नई दिल्ली,17 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया के प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद अली ने भारत-इथियोपिया साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में उनके असाधारण योगदान और एक वैश्विक राजनेता के रूप में दूरदर्शी नेतृत्व के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ से सम्मानित किया है। यह सम्मान न केवल प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है,बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और प्रभावशाली कूटनीति को भी रेखांकित करता है। इस ऐतिहासिक सम्मान पर देशभर में खुशी और गर्व का माहौल है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया। बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा अपने संदेश में अमित शाह ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जाना भारत के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा राजनेता के रूप में दिया गया 28वां सम्मान है,जो उनके नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद और विश्वसनीयता को दर्शाता है। शाह ने यह भी कहा कि यह सम्मान भारत और इथियोपिया के बीच मित्रता को और मजबूत करने वाला मील का पत्थर साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मान को विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध सभ्यताओं में से एक इथियोपिया से यह सम्मान प्राप्त करना उनके लिए अत्यंत गौरव की बात है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद अली,इथियोपिया की सरकार और वहाँ की जनता के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री अबी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों ने इथियोपिया में राष्ट्रीय एकता, स्थिरता और समावेशी विकास को मजबूती दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि यह सम्मान केवल उनका व्यक्तिगत सम्मान नहीं है,बल्कि उन सभी भारतीयों और इथियोपियाई नागरिकों को समर्पित है जिन्होंने सदियों से दोनों देशों के बीच मित्रता,विश्वास और सहयोग को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि वह इस पुरस्कार को 1.4 अरब भारतीयों की ओर से स्वीकार करते हैं और यह भारत-इथियोपिया के ऐतिहासिक रिश्तों की गहराई को दर्शाता है। उनके अनुसार,यह सम्मान वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सहयोग,साझेदारी और साझा विकास के सकारात्मक एजेंडे को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के निमंत्रण पर इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा पहुँचे थे। उनके आगमन पर इथियोपिया के प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट पर स्वयं उनका स्वागत किया। इस स्वागत का एक विशेष और आत्मीय क्षण तब देखने को मिला,जब प्रधानमंत्री अबी अहमद ने खुद गाड़ी चलाकर प्रधानमंत्री मोदी को होटल तक पहुँचाया। यह दृश्य दोनों नेताओं के बीच आपसी विश्वास,सम्मान और मित्रता का प्रतीक माना जा रहा है और इसकी देश-विदेश में काफी चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इथियोपिया में मिले इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा कि इथियोपिया द्वारा किया गया यह स्वागत अविस्मरणीय है और भारतीय समुदाय ने भी असाधारण स्नेह और आत्मीयता दिखाई। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत और इथियोपिया की मित्रता और भी अधिक मजबूत होगी। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट के साथ इथियोपिया यात्रा से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया,जिसमें दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव और जनता के उत्साह की झलक देखने को मिली।
भारत और इथियोपिया के बीच संबंध ऐतिहासिक रहे हैं और समय के साथ ये और गहरे हुए हैं। दोनों देश विकास,शिक्षा,स्वास्थ्य,रक्षा,कृषि और क्षमता निर्माण जैसे कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ अपने रिश्तों को नई दिशा दी है और इथियोपिया इस साझेदारी का एक अहम स्तंभ बनकर उभरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को मिला यह सर्वोच्च सम्मान भारत-अफ्रीका संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार,किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अब तक मिले 28 सम्मान यह दर्शाते हैं कि भारत वैश्विक मंच पर केवल एक उभरती शक्ति नहीं,बल्कि एक जिम्मेदार और प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता के रूप में पहचाना जा रहा है। यह सम्मान भारत की सॉफ्ट पावर, कूटनीतिक विश्वसनीयता और विकास-केंद्रित दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान मिलना न केवल उनके नेतृत्व की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है,बल्कि भारत और इथियोपिया के बीच मजबूत होते संबंधों और वैश्विक दक्षिण में भारत की बढ़ती भूमिका को भी उजागर करता है। यह क्षण हर भारतीय के लिए गर्व का है और आने वाले समय में दोनों देशों की साझेदारी को और नई ऊँचाइयों तक ले जाने का आधार बनेगा।
