक ज्ञापन जारी कर युद्धविराम के लिए अपनी शर्तें रखी थीं। इनमें यूक्रेनी सेना का निरस्त्रीकरण और रूस द्वारा 2022 में कब्जाए गए यूक्रेन के चार क्षेत्रों के अधिग्रहण को मान्यता देना शामिल था। हालाँकि,इन क्षेत्रों पर रूस की सैन्य पकड़ बनाए रखना लगातार चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

यूक्रेन ने नवीनतम वार्ता में अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से सामने रखा है। येरमक ने कहा कि यूक्रेन केवल तभी वास्तविक शांति पर विचार करेगा,जब रूस नागरिक इलाकों पर हमले बंद करेगा और पूरी सीमा रेखा पर युद्धविराम लागू किया जाएगा।

इस बीच,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के हफ्तों में पुतिन के प्रति सख्त रुख अपनाया है। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से पुतिन की आलोचना की है और कहा है कि यदि 50 दिनों के भीतर युद्धविराम नहीं होता है,तो अमेरिका रूस और उन देशों पर नए प्रतिबंध लगाएगा,जो मास्को के उत्पाद खरीदते हैं। ट्रंप ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वह क्रेमलिन के नेता से निराश हैं,लेकिन उन्होंने उनसे बातचीत के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं किए हैं। ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका ने एक समझौता कराया है,जिसके तहत यूक्रेन को और हथियार भेजे जाएँगे। इन हथियारों का भुगतान यूरोप के नाटो सहयोगी करेंगे।

दूसरी ओर, रूस अपनी शर्तों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। हाल ही में उसने यूक्रेन के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए,जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या एर्दोआन की कोशिशें रंग लाती हैं और इस्तांबुल में पुतिन,जेलेंस्की,ट्रंप और एर्दोआन को एक साथ लाकर शांति बहाली की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है। हालाँकि,मौजूदा परिस्थितियों में युद्धविराम की संभावनाएँ अभी भी धुँधली नजर आ रही हैं,लेकिन एर्दोआन की पहल ने उम्मीद की एक नई किरण जरूर जगा दी है।